Muzaffarpur News: कांटी हाजत में युवक की मौत मामले में बढ़ी पुलिस की मुश्किलें, NHRC ने 6 हफ्ते में मांगी रिपोर्ट
मुजफ्फरपुर के कांटी थाने में शिवम झा की हाजत में हुई मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने डीएम और एसएसपी से 18 बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने जवाब के लिए छह सप्ताह का समय दिया है। यह कार्रवाई मानवाधिकार अधिवक्ता एसके झा की याचिका पर की गई है। आयोग ने गिरफ्तारी हिरासत और पोस्टमार्टम समेत कई पहलुओं पर जानकारी मांगी है।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। कांटी थाने के हाजत में शिवम झा की मौत मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग ने डीएम व एसएसपी को नोटिस जारी कर 18 बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है। जवाब देने के लिए छह सप्ताह का समय दिया है। जवाब मांगे जाने से महकमे में हड़कंप है।
18 बिंदुओं पर मांगा गया जवाब
विदित हो कि पिछले दिनों कांटी थाने के हाजत में शिवम झा की मौत हो गई थी। मानवाधिकार अधिवक्ता एसके झा ने इस पर याचिका दायर की थी।
अब इस पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने डीएम व एसएसपी को नोटिस जारी करते हुए पूछा कि थाना हाजत में उक्त युवक की मौत किन परिस्थितियों में हुई। पूरे प्रकरण में 18 ऐसे बिंदु हैं, जिस पर जवाब आने के बाद ही मामले का पर्दाफाश हो सकता है।
मौत के सभी पहलुओं को किया गया शामिल
आयोग ने जिन बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है, उसमें मृत्यु के सभी पहलुओं को शामिल किया गया है। गिरफ्तारी व हिरासत का समय, स्थान व कारण सहित पूरी रिपोर्ट मांगी गई है। मृतक के खिलाफ दर्ज शिकायत व प्राथमिकी की कॉपी। गिरफ्तारी व निरीक्षण ज्ञापन की प्रति।
क्या गिरफ्तारी की सूचना परिवार/रिश्तेदार को दी गई थी। जब्ती व रिकवरी ज्ञापन की प्रति। मृतक के मेडिकल कानूनी प्रमाणपत्र की प्रति। सभी प्रासंगिक सीडी कैसेट की प्रति। घटनास्थल का साइट प्लान, जिसमें सभी विवरण हो। मृत्यु समीक्षा व पोस्टमार्टम रिपोर्ट। पोस्टमार्टम प्रक्रिया का वीडियो कैसेट या सीडी।
घटनास्थल का पूरा विवरण। विसरा की रासायनिक व हिस्टोपैथोलाजी। एफएसएल रिपोर्ट के आधार पर मौत का अंतिम कारण। मजिस्ट्रियल जांच रिपोर्ट। मजिस्ट्रिटयल जांच रिपोर्ट पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट। विभागीय या आपराधिक कार्यवाही का अंतिम परिणाम/स्थिति, यदि कोई हो। सीबी/सीआइडी जांच रिपोर्ट, यदि कोई हो।
अधिकारियों को यह भी बताने का निर्देश दिया कि हिरासत में मौत के इस मामले की रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर आयोग को क्यों नहीं दी गई। मानवाधिकार अधिवक्ता ने बताया कि पुलिस लॉकअप में किसी भी व्यक्ति की मौत होना, मानवाधिकार उल्लंघन का अति गंभीर मामला होता है।
मामले में आयोग गंभीरतापूर्वक प्रत्येक बिंदु की जांच करता है। उसके बाद ही कोई आदेश जारी करता है। हाजत में युवक की मौत मानवाधिकार उल्लंघन की अतिगंभीर श्रेणी का मामला है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एवं बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग ने अपने स्तर से जांच शुरू कर दी है।
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