Bihar New Airport: बिहार के 6 शहरों में विकसित होंगे एयरपोर्ट, सरकार ने अलॉट किए 150 करोड़ रुपये
बिहार सरकार ने उड़ान योजना के तहत छह जिलों के छोटे हवाई अड्डों को विकसित करने का फैसला किया है। इसके लिए 150 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। हाई स्कूल और इंटर स्कूलों में लिपिक और परिचारी के 50% पद अनुकंपा से भरे जाएंगे। पुस्तकालयाध्यक्षों की नियुक्ति के लिए नई नियमावली 2025 को मंजूरी दी गई है। सरकार 2025-26 में चना मसूर और सरसों की खरीद भी करेगी।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के छह जिलों में स्थिति छोटे हवाई अड्डों को सरकार उड़ान योजना के तहत विकसित करेगी। जिसके बाद यहां से छोटे विमानों का परिचालन होगा। कार्य तीव्र गति से और जल्द हो इसके लिए सरकार विमान पत्तन प्राधिकरण नई दिल्ली के साथ एक समझौता करेगी।
मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। इसके साथ ही हाई स्कूल और इंटर स्कूलों में लिपिक और परिचारी पद पर जो बहालियां होगी उनमें 50 प्रतिशत पद अनुकंपा से और शेष पद सीधी बहाली से भरे जाएंगे। आज की बैठक में कुल 20 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए।
इन छह जिलों के एयरपोर्ट किए जाएंगे विकसित
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि आज की बैठक में विमान पत्तन प्राधिकरण से करार का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया है। उन्होंने बताया कि फिलहाल जिन एयरपोर्ट को विकसित किया जाएगा उनमें मधुबनी, वीरपुर, मुंगेर, वाल्मीकि नगर, मुजफ्फरपुर और सहरसा हैं।
इन एयरपोर्ट को विकसित करने के लिए फिलहाल 150 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। प्रत्येक एयरपोर्ट के लिए 25-25 करोड़ का आवंटन मंजूर किया गया है। उन्होंने कहा कि हवाई अड्डा के निर्माण से राज्य और स्थानीय निवासियों को हवाई आवागमन की सुविधा मिलेगी साथ ही आर्थिक विकास में भी मदद मिलेगी।
पुस्तकालयाध्यक्ष संवर्ग नियमावली 2025 गठित की गई
राज्य के माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में विद्यालय पुस्तकालयाध्यक्ष के पद पर नियुक्ति के लिए सरकार ने बिहार राज्य विद्यालय पुस्तकालयाध्यक्ष (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त) संवर्ग नियमावली 2025 के गठन की स्वीकृति दी है।
नियमावली के तहत सरकार के नियंत्रणाधीन विद्यालयों में पुस्तकालयाध्यक्ष के नए संवर्ग का गठन किया गया है। इन पदों पर नियुक्ति सीधे राज्य सरकार के द्वारा आयोग के माध्यम से प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर की जाएगी। सरकार ने यह निर्णय शिक्षा के प्रभावी प्रबंधन और उसमें गुणवत्तापूर्ण सुधार के लिए लिया है।
चना, मसूर व सरसों की अधिप्राप्ति करेगी सरकार, एमसीपी भी तय
मत्रिमंडल ने यह निर्णय लिया है कि रबी विपणन मौसम 2025-26 में किसानों से चना, मसूर और सरसों की अधिप्राप्ति की जाएगी। इस कार्य को करने के लिए सरकार ने चना, मसूर और सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी तय कर दिया है। चना के लिए 5650 रुपये प्रति क्विंटल, सरसों के लिए 5950 रुपये प्रति क्विंटल और मसूर के लिए 6700 रुपये प्रति क्विंटल दर निर्धारित की गई है।
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