PM Awas Yojana: पीएम आवास योजना को लेकर केंद्र सरकार ने उठाया बड़ा कदम, करोड़ों लोगों को मिलेगा लाभ
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत अब लाभार्थी हिंदी अंग्रेजी पंजाबी बांग्ला समेत आठ भाषाओं में खुद सर्वे कर सकते हैं। आवास प्लस 2024 और आवास सखी ऐप को अपग्रेड किया गया है जिससे क्षेत्रीय भाषाओं में सर्वे करना आसान हो गया है। मंत्रालय द्वारा इस ऐप के प्रचार-प्रसार पर जोर दिया जा रहा है ताकि लाभार्थियों को सुविधा हो और सही लाभार्थियों का चयन हो सके।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (PM Awas Yojana) के तहत सभी जिलों में सर्वे का कार्य किया जा रहा है। इस बार लाभुकों को स्वयं सर्वे करने का भी विकल्प दिया गया है। इसके लिए आवास प्लस 2024 और आवास सखी ऐप को ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से विकसित किया गया है।
अब इस ऐप को मंत्रालय ने और भी अपग्रेड कर दिया है। पहले इसमें सिर्फ हिंदी और अंग्रेजी में ही सर्वे करने का विकल्प दिया गया था, लेकिन अब इस ऐप में कुल आठ क्षेत्रीय भाषाओं को भी शामिल किया गया है।
हिंदी और अंग्रेजी के अलावा, पंजाबी, बांग्ला, गुजराती, मराठी, तमिल और उड़िया में सर्वे करने का विकल्प दिया गया है। केंद्र सरकार के इस कदम से करोड़ों भारतीयों को लाभ मिलेगा। वह आसानी से सर्वे में शामिल हो पाएंगे।
सभी भाषाओं को किया जाएगा अपग्रेड
मंत्रालय के अनुसार, अन्य क्षेत्रीाय भाषाओं को भी शीघ्र इसमें शामिल करते हुए अपग्रेड किया जाएगा। मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों को इस एप को लोकप्रिय बनाने के लिए व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार करने को कहा गया है।
बताया गया कि इस बार लाभुक स्वयं भी अपना सर्वे कर रहे हैं। कई क्षेत्रों में मात्र दो भाषा का विकल्प होने के कारण दिक्कत आ रही थी। इसे देखते हुए एप को और भी सुगम और यूजर फ्रेंडली बनाया गया है।
आवास सहायक लाभुकों को ऐप संचालन के बारे में देंगे जानकारी:
मंत्रालय के निर्देश के आलोक में ग्रामीण विकास विभाग, पटना के संयुक्त सचिव ने सभी उप विकास आयुक्त को इसकी जानकारी देते हुए प्रचार-प्रसार की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है।
आवास सहायकों को इसके लिए प्रशिक्षण दिया जा चुका है। लाभुकों को भी ऐप संचालन करने के बारे में जानकारी आवास सहायकों को देने को कहा गया है।
विदित हो कि जिले में अब करीब 48 हजार लाभुकों ने सेल्फ सर्वे किया है। इसका सत्यापन प्रखंड और जिला मुख्यालय स्तर पर किया जा रहा है। प्रखंड स्तर पर बीडीओ द्वारा 10 प्रतिशत और फिर जिला मुख्यालय में दो प्रतिशत डाटा का सत्यापन किया जाएगा।
इसमें जो फर्जी लाभुक होंगे, उनका नाम हटाकर स्वच्छ सूची तैयार कर मुख्यालय को भेज दिया जाएगा। वहां से सभी जिलों को लक्ष्य निर्धारित किया जाएगा।
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