रेलवे फर्जी भर्ती के जम्मू कश्मीर से जुड़े तार, टेरर फंडिंग की भी आशंका; जल्द खुल सकते हैं कई और राज
जम्मू-कश्मीर में बैठा एक व्यक्ति रेलवे भर्ती बोर्ड की फर्जी वेबसाइट बनाता था। जांच में कठुआ के रूपलाल का नाम सामने आया है जिससे टेरर फंडिंग की आशंका जताई जा रही है। जालसाज के जीमेल अकाउंट और मोबाइल नंबर मिले हैं। सोनपुर जीआरपी और आरपीएफ क्राइम ब्रांच की टीम उसे गिरफ्तार करने जाएगी जिससे देश में फर्जी भर्ती का बड़ा खुलासा हो सकता है।
गोपाल तिवारी, मुजफ्फरपुर। Railway Fake Bharti: रेलवे में फर्जी भर्ती मामले की जांच में एक नई बात सामने आई है। भर्ती के लिए रेलवे की जिस फर्जी वेबसाइट का इस्तेमाल किया गया उसे बनाने वाला जम्मू-कश्मीर के कठुआ का रहने वाला रूपलाल है। आर्थिक अपराध ईकाई (ईओयू) और साइबर सेल पटना की जांच में यह बात सामने आई है।
पाकिस्तान से तार जुड़े होने की आशंका
सोनपुर रेल पुलिस ने आशंका जाहिर की है कि इन जालसाजों के तार पाकिस्तान से जुड़े हो सकते हैं। फर्जी भर्ती से मिली बड़ी धनराशि का इस्तेमाल टेरर फंडिंग में भी होने की आशंका है।
ज्ञात हो कि पांच महीने पहले फर्जी भर्ती का मामला सामने आने के बाद इसके तार कई राज्यों से जुड़े मिले हैं। यहां तक कि जांच में जो बैंक खाते सामने आए, उससे काले धन को सफेद करने की बात भी आ चुकी है। इससे जुड़े गुजरात के एक खाते में 2500 करोड़ से अधिक राशि जमा होने का पता चला था।
नकली टीटीई के पकड़े जाने पर हुआ खुलासा
सोनपुर स्टेशन पर बीते तीन दिसंबर को टीटीई बन टिकट जांच करते पकड़े गए तीन युवकों से पूछताछ के बाद रेलवे में फर्जी भर्ती का मामला सामने आया था। तीनों को फर्जी तरीके से भर्ती की गई थी। भर्ती में रेलवे से मिलती-जुलती जिस फर्जी वेबसाइट का इस्तेमाल हुआ, उसकी जांच सोनपुर रेल पुलिस के आग्रह पर ईओयू और साइबर सेल पटना ने की।
कठुआ का रूपलाल बनाता था फर्जी वेबसाइट
उनकी जांच रिपोर्ट से पता चला है कि कठुआ का रूपलाल नामक जालसाज रेलवे की सभी फर्जी वेबसाइट बनाता था। रूपलाल का जीमेल अकाउंट सोनू सिंह इटीसी के नाम से है। उस मेल अकाउंट से वेबसाइट बनाने वाले आधा दर्जन संदिग्धों के मोबाइल नंबर भी सामने आए हैं। इन नंबरों की भी जांच की जा रही है।
देखा जा रहा कि उन मोबाइल नंबर का उपयोग कहां-कहां किया जा रहा है। उनका कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) निकाला जा रहा है। सभी नंबर चालू हैं। रिंग करने पर कॉल बैक भी आ रहा है।
जीआरपी पता लगाने में जुट गई है कि आखिर कठुआ में बैठा रूपलाल कौन है, उसका कनेक्शन किन-किन लोगों से है और फर्जी भर्ती में अभ्यर्थियों से ली गई बड़ी धनराशि को कहीं आतंकवादियों तक तो नहीं पहुंचाई गई?
इन सभी बिंदुओं पर जीआरपी थानाध्यक्ष ने छानबीन शुरू कर दी है। वरीय अधिकारियों से आदेश लेकर शीघ्र जीआरपी और आरपीएफ क्राइम ब्रांच की टीम रूपलाल की गिरफ्तारी के लिए जाएगी। पुलिस का कहना है कि रूपलाल की गिरफ्तारी के बाद देश में फैले रेलवे में फर्जी भर्ती का बड़ा पर्दाफाश होगा।
बता दें कि फर्जी भर्ती को लेकर अब तक देश के विभिन्न जीआरपी थानों, राज्य पुलिस के अलावा CBI भी केस कर चुकी है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) मुख्यालय के आदेश पर ईडी पटना की टीम भी जांच कर रही है।
आरआरबी के बीच में डाट लगाकर बनाते थे फर्जी वेबसाइट
जीआरपी की जांच में आरआरबी के बीच में डाट देकर आर.आर.बी कोलकाता, आर.आर.बी दिल्ली, आर.आर.बी चेन्नई, आर.आर.बी मुंबई आदि फर्जी वेबसाइट का उपयोग किया गया। रेलवे से मिलते-जुलते नाम की वेबसाइट के चलते भोले-भाले अभ्यर्थी झांसे में आए।
अभ्यर्थी जैसे ही अप्लाई करते, जालसाज उन्हें फोन करना शुरू कर देते थे। ट्रैप में लेने के बाद परीक्षा से लेकर रिजल्ट तक फर्जी घोषित किया जाता था। ट्रेनिंग, नौकरी के कागज दिलाने, किट मुहैया कराने और ज्वाइनिंग लेटर के नाम पर आठ से दस लाख रुपये लिए गए थे।
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