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    CBSE School: विरोध के बीच बैकफुट पर आए DEO, CBSE स्कूल में उर्दू पढ़ाने का आदेश लिया वापस

    Updated: Thu, 02 Jan 2025 12:01 PM (IST)

    बिहार के किशनगंज जिले में सीबीएसई स्कूलों में उर्दू पढ़ाने के आदेश को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी नासिर हुसैन ने सभी सीबीएसई स्कूलों में एक-एक उर्दू शिक्षक रखने और उर्दू पढ़ाने का आदेश दिया था जिसका विरोध शुरू हो गया। मामले को तूल पकड़ता देख इस आदेश को वापस ले लिया गया है। पहले की तरह ही व्यवस्था जारी रहेगी।

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    CBSE स्कूल में उर्दू पढ़ाने का आदेश वापस

    जागरण संवाददाता, किशनगंज। मुस्लिम बहुल किशनगंज जिले में जिला शिक्षा पदाधिकारी नासिर हुसैन द्वारा सीबीएसई स्कूल में एक-एक उर्दू शिक्षक अनिवार्य रूप से रखने और उर्दू अनिवार्य रूप से उर्दू पढ़ाने के आदेश दिए गए थे। 

    जिला शिक्षा पदाधिकारी के इस आदेश के बाद जिले में सियासी हलचल भी तेज हो गई थीं, मामले को तूल पकड़ता देखकर आनन-फानन में इस आदेश को वापस ले लिया गया है। किशनगंज डीएम विशाल राज ने पहले की तरह ही व्यवस्था जारी रखने के आदेश दिए हैं।

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    दिशा की बैठक का हवाला

    पूर्व के पत्र में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक का हवाला देते हुए कहा था कि जिले के सभी सीबीएसई बोर्ड वाले प्राइवेट स्कूल उर्दू शिक्षक रखकर पढ़ाई कराएं। सीबीएसई स्कूल संचालकों ने इस आदेश को मानने से इनकार कर दिया। भाजपा द्वारा इसे अव्यावहारिक आदेश बताया जा रहा है।

    छात्रों के हित के लिए लिया गया फैसला

    जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि दिशा की बैठक में स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा यह मुद्दा उठाया गया था, उसी आलोक में यह पत्र जारी किया गया। यह कोई विभागीय पत्र नहीं है। जनप्रतिनिधियों ने कहा कि सीबीएसई स्कूल में मुस्लिम छात्र पढ़ाई करते हैं।

    उन्हें उर्दू विषय रखने में कठिनाई होती है, क्योंकि स्कूल में उर्दू के शिक्षक नहीं होते हैं। उस कठिनाई को दूर करने के लिए सीबीएसई स्कूल वालों से उर्दू शिक्षक रखकर पढ़ाई करवाने का आदेश दिया गया था।

    भाजपा जिलाध्यक्ष ने उठाए सवाल

    बाल मंदिर स्कूल के सचिव त्रिलोक चंद जैन ने बताया कि सीबीएसई स्कूल सेंट्रल बोर्ड की गाइडलाइन के अनुसार संचालित होते हैं। इसके लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी को आदेश जारी कर उसे लागू कराने का कोई अधिकार नहीं है। भाजपा जिलाध्यक्ष सुशांत गोप ने कहा कि शिक्षा पदाधिकारी ने अपने मन से यह पत्र जारी कर दिया है।

    उन्हें यह फैसला नहीं लेना चाहिए। अगर दिशा में यह मामला उठा तो उन्हें सीबीएसई बोर्ड से इसके लिए पत्राचार करना चाहिए था।

    कांग्रेस विधायक ने बैठक में उठाया मुद्दा

    किशनगंज के कांग्रेस विधायक इजहारुल हुसैन ने कहा कि उन्होंने दिशा की बैठक में यह सवाल उठाया था। सीबीएसई स्कूल में उर्दू शिक्षक नहीं रहने के कारण उर्दू पढ़ने वाले छात्रों को परेशानी होती थी। अगर शिक्षा पदाधिकारी ने इसको लेकर पत्र जारी किया है तो उसे छात्रों के हित में मानना चाहिए।

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