Bihar Land Survey: जमीन सर्वे को लेकर सामने आई नई जानकारी, 20 जिलों में होने जा रहा यह काम; आ गया ऊपर से ऑर्डर
Bihar Land Survey बिहार में भूमि सर्वे से जुड़ी एक नई खबर सामने आई है। बिहार में टोपोलैंड का विशेष भूमि सर्वेक्षण और बंदोबस्त होगा। 20 जिलों के असर्वेक्षित राजस्व ग्रामों को इसमें शामिल किया जाएगा। खतियान और मानचित्रों की अस्पष्टता के कारण हो रही परेशानियों को दूर करने के लिए यह कदम उठाया गया है। सर्वेक्षण कार्य शीघ्र शुरू होगा।

बाबुल दीप, मुजफ्फरपुर। विशेष भूमि सर्वेक्षण के तहत अब तक टोपोलैंड को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया था, लेकिन अब इस असर्वेक्षित ग्राम की श्रेणी में आने वाले राजस्व ग्राम में भी सर्वे का कार्य किया जाएगा।
भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशक ने 20 जिलों के बंदोबस्त पदाधिकारियों को अविलंब कार्य शुरू करने को कहा है। जिले में भी इसे लेकर ऐसी भूमि की खोज शुरू कर दी गई है।
हालांकि, इसमें सबसे बड़ी दिक्कत खतियान और मानचित्र उपलब्ध नहीं होने के कारण आ रही है। जिन जिलों में यह उपलब्ध है भी तो ग्राम सीमा का निर्धारण, मानचित्र और अस्पष्ट खतियान है।
इस परिस्थिति में विभाग की ओर से चयनित अंचलों के मानचित्र के आधार पर इसका अवलोकन कर सर्वे कार्य शीघ्र शुरू करने को कहा है। बता दें कि टोपोलैंड वैसी भूमि है, जिसका कभी भी सर्वे नहीं हो पाया।
ऐसी भूमि अधिकांश नदियों के तट के किनारे वाली भूमि को कहा जाता है, जो प्रत्येक कुछ वर्षों पर अपना रास्ता बदल लेती है। जिससे नए भूखंड का निर्माण होता है।
इसलिए इस प्रकार की भूमि का आजतक सर्वे नहीं हो पाया। हालांकि वर्तमान में इन भूमि पर लोगों ने मकान बनाकर रहना शुरू कर दिया है। इसलिए राज्य सरकार ने टोपोलैंड की सर्वे कराने का निर्णय लिया है।
प्रथम चरण के सर्वे के लिए अनिवार्य
- विदित हो कि राज्य में प्रथम चरण का सर्वे कार्य किया जा रहा है। इसके लिए अंचलों का चयन कर वंशावली और स्वघोषणा पत्र प्राप्त किया जा रहा है।
- निदेशक ने कहा कि स्थानीय शहरी निकायों की सीमाओं के भीतर समाविष्ट क्षेत्रों को छोड़ शेष समस्त भूमि का सर्वेक्षण कार्य सभी अंचलों में चल रहा है।
- प्रथम चरण अंतर्गत पूर्व से चयनित अंचलों में चल रहे विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त कार्य को पूरा करने के लिए आवश्यक है कि चयनित अंचलों के टोपोलैंड अथवा असर्वेक्षित श्रेणी में आने वाली भूमि का भी सर्वे किया जाए।
- इसके आलोक में उन्होंने 20 जिलों के समाहर्ताओं को अविलंब कार्य शुरू करते हुए जानकारी देने को कहा है।
अप्रैल से शुरू होगा किस्तवार
जिले में करीब 26 लाख खेसरा की संख्या है, लेकिन अब तक मात्र 3.55 लाख रैयतों ने ही स्वघोषणा पत्र जमा दिया है। यह संख्या पिछले माह और भी कम थी।
इसमे तेजी लाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से प्रखंडों में जागरूकता अभियान चलाया गया। अब धीरे-धीरे रैयतों ने स्वघोषणा पत्र जमा करने में तेजी लाई है। इसी माह से किस्तवार का कार्य शुरू करने की तैयारी थी, लेकिन अब अप्रैल में शुरू होगा।
इन जिलों में टोपोलैड का होगा सर्वे
पश्चिम चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, अररिया, अरवल, बांका, बेगूसराय, जमुई, जहानाबाद, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मुंगेर, नालंदा, पूर्णिया, सहरसा, शेखपुरा और सुपौल में टोपोलैंड का सर्वे किया जाएगा।
जिले में टोपोलैंड नहीं है। विभागीय निर्देश के आलोक में इसका पता किया गया था, लेकिन हमारे पास जो रिकार्ड उपलब्ध है। उसमें टोपोलैंड नहीं है।-फिरोज अख्तर, जिला बंदोबस्त पदाधिकारी
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