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    गया, दरभंगा, छपरा समेत छह शहरों में लगेंगे कैमरे और ट्रैफिक सिग्नल; 487 करोड़ रुपये होंगे खर्च

    Updated: Thu, 06 Feb 2025 08:06 PM (IST)

    बिहार के छह प्रमुख शहरों - गया दरभंगा सहरसा पूर्णिया मुंगेर और छपरा में कैमरे और ट्रैफिक सिग्नल लगाए जाएंगे। इस योजना पर करीब 487.05 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इन शहरों में आम नागरिकों के लिए सुरक्षित और सुव्यवस्थित वातावरण तैयार करने के लिए हाई रिजोल्यूशन सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। प्रस्ताव को राज्य कैबिनेट की भी मंजूरी मिल गई है।

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    गया, दरभंगा, छपरा समेत छह शहरों में लगेंगे कैमरे और ट्रैफिक सिग्नल; 487 करोड़ रुपये होंगे खर्च

    राज्य ब्यूरो, पटना। राजधानी पटना, मुजफ्फरपुर और भागलपुर की तर्ज पर राज्य के आधा दर्जन अन्य प्रमुख शहरों में भी कैमरे और ट्रैफिक सिग्नल लगाए जाएंगे। इनमें दरभंगा, सहरसा, पूर्णिया, गया, मुंगेर और छपरा नगर निगम शामिल हैं। नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रस्ताव को राज्य कैबिनेट की भी मंजूरी मिल गई है।

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    इस योजना पर करीब 487.05 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी। इसकी जिम्मेदारी बेल्ट्रोन को दी गई है। वहीं, परामर्श के लिए आईआईटी रुड़की को लगाया गया है।

    विभागीय मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि शहरों में लगातार ट्रैफिक का दवाब बढ़ता जा रहा है, जिसके लिए ट्रैफिक व्यवस्था को व्यवस्थित करना बेहद जरूरी है। सीसीटीवी और ट्रैफिक सिग्नल के सहारे यातायात का प्रवाह कुशलता से होगा। साथ ही मॉनिटरिंग में भी आसानी होगी।

    इन शहरों में आम नागरिकों के लिए सुरक्षित और सुव्यवस्थित वातावरण तैयार करने के लिए हाई रिजोल्यूशन सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। इसके सहारे चोरी, लूट, छिनतई जैसी अप्रिय घटनाओं पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। साथ ही लापरवाही से वाहन चलाने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी।

    व्यस्त चौराहों की होगी पहचान:

    सीसीटीवी कैमरे लगने के बाद कंट्रोल रूम की मदद से डाटा लेकर देखा जाएगा कि शहर का सबसे व्यस्त चौराहा कौन-सा है। शहर में कितनी गाड़ियां हर रोज गुजर रही है।

    इसमें दो चक्का वाहन और चार पहिया वाहनों की संख्या कितनी है। अलग-अलग समय में ट्रैफिक का दबाव भी देखा जाएगा। उस हिसाब से रणनीति बनायी जाएगी ताकि यातायात संचालन में सहूलियत हो।

    सड़क दुर्घटना पीड़ितों की मदद में छोटे शहरों के लोग आगे

    राज्य में सड़क दुर्घटना पीड़ितों को मदद पहुंचाने में पटना, मुजफ्फरपुर और भागलपुर जैसे बड़े शहरों और जिलों की तुलना में छोटे शहर व जिले आगे हैं। पिछले सात सालों में राज्य के 1190 लोगों को दुर्घटना पीड़ितों की मदद करने के लिए गुड सेमेरिटन के रूप में सम्मानित किया गया है।

    इनमें सर्वाधिक 68 लोग औरंगाबाद के हैं। इसके बाद सारण के 62, समस्तीपुर के 57, मधुबनी के 52, मोतिहारी के 46 और अररिया के 45 लोग गुड सेमेरिटन का सम्मान पा चुके हैं।

    वहीं, इस मामले में सबसे फिसड्डी बक्सर जिला है जहां महज सात सालों में सबसे कम दस गुड सेमेरिटन को सम्मानित किया गया है।

    इसके बाद जहानाबाद के 11, बांका के 12 जबकि दरभंगा, खगडि़या और मधेपुरा के 16-16 लोगों को गुड सेमेरिटन का सम्मान मिला है। भागलपुर में 17, मुंगेर में 18, पटना में 19, मुजफ्फरपुर में 32 और गया में 36 गुड सेमेरिटन मिले हैं।

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