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    Muzaffarpur News: होली के बाद मुजफ्फरपुर में 51 लोगों को अचानक क्यों किया गया गिरफ्तार? सामने आई बड़ी वजह

    Updated: Mon, 17 Mar 2025 06:34 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर पुलिस ने विशेष अभियान चलाकर 51 आरोपितों को गिरफ्तार किया है जिसमें हत्या डकैती और शराब के मामले शामिल हैं। 27 लीटर देसी और 136 लीटर अंग्रेजी शराब जब्त की गई है। वहीं वाहन जांच अभियान में 80 हजार रुपये का जुर्माना किया गया है। दूसरी ओर पानापुर करियात थाने में युवक की पिटाई का मामला मानवाधिकार आयोग पहुंच गया है।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। जिले के विभिन्न थानों की पुलिस ने विशेष अभियान के दौरान 51 आरोपितों को गिरफ्तार किया है।

    इसमें हत्या मामले में सात, डकैती में एक और शराब के केसों में 23 समेत अन्य मामलों के आरोपित शामिल है। अभियान के दौरान 27 लीटर देसी व 136 लीटर अंग्रेजी शराब जब्त की गई है।

    इसके अलावा 16 वारंटों का निष्पादन किया गया है। वहीं वाहन जांच अभियान के दौरान यातायात नियम का उल्लंघन करने के मामले में 80 हजार रुपये का जुर्माना किया गया है।

    इसके अलावा एक आग्नेयास्त्र, तीन खोखा, तीन मोबाइल और तीन वाहन जब्त किए गए है। वरीय पुलिस अधीक्षक कार्यालय से जारी प्रेस विज्ञिप्त में इसकी जानकारी दी गई है।

    थाने के हाजत में युवक की पिटाई का मामला पहुंचा मानवाधिकार आयोग

    • मुजफ्फरपुर जिले के पानापुर करियात थाने की पुलिस द्वारा हाजत में बंद कर युवक की बेरहमी से पिटाई का मामला मानवाधिकार आयोग में पहुंच गया है।
    • पीड़ित परिवार ने मानवाधिकार अधिवक्ता एसके झा के माध्यम से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग व बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग में अलग-अलग याचिका दायर किया है।
    • इसमें पीड़ित परिवार ने पानापुर थानाध्यक्ष राजबल्लभ यादव पर गंभीर आरोप लगाया है। विदित हो कि चार दिनों पूर्व रौशन प्रताप सिंह रिश्तेदार अमन कुमार से मिलने थाना पहुंचे थे।
    • वहां पुलिस अमन कुमार को हाजत में बंद कर रखा था। पीड़ित परिवार का आरोप है कि थानाध्यक्ष राजबल्लभ यादव ने अमन कुमार को छोड़ने के एवज में जीजा रौशन प्रताप सिंह से एक लाख रुपये की मांग की।
    • जब इसका विरोध किया तो गुस्से में आकर थानाध्यक्ष ने रौशन प्रताप सिंह को भी हाजत में बंद कर दिया और उनका मुंह, हाथ तथा पैर बांधकर उनके साथ बेरहमी से मारपीट की।
    • जब परिवार के अन्य सदस्य वहां पहुंचे और दोनों को छोड़ने का आग्रह किया तो थानाध्यक्ष ने एक लाख रुपये की मांग की। आरोप है कि 70 हजार रुपये लेने के बाद थानाध्यक्ष ने दोनों को छोड़ा।
    • रौशन प्रताप सिंह की बाइक को पुलिस जब्त कर रखा है। उक्त बाइक को लौटाने के एवज में 30 हजार रुपये की मांग की जा रही है।

    ये है मामला

    विदित हो कि मारपीट में गंभीर रूप से घायल रौशन प्रताप सिंह को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कांटी ले जाया गया था, जहां से बेहतर इलाज के लिए उन्हें एसकेएमसीएच रेफर कर दिया गया।

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    मानवाधिकार अधिवक्ता एसके झा ने कहा कि मामला मानवाधिकार उल्लंघन के अतिगंभीर श्रेणी का है, और ऐसे मामले में कानूनी तथा न्यायिक पारदर्शिता बनाये रखने के लिए उच्चस्तरीय जांच की आवश्यकता है। इधर, पानापुर करियात थानाध्यक्ष राजबल्लभ यादव ने आरोप को निराधार बताया है।

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