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    बिहार के लगभग एक लाख आशा-ममता कार्यकर्ताओं के मानदेय में वृद्धि का मिलेगा लाभ : सम्राट चौधरी

    Updated: Wed, 30 Jul 2025 02:15 PM (IST)

    गांव-गांव तक जाकर टीकाकरण संस्थागत प्रसव और अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों को धरातल पर उतारने जैसे कठिन कार्यों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आशा कार्यकर्ताओं को ₹1000 की जगह ₹3000 प्रतिमाह मानदेय और ममता कार्यकर्ताओं को प्रति प्रसव ₹300 की जगह ₹600 की प्रोत्साहन राशि देने का फैसला किया है

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    उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि नियुक्ति का भी फैसला है

     राज्य ब्यूरो, पटना। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार ने 94,664 आशा कार्यकर्ताओं और 5203 ममता कार्यकर्ताओं के मानदेय में वृद्धि करने के साथ ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 26,325 आशा कार्यकर्ताओं की नियुक्ति करने का भी फैसला किया है। 

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    साथ ही कहा कि गांव-गांव तक जाकर टीकाकरण, संस्थागत प्रसव और अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों को धरातल पर उतारने जैसे कठिन कार्यों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आशा कार्यकर्ताओं को ₹1000 की जगह ₹3000 प्रतिमाह मानदेय और ममता कार्यकर्ताओं को प्रति प्रसव ₹300 की जगह ₹600 की प्रोत्साहन राशि देने का फैसला किया है।

     उन्होंने कहा कि मानदेय वृद्धि से आशा और ममता कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं सशक्त होंगी। चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य सरकार कमजोर वर्गों की सामाजिक सुरक्षा के लिए लगातार बड़े फैसले कर रही है। इससे पहले  27 जुलाई को राज्य सरकार ने सफाई आयोग बनाने का निर्णय किया, जिससे 263 नगर निकायों के 4 लाख से अधित सफाई कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान होगा।

    सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि 600 रुपये बढाकर 1100 रुपये प्रतिमाह करने के बाद आशा और ममता कार्यकर्ताओं के मानदेय में भारी वृद्धि की गई है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन राशि बढने से 1 करोड़ 11 लाख लोगों को राहत मिली । हर गांव तक बिजली पहुंचाने का वादा पूरा करने के बाद मुख्यमंत्री ने बिना किसी भेदभाव के सबको 125 यूनिट बिजली फ्री देने का फैसला इसी महीने से लागू कर दिया। इससे 1 करोड़ 65 लाख परिवारों को लाभ हुआ।

        सात ही कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जहां मुफ्त राशन, उज्ज्वला गैस, पक्के मकान, शौचालय,  आयुष्मान कार्ड और जनधन खातों के जरिए करोड़ों लोगों को गरीबी से बाहर निकलने में मदद की, वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कमजोर वर्गोंं की सामाजिक सुरक्षा को मजबूत बनाया।