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    Muzaffarpur News: SC का बड़ा फैसला, करोड़ों दबाने वाले राइस मिलर से सख्ती से हो राशि की वसूली

    Updated: Thu, 02 Jan 2025 12:31 PM (IST)

    नीलाम पत्र वाद की कार्रवाई मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार का पक्ष लेते हुए कार्रवाई को सही ठहराया। अब वर्ष 2011-12 में धान के बदले चावल या उतनी राशि नहीं देने वाले प्रमादी राइस मिलरों पर सख्ती बरतकर राशि वसूली जाएगी बीएसएफसी के प्रबंध निदेशक ने इस बारे में सभी डीएम को भीा बकाया सीएमआर की राशि वसूलने के निर्देश जारी कर दिए हैं।

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    SC के फैसले से बढ़ेंगी प्रमादी राइस मिलरों की मुश्किल

    प्रेम शंकर मिश्रा, मुजफ्फरपुर। करीब दस वर्षों से सरकार के करोड़ों रुपये दबाकर रखने वाले प्रमादी राइस मिलरों से अब सख्ती से राशि की वसूली होगी। धान के बदले चावल या उतनी राशि नहीं देने वालों पर बिहार सरकार की नीलाम पत्र वाद की कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है। शीर्ष कोर्ट ने कार्रवाई पर रोक लगाने की प्रमादी मिलरों की याचिका को खारिज कर दिया।

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    वर्ष 2011-12 का है मामला

    इस आदेश के बाद बिहार राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम (बीएसएफसी) के प्रबंध निदेशक डॉ. एन सरवण कुमार ने सभी डीएम को वर्ष 2011-12 के प्रमादी मिलरों से बकाया सीएमआर की राशि वसूल करने को कहा है।

    नीलाम पत्रवाद पदाधिकारी को यह निर्देश देने के लिए कहा गया है कि मिलरों से शत-प्रतिशत बकाया राशि की वसूली की जाए।

    विदित को कि वित्तीय वर्ष 2011-12 में राज्य के सभी जिलों में राइस मिलों को धान दिया गया था। इसके बदले में मिलरों को सीएमआर (कस्टम मिल्ड राइस) वापस करनी थी। यह उपलब्ध कराए गए चावल का 67 प्रतिशत था।

    बड़ी संख्या में राइस मिलरों ने सीएमआर सरकार को नहीं दिया। इसके बाद उतने मूल्य की राशि के बकाये के लिए नीलाम पत्रवाद की कार्रवाई शुरू की गई। इसमें वारंट भी जारी किए गए।

    पावापुरी राइस मिल्स समेत 17 मिलरों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। पावापुरी बनाम राज्य सरकार एवं अन्य मामले में 18 दिसंबर को आदेश जारी कर बिहार सरकार की कार्रवाई को सही ठहराते हुए याचिका खारिज कर दी।

    मुख्य याचिकाकर्ता पावापुरी राइस मिल पर ही 16 करोड़ से अधिक का बकाया है। इसके अलावा याचिका में 28 और मिलरों की राशि का जिक्र किया गया है। याचिका से अलग राज्य में ऐसे मिलरों की संख्या 14 सौ के आसपास है। इनपर डेढ़ हजार करोड़ के करीब बकाया राशि है।

    इन मिलरों का याचिका में जिक्र

    • पवन कुमार- 41.99 लाख
    • राजेश कुमार मेहता- 1.64 करोड़
    • आमोद कुमार सिंह- 30.02 लाख
    • मनीष कुमार- 18.53 लाख
    • प्रणव कुमार सिंह- 1.86 करोड़
    • उमा राइस मिल- 88.44 लाख
    • मुजफ्फरपुर माडर्न राइस मिल-23.26 करोड़
    • चंद्रशेखर शाह- 38.44 लाख
    • राज कुमार राय- 2.92 करोड़
    • वकील प्रसाद यादव- 45.77 लाख
    • सुलेखा कुमारी- 26.28 लाख
    • शंकर राइस मिल- 53.43 लाख
    • अशोक कुमार- 82.96 लाख
    • अशोक कुमार- 4.62 लाख
    • नारायण राइस मिल- 20 लाख
    • सोन वैली राइस मिल- 4.66 करोड़
    • सचिंद्र कुमार राय- 3.56 करोड़
    • मां लक्ष्मी सिल्की राइस मिल- 5.21 करोड़
    • पुरुषोत्तम प्रसाद- 1.46 करोड़
    • गणेश प्रसाद जायसवाल- 28.24 करोड़
    • आकाश फीड प्रालि- 6.60 करोड़
    • मां जगदंबा राइस मिल- 2.20 करोड़
    • पूजा राइस मिल- 1.30 करोड़
    • गंगोत्री राइस मिल- 58.13 लाख
    • अविनाश कुमार सिंह- 9.92 करोड़
    • राकेश कुमार- 88.53 लाख
    • मुन्ना प्रसाद- 85.58 लाख

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