बिहार में एक और परीक्षा में धांधली का खुलासा, चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति पर लगी रोक
बिहार में एसएससी द्वारा ली गई कृषि संयोजकों की नियुक्ति में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। इस मामले पर सुनावाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने नियुक्ति पर रोक लगा दी है।
पटना [जेएनएन]। ऐसा लगता है कि बिहार और परीक्षा घोटला एक दूसरे का पर्याय बन चुके हैं। रोज नये नये घोटालों से पर्दा उठ रहा है। कभी इंटर टॉपर घोटाला तो कभी बीएसएससी घोटाला। कभी पेपर लीक की घटना सामने आती है तो कभी पैसे लेकर नौकरी दिलाने का सच सामने आता है। अब एक और नया घोटाला सामने आया है। यह घोटाला कृषि संयोजकों की बहाली में। हाईकोर्ट ने इस बहाली में नियुक्ति पर रोक लगा दी है।
वर्तमान मामला कृषि संयोजकों की नियुक्ति से जुड़ा है। संयोजकों की नियुक्ति के लिए बिहार एसएससी ने परीक्षा ली थी। परीक्षा में भारी गड़बड़ी का मामला सामने आया है। वरीय अधिवक्ता वाईवी गिरि ने बताया कि जो लिस्ट बनी है वो गैरकानूनी है।
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बताया जा रहा है कि इस परीक्षा में आयोग ने मार्क्स में हेराफेरी की है, साथ ही तेरह ऐसे लोगों को प्रोन्नकति दी है जो ओवर एज हैं. इस मामले में राजीव नयन और अन्य की तरफ से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट के जज ने लगभग 4400 कृषि संयोजकों की नियुक्ति पर फिलहाल रोक लगा दी है।
राजीव नयन और अन्य की तरफ से दायर याचिकाओं पर न्यायमूर्ति रवि रंजन ने सुनवाई की।
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याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता वाईवी गिरी ने बहस की। उन्होंने कहा कि परमेश्वर राम के सचिव रहते कई तरह के घोटाले हुए हैं, जिसका सीधा खामियाजा योग्य उम्मीदवारों को भुगतना पड़ रहा है। इस प्रकरण की अगली सुनवाई 23 फरवरी को होगी।
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