BPSC Success Story: नालंदा की कृतिका ने पास की बीपीएससी परीक्षा, बन गईं अफसर; सपनों को मिली उड़ान
नालंदा जिले के हरनौत की बेटी कृतिका भावना ने बीपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल कर प्रखंड कृषि पदाधिकारी बनने का गौरव प्राप्त किया है। कृतिका ने न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है। कृतिका की सफलता उन तमाम लड़कियों के लिए प्रेरणा है जो सपने देखने की हिम्मत रखती हैं। कृतिका ने बताया कि उन्हें गौतम बुद्ध के विचारों से प्रेरणा मिली।
जागरण टीम, हरनौत/सीतामढ़ी। नालंदा जिले के हरनौत की बेटी कृतिका भावना ने बीपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल कर प्रखंड कृषि पदाधिकारी बनने का गौरव प्राप्त किया है। कृतिका ने न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है।
सपनों को मिली नई उड़ान
हरनौत के नेहुसा गांव निवासी कृतिका भावना ने साबित कर दिया कि अगर हौसले बुलंद हों और परिवार का साथ मिले तो कोई भी मंजिल दूर नहीं होती। पिता विजय कुमार आजाद और माता स्वाति राज की प्रेरणा से कृतिका ने अपने लक्ष्य को हासिल किया।
कृतिका की शिक्षा
कृतिका की शिक्षा का सफर भी प्रेरणादायक रहा। उन्होंने लोयला स्कूल से मैट्रिक, नौबतपुर सरकारी हाई स्कूल से इंटर और बिहार एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, भागलपुर से स्नातक की पढ़ाई की। पहले ही प्रयास में बीपीएससी परीक्षा पास कर उन्होंने यह उपलब्धि हासिल की।
गौतम बुद्ध से मिली प्रेरणा
कृतिका ने बताया कि उन्हें गौतम बुद्ध के विचारों से प्रेरणा मिली। गांव में रहकर आगे बढ़ने का सपना देखा और माता-पिता ने हर कदम पर साथ दिया। उनका कहना है कि बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं, बस जरूरत है उन्हें आगे बढ़ाने की।
परिवार की भूमिका अहम
कृतिका दो बहनें हैं, लेकिन उनके माता-पिता ने कभी बेटा-बेटी में भेदभाव नहीं किया। उनके समर्थन और प्रोत्साहन से ही कृतिका ने यह मुकाम हासिल किया। उनका मानना है कि अगर हर बेटी को ऐसा परिवार मिले, तो सफलता की राह आसान हो जाएगी।
कृतिका की सफलता उन तमाम लड़कियों के लिए प्रेरणा है, जो सपने देखने की हिम्मत रखती हैं। उनका संदेश है कि सही दिशा, मेहनत और परिवार के सहयोग से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
किसान की बेटी शगुफ्ता बनी जिला कृषि पदाधिकारी
पताही थाना के नुनफरवा गांव किसान फैयजान राशिद की पुत्री डॉ. शगुफ्ता यासमीन बीपीएससी की परीक्षा पास कर जिला कृषि पदाधिकारी बनी हैं। सोमवार को परिणाम के बाद यह पता चला कि जिला कृषि पदाधिकारी के रूप में उसका चयन हुआ है उसके बाद बधाईयों का तांता लग गया। इस सफलता पर परिवार में खुशी का माहौल है।
ग्रामीण परिवेश में प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद शगुफ्ता अपने चाचा डॉ. रिजवान राशिद के पास मोतिहारी स्थित मठिया जिरात में रहकर मैट्रिक एवं इंटर की पढ़ाई की।
इसके बाद एसीआर की परीक्षा उत्तीर्ण कर केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा समस्तीपुर से बीएससी स्नातक की पढ़ाई पूरी की। अभी सबौर भागलपुर से स्नातकोत्तर की पढ़ाई करते हुए बीपीएससी की परीक्षा दी और सफलता हासिल कर ली।
वहीं, पिता फैयजान राशिद गांव में रहकर किराना दुकान का संचालन करते हुए किसानी का कार्य भी करते हैं। डॉ. राशिद ने बताया कि कड़ी मेहनत का परिणाम है कि शगुफ्ता को यह सफलता मिली है। शगुफ्ता ने इसका श्रेय अपने चाचा, पिता और मां को दिया है।
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