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    Rajgir News: बिहार में भी ले सकेंगे स्विट्जरलैंड का मजा, इस जिले में शुरू हुआ काम

    Updated: Fri, 07 Feb 2025 09:49 AM (IST)

    भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम गिरियक पर्वत श्रृंखला का रिविजिट करने पहुंची। इस दौरान टीम की अगुवाई कर रहे अधीक्षण पुरात्विद सुजीत नयन ने बताया कि गिरियक स्तूप की मरम्मत और विशेष साफ सफाई की कवायद शुरू होगी। गिरिव्रज एरिया बिहार का स्विट्जरलैंड बन सकता है। यहां मौजूद घोड़ा कटोरा पहाड़ी झील तथा सामने पंचाने नदी का विहंगम दृश्य है इस स्थान की सुंदरता को और बढ़ा देता है।

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    गिरियक पर्वत श्रृंखला को बिहार का स्विट्जरलैंड बनाने की तैयारी

    संवाद सहयोगी, राजगीर। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया- ASI) के अधिकारियों और विशेषज्ञों की टीम द्वारा गुरुवार को गिरियक पर्वत श्रृंखला का 2009 के बाद रिविजिट यानी पुनर्विलोकन किया गया।

    इस दौरान टीम की अगुवाई कर रहे अधीक्षण पुरात्विद सुजीत नयन ने बताया कि गिरियक स्तूप की मरम्मत और विशेष साफ सफाई सहित अन्य गतिविधियों की कवायद शुरू होगी।

    साइक्लोपियन वॉल के समकालीन पानी की टंकी

    इसके साथ ही यहां स्थित 50 वर्गमीटर का एक प्राचीन विशाल वाटर रिजर्वायर (जल भंडारण) टैंक भी पाया गया है। जिसे पत्थर को काटकर तराशकर बनाया गया है। यह पानी की टंकी पुरातात्विक महत्व की है। यह साइक्लोपियन वॉल के समकालीन प्रतीत होता है, क्योंकि यह टंकी साइक्लोपियन वॉल के समीप है।

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    विशाल बौद्ध मठ मंदिर

    इसी स्थान पर पत्थरों से निर्मित एक बौद्ध मठ मंदिर की एक विशाल संरचना भी पाई गई है, जिसका क्षेत्रफल लगभग 100 वर्गमीटर का है।

    स्तूप के नीचे से देखे जाने पर इस संरचना की उंचाई लगभग 100 फुट से भी अधिक प्रतीत होती है। इस मठ के संरचना के बाद भी एक और नक्काशीदार स्तूप भी मौजूद है।

    घोड़ा कटोरा पहाड़ी झील का मनोरम दृश्य

    इन सब संरचनाओं के ठीक पीछे घोड़ा कटोरा पहाड़ी झील तथा सामने पंचाने नदी का विहंगम दृश्य है, जो इस स्थल परिक्षेत्र को एक पैकेजिंग टूरिज्म के तहत सभी मानदंड पर खरा उतरता है। सुजीत नयन ने कहा कि इस पुनर्विलोकन में यह स्थान स्विट्जरलैंड का नजारा प्रस्तुत करता है।

    बिहार का स्विट्जरलैंड

    सुजीत नयन ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2009 में घोड़ा कटोरा पहाड़ी झील के विकास सह जीर्णोद्धार को लेकर सभी अधिकारियों के साथ सीएम नीतीश कुमार ने बैठक की।

    इस दौरान अनायास मेरे मुंह से इस परिक्षेत्र को बिहार का स्विट्जरलैंड की संज्ञा निकली थी। उस समय सभी के दृष्टिकोण में सहमति के भाव प्रतीत हुए थे।

    गिरियक पर्वत श्रृंखला रिविजिट करने पहुंचे अधिकारी।

    पास हीं में इंद्रशाल गुहा भी है, जहां बुद्ध और इंद्र में शास्त्रार्थ हुआ था। उन्होंने बताया कि यहां खुदाई के बाद मिले अवशेषों और संरचनाओं से पाषाण काल की सभ्यता संस्कृति, 1500-1600 बीसी से लेकर मुगल कालीन तक का खंडहर अवशेष मौजूद हैं। इस परिक्षेत्र का प्राचीन नाम गिरिव्रज हुआ करता था।

    उन्होंने कहा कि यहां मिले पत्थर निर्मित पानी टंकी, स्तूपा सहित अन्य खंडहर की विशेष साफ सफाई व मरम्मत कराई जाएगी, जो चुनौती से भरा हुआ है।

    इस दौरान सेवानिवृत्त सहायक अधीक्षण पुरातात्विक अभियंता सह बिहार विरासत समिति के विशेषज्ञ राधा क्रिस्टो, सहायक अधिक्षण पुरातात्त्विक अभियंता राजगीर भानु प्रताप सिंह, कंजर्वेशन असिस्टेंट इंचार्ज अमृता झा सहित अन्य शामिल थे।

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