Banshidhar Brajwasi: कभी केके पाठक के एक्शन का हुए थे शिकार, आज PK के अलावा नीतीश-लालू के कैंडिडेट को भी चटाई धूल
Banshidhar Brajwasi तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार वंशीधर ब्रजवासी की जीत हुई है। अंतिम उम्मीदवार जन सुराज के डॉ. विनायक गौतम का भी एलिमिनेशन हो गया है। मतगणना खत्म होने के बाद ब्रजवासी की जीत की घोषणा कर दी गई। राजद और जदयू उम्मीदवार का एलिमिनेशन पहले ही हो चुका था। बता दें कि वंशीधर ब्रजवासी का पुराना किस्सा बेहद दिलचस्प है।

डिजिटल डेस्क, पटना। तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार वंशीधर ब्रजवासी विजयी। जन सुराज के उम्मीदवार डॉ. विनायक गौतम को 11 हजार से अधिक वोटों से हराया।
22 वर्षों बाद तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से नया चेहरा एमएलसी बना है। राजद उम्मीदवार तीसरे और जदयू चौथे नंबर पर रहे। जदयू ने यह सीट गंवा दी।
सोमवार को शुरू हुई वोटों की गिनती कुछ देर पहले खत्म हुई। अंतिम राउंड में जन सुराज के उम्मीदवार डॉ. विनायक गौतम एलिमिनेट हुए। ब्रजवासी को 27774 वोट मिले। डॉ. गौतम को 16829 वोट मिले।
निर्देशों का उल्लंघन करने का था आरोप
बता दें कि ब्रजवासी पहले सरकारी शिक्षक रह चुके हैं। उनपर शिक्षा विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने कड़ा एक्शन लिया था। बताया जाता है कि उनपर केके पाठक के निर्देशों का उल्लंघन करने का आरोप लगा था।
वंशीधर पर इस साल मार्च में एक्शन लिया गया था। दरअसल, वह परिवर्तनकारी शिक्षक संघ से जुड़े थे। उनके साथ अन्य 19 शिक्षकों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
यह कार्रवाई संगठन की आड़ में लाठी और गुलदस्ता लेकर धरना प्रदर्शन करने के मामले में की गई थी। पहले तत्काल प्रभाव से वंशीधर का वेतन बंद कर दिया गया था। इसके अलावा, उनसे 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा गया था।
शिक्षा विभाग का यह था फरमान
- शिक्षा विभाग का कहना था कि शिक्षकों के किसी भी संगठन के बैनर तले या व्यक्तिगत रूप से सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन पर पूर्व में ही रोक लगा रखी है।
- इसके बावजूद परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ ने खुदीराम बोस स्मारक स्थल पर शिक्षकों के बीच लाठी बांटने का कार्य किया, जो शिक्षकीय चरित्र, दायित्व एवं आचरण के पूर्णतया प्रतिकूल है।
- इस मामले में संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर वंशीधर पर एक्शन हुआ था। हालांकि, बाद में उन्होंने विभागीय प्रक्रिया से सेवा मुक्ति ले ली थी।
व्यक्तिगत नहीं शिक्षकों के हित की लड़ाई
बता दें कि मतगणना के दौरान काउंटिंग हॉल पर मौजूद निर्दलीय वंशीधर बज्रवासी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें जो भी वोट मिल रहे हैं। वह शिक्षकों की संवेदना से जुड़ी है। यह मेरी व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है। यह सत्ता के विरुद्ध और शिक्षकों के हित की लड़ाई है।
वहीं, जनसुराज से डॉ. विनायक गौतम ने कहा कि किसी उम्मीदवार से प्रतिद्वंदिता नहीं है। यह सत्ता के खिलाफ लड़ाई है। मतदाताओं ने उनमें भरोसा दिखाया है।
वहीं जदयू से अभिषेक झा ने कहा कि अभी तो शुरुआती दौड़ है। कई राउंड और वरीयता क्रमांक के आधार पर काउंटिंग होती है। इसलिए अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।
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