जदयू से लेकर राजद और कांग्रेस से लेकर भाजपा... सबकी बढ़ेगी टेंशन! 1 MLA वाली पार्टी ने खोल दिए पत्ते
बिहार चुनाव 2025 की सरगर्मी बढ़ गई है। हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम भी मैदान में उतर रही है। ओवैसी ने एलान किया है कि उनकी पार्टी का फोकस सीमांचल क्षेत्र पर होगा। पिछली बार एआईएमआईएम ने 5 सीटें जीती थीं लेकिन बाद में 4 विधायक राजद में चले गए। अब ओवैसी की पार्टी फिर से अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने की कोशिश में है।
एजेंसी, पटना/तेलंगाना। साल के अंत में बिहार में विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) होने हैं। विधानसभा चुनाव को लेकर तमाम सियासों दलों ने समीकरण साधने शुरू कर दिए हैं। बीजेपी-जदयू, राजद-कांग्रेस व अन्य दलों ने जमीनी स्तर पर प्रचार प्रसार भी शुरू कर दिया है। इसी सबके बीच एक और बड़ी पार्टी की बिहार में एंट्री हो गई है।
हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM Chief Asaduddin Owaisi) ने एलान कर दिया है कि उनकी पार्टी एआईएमआईएम बिहार चुनाव लड़ेगी।
साफ है कि ओवैसी के एलान से बिहार में मौजूदा एनडीए और महागठबंधन को फर्क पड़ेगा। सियासी गलियारों में चर्चा है कि पिछली बार 5 सीटें जीतने वाली AIMIM दोनों ही मुख्य गठबंधनों में टेंशन जरूर पैदा करेगी।
सीमांचल पर होगा AIMIM का फोकस
गुरुवार को असदुद्दीन ओवैसी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उनकी पार्टी का स्पेशल फोकस सीमांचल क्षेत्र पर होगा। ओवैसी ने इस बात का भी खुलासा किया कि उनकी पार्टी ने बहादुरगंज विधानसभा सीट से अपने उम्मीदवार की घोषणा पहले ही कर दी है।
बता दें कि ओवैसी पार्टी के चुनाव अभियान के तहत 3 मई को बहादुरगंज और 4 मई को एक अन्य स्थान पर जनसभाओं को संबोधित करेंगे।
बिहार चुनाव को लेकर क्या बोले ओवैसी?
ओवैसी ने कहा, हम बिहार चुनाव लड़ेंगे। हमने बहादुरगंज से अपने उम्मीदवार की घोषणा भी कर दी है। 3 मई को बहादुरगंज में मेरी एक जनसभा है और 4 मई को एक अन्य स्थान पर। हम अच्छा चुनाव लड़ेंगे और हमारे उम्मीदवार पिछली बार से अधिक सफल होंगे और सीमांचल के लोग उन लोगों को सबक सिखाएंगे, जिन्होंने हमारे विधायकों को चुराया है।
2020 में AIMIM ने जीती 5 सीटें, 4 MLA चले गए RJD में
उल्लेखनीय है कि AIMIM ने पिछले विधानसभा चुनाव (2020) में मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र से पांच सीटें जीती थी। हालांकि, 2022 में इसके 4 विधायक राजद में चले गए।
अब ओवैसी की पार्टी के पास बिहार में सिर्फ 1 एमएलए है। वहीं, अब AIMIM का लक्ष्य आगामी चुनावों में अपना आधार फिर से बनाना और खोई हुई जमीन वापस पाना है।
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