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    पहले सैलरी बढ़ी; अब नौकरी देंगे: बिहार में आशाओं की बल्ले-बल्ले, नीतीश के मंत्री ने कर दिया एलान

    Updated: Wed, 30 Jul 2025 06:13 PM (IST)

    सरकार के निर्णय का सीधा लाभ 91094 आशा कार्यकर्ताओं 4364 आशा फैसिलिटेटर्स और लगभग 4600 ममता कार्यकर्ताओं को मिलेगा। इसके अलावा आशा कार्यकर्ताओं को स्मार्टफोन के लिए 13180 रुपये और मोबाइल मोबाइल रिचार्ज के लिए दो सौ रुपये दिए जाएंगे। यही नहीं उन्हें दो साड़ियों के लिए 25 सौ रुपये भी दिए जा रहे हैं।

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    मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्री मंगल पांडेय ने कहा- प्रदेश में 29 हजार आशा कार्यकर्ताओं की बहाली जल्द होगी।

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में स्वास्थ्य विभाग जल्द ही करीब 29 हजार आशा कार्यकर्ताओं की बहाली करेगा। यह जानकारी बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने दी। वे विकास भवन स्थित स्वास्थ्य विभाग के सभागार में मीडिया से बात कर रहे थे। मंत्री पांडेय ने एनडीए सरकार द्वारा आशा एवं ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि में वृद्धि के निर्णय को ऐतिहासिक भी बताया।

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    उन्होंने कहा कि 2019 में जहां आशा कार्यकर्ताओं को हर महीने एक हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जा रही थी। जिसे अब तीन गुना बढ़ाकर तीन हजार रुपये कर दिया गया है। जबकि ममता कार्यकर्ताओं को प्रति प्रसव 300 रुपये की जगह अब 600 रुपये प्रोत्साहन दिया जाएगा। यह निर्णय स्वास्थ्य व्यवस्था को सशक्त बनाएगा और जमीनी स्तर पर कार्यरत महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन करेगा।

    मंत्री पांडेय ने कहा कि सरकार के निर्णय का सीधा लाभ 91,094 आशा कार्यकर्ताओं, 4,364 आशा फैसिलिटेटर्स और लगभग 4,600 ममता कार्यकर्ताओं को मिलेगा। इसके अलावा आशा कार्यकर्ताओं को स्मार्टफोन के लिए 13180 रुपये और मोबाइल मोबाइल रिचार्ज के लिए दो सौ रुपये दिए जाएंगे। यही नहीं उन्हें दो साड़ियों के लिए 25 सौ रुपये भी दिए जा रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि कि आशा एवं ममता कार्यकर्ता स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ की हड्डी हैं।

    आशा, ममता की वजह से स्वास्थ्य सेवाओं में सकारात्मक सुधार

    आशा और ममता कार्यकर्ताओं की वजह से स्वास्थ्य संकेतकों में सुधार हुआ है। गृह प्रसव की दर में कमी और संस्थागत प्रसव में वृद्धि हुई है। मातृ मृत्यु दर, जो वर्ष 2005 में 365 थी वो घटकर 91 हो गई है। शिशु मृत्यु दर अब 27 है, जो राष्ट्रीय स्तर के बराबर है। पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर 29 हो गई है। एचएमआइएस आंकड़ों के अनुसार टीकाकरण का आच्छादन अब 95 प्रतिशत तक पहुंच चुका है।

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