New Delhi Station Stampede: नाना-नानी के साथ महाकुंभ जा रही थी सुरुचि, भगदड़ में तीनों की मौत
दिल्ली के रेलवे स्टेशन पर कुंभ मेले में स्नान के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ में भगदड़ मचने से एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई। मृतकों में 11 वर्षीय सुरुचि कुमारी उनके नाना विजय साह और नानी कृष्णा देवी शामिल हैं। सुरुचि के मामा सुरक्षित हैं। हादसे की सूचना मिलते ही गांव में मातम पसर गया है।

जागरण टीम, सकरा/मोतिहारी/नवादा। दिल्ली स्टेशन पर महाकुंभ स्नान के लिए ट्रेन पकड़ने के लिए श्रद्धालुओं में भगदड़ मचने से नाना, नानी व नतनी की मौत हो गई। वहीं, मामा सुरक्षित हैं। तीनों के शव स्वजन गांव लेकर आ रहे हैं। सोमवार को सुबह सात बजे तक शव पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। रविवार को सुबह करीब 09:30 बजे रेलवे की एंबुलेंस शव के साथ स्वजन मुजफ्फरपुर व समस्तीपुर के लिए निकले हैं।
बताते चलें कि दिल्ली स्टेशन पर हुई भगदड़ में सकरा के बरियारपुर थाने के बहादुरपुर गांव निवासी मनोज साह की 11 वर्षीय पुत्री सुरुचि कुमारी और उनके नाना समस्तीपुर जिले के ताजपुर प्रखंड के ताजपुर कोठिया निवासी विजय साह व नानी कृष्णा देवी की मौत हो गई है। उनके साथ सुरुचि के मामा भी थे जो सुरक्षित हैं। मौत की सूचना सुरुचि के मामा ने स्वजन को दी।
दिल्ली में माता-पिता के साथ रहती थी सुरुचि
- बताते हैं कि सुरुचि माता-पिता के साथ दिल्ली में रहकर पढ़ाई करती थी। वह दो भाई-बहन में सबसे बड़ी थी। मनोज बच्चों के साथ दिल्ली में रहता है और गाड़ी चलाकर परिवार का भरण-पोषण करता है।
- महाकुंभ स्नान के लिए सुरुचि के नाना व नानी दिल्ली अपनी बेटी के यहां गए थे। सुरुचि को भी साथ लेकर जाना था, इसलिए चार लोग स्टेशन आकर प्रयागराज के लिए ट्रेन पकड़ने के लिए बैठ गए।
बताते हैं कि ट्रेन के आगमन के लिए घोषणा हुई। इसमें कहा गया कि प्रयागराज के लिए ट्रेन 14 नंबर प्लेटफॉर्म पर आ रही है। सभी लोग 14 नंबर प्लेटफॉर्म पर पहुंच गए। कुछ देर बाद फिर घोषणा हुई कि ट्रेन 16 नंबर प्लेटफॉर्म पर आ रही है। इस पर 14 नंबर प्लेटफॉर्म से सभी यात्री ट्रेन पकड़ने की जल्दबाजी में भागने लगे और भगदड़ मच गई। सभी को ट्रेन पकड़ने की जल्दी थी।
मामा ने खोजे तीनों के शव
कौन किसके नीचे दब गया किसी को नहीं पता चल सका। भगदड़ के बाद सभी ने एक-दूसरे की तलाश शुरू कर दी। सुरुचि व उसके नाना-नानी की खोज मामा ने की, तो तीनों के शव मिले।
घटना की जानकारी मिलने ही गांव में मातमी सन्नाटा पसरा है। शव के आने का इंतजार हो रहा है। सुरुचि के दादा नरेश साह व दादी सुनैना देवी का रो-रोकर बुरा हाल था। मुखिया गीता देवी का कहना था कि शव सुबह तक आ जाएगा।
मोतिहारी: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में मरने वालों में मोतिहारी की एक किशोरी भी
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में मोतिहारी की बेबी (16) की भी जान चली गई। वह मोतिहारी बाजार समिति के समीप के रहने वाले प्रभु साह की पुत्री थी। पिता प्रभु के साथ दिल्ली के बिजवासन में रहती थी। पिता दिल्ली में गार्ड की नौकरी करते हैं। इंटर पास बेबी भी एक प्राइवेट कंपनी में काम करती थी।
छठ के बाद से वह अपने पिता के साथ दिल्ली में रह रही थी। मोतिहारी शहर के हेनरी बाजार निवासी राजू साह की पत्नी शारदा देवी व पुत्री खुशी कुमारी के साथ वह महाकुंभ स्नान के लिए निकली थी। अचानक भगदड़ की चपेट में आ गई। घटना में बेबी की मौत हो गई, जबकि खुशी घायल है। उसका उपचार चल रहा है।
पिता शव लेकर मोतिहारी आ रहे हैं। मोतिहारी स्थित आवास पर उसकी मां गायत्री देवी हैं। बेबी पांच बहनों में सबसे छोटी थी। चार बहनों की शादी हो चुकी है।
भगदड़ में नवादा की 37 वर्षीय पिंकी देवी की गई जान
नई दिल्ली स्टेशन पर यात्रियों के बीच हुई भगदड़ में नवादा जिले के सिरदला प्रखंड अंतर्गत मानपुर गांव की 37 वर्षीय पिंकी देवी की दर्दनाक मौत दबने से हो गई। वह अपने पति उपेंद्र शर्मा के साथ दिल्ली संगम विहार में किराए के मकान पर रहकर आजीविका चला रहे थे।
पिंकी देवी के बड़े भाई सिरदला प्रखंड के अकौना निवासी संजय कुमार ने उस भयावह रात की कहानी बताते हुए कहा कि संगम विहार से वह अपने 12 परिवार के सदस्यों के साथ प्रयागराज कुंभ स्नान के लिए निकले थे। जिसमें उनके साथ उनकी इकलौती बहन पिंकी देवी भी थीं। स्टेशन पर पहुंचने के बाद अचानक से भीड़ अनियंत्रित हो गई। लोग एक दूसरे पर गिरने लगे। बहन भी उस भगदड़ का हिस्सा बनकर सीढ़ियों के पास गिर गई।
उन्होंने कहा कि हम सभी ने उन्हें काफी खोजने का प्रयास किया, लेकिन करीब आधे घंटे बाद वह अचेत अवस्था में मिलीं। इसके बाद उन्हें उनके भाई समेत उन सदस्यों ने होश में लाने का काफी प्रयास किया। स्थिति खराब देख रेलवे स्टेशन की पटरी से होकर बड़ी मशक्कत से वह अपनी बहन को लेकर किसी तरह से दिल्ली स्थित एलएनजेपी अस्पताल पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने जांच के उपरांत उन्हें मृत घोषित कर दिया। पिंकी देवी के बड़े भाई संजय कुमार इस घटना से काफी मर्माहत हैं।
उन्होंने बताया कि उनकी बहन को एक बेटी 14 साल की कृतिका 9 वर्ग में पढ़ाई करती है, जबकि बेटा 12 साल का प्रिंस सातवीं कक्षा में पढ़ता है। पति उपेंद्र शर्मा दिल्ली में ही लकड़ी (बढ़ई) का काम करते हैं। वे सभी दिल्ली स्टेशन पर प्रयागराज एक्सप्रेस से महाकुंभ जाने के लिए सीढ़ी से उतर रहे थे। तभी यह दुखद घटना हो गई।
उन्होंने इस इस पूरी घटना के लिए रेलवे प्रशासन को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि जब भीड़ एक दूसरे पर गिर रही थी उस समय कोई भी मदद के लिए पुलिस या अधिकारी उपस्थित नहीं थे। उन्होंने कहा कि रेलवे यदि पहले से सतर्कता बरत रही होती तो इतनी बड़ी घटना नहीं हुई होती। आज उनकी इकलौती बहन उनके साथ होती।
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