Antilia-SUV Case Latest Update: बिहार से जुड़ा मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक भरी कार रखने वाले का तार
Antilia-SUV Case Latest Update जांच के दौरान सुरक्षा एजेंसी ने जिस मोबाइल सिम को तिहाड जेल से बरामद किया है। वह समस्तीपुर के रहने वाले तहसीन के सेल से बरामद किया गया है जो आइएम से जुड़ गया है।

मुजफ्फरपुर, जासं। Antilia case: देश के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक वाली कार रखने के मामले में अब इसका तार बिहार से जुड़ गया है। जांच के दौरान सुरक्षा एजेंसी ने जिस मोबाइल सिम को तिहाड जेल से बरामद किया है। वह समस्तीपुर के रहने वाले तहसीन के सेल से बरामद किया गया है। वह आइएम से जुडा रहा है। 2011 के बाद से वह घर नहीं आया है। उसके पिता शिक्षक मो. वसीम अख्तर जबकि चाचा तकी अख्तर सूबे की प्रमुख पार्टी से जुड़े हैं। साजिश में नाम आने के बाद उसके गांव में तरह-तरह की चर्चा है।
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तिहाड़ जेल में बंद इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) का आतंकी तहसीन अख्तर उर्फ मोनू समस्तीपुर के कल्याणपुर थाना क्षेत्र के मनियारपुर गांव का निवासी है। गांव स्थित स्कूल में ही प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद उसे 2011 में दरभंगा के पॉलीटेक्निक में पढ़ाई करने चला गया था। वहीं इंडियन मुजाहिद्दीन के संपर्क में आया। कुछ ही दिनों में वह संगठन के मास्टर माइंड के रूप में जाना जाने लगा। एनआइए की टीम उसे खोजने लगी। उसके पिता ने उसी साल उसके लापता होने का मामला कल्याणपुर थाने में दर्ज कराया था।
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कई ब्लास्ट में नाम आया सामने
21 फरवरी 2013 के हैदराबाद ब्लास्ट के बाद तहसीन का नाम आइएम के सक्रिय सदस्य के रूप में सामने आया था। इसके पूर्व फरवरी 2013 के दूसरे सप्ताह में मुंबई एटीएस ने चार संदिग्ध आतंकियों की तस्वीर जारी कर 10-10 लाख के इनाम की घोषणा की थी। इसमें तहसीन दूसरे स्थान पर था। इस बीच सुरक्षा एजेंसियों की जांच में पटना ब्लास्ट का मास्टरमाइंड भी तहसीन ही निकला था। तहसीन ने 27 सितंबर 2013 को पटना के गांधी मैदान में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री व वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश भी रची थी। मोदी की उस चुनावी रैली के सीरियल ब्लास्ट किया गया था।
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कल्याणपुर भी पहुंची थी टीम
पटना, बोधगया, दिल्ली, हैदराबाद व मुंबई सहित अन्य बम ब्लास्ट में तहसीन का नाम आने के बाद एनआइए की टीम 2013 से 2014 के बीच उसकी खोज में कई बार कल्याणपुर पहुंची थी। मनियारपुर सहित कई स्थानों पर छापेमारी की थी। तहसीन को मार्च 2014 में पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग के नक्सलबाड़ी से गिरफ्तार किया गया था।
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