Divorce Case: वैवाहिक विवाद में पत्नी का पति के पैतृक घर पर कब्जे का अधिकार नहीं, HC का अहम फैसला
पटना उच्च न्यायालय ने मुजफ्फरपुर के एक मामले में कहा कि वैवाहिक विवाद के बाद पत्नी को पति के साझा मकान पर कब्जा करने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने पत्नी को पति द्वारा दिए गए वैकल्पिक आवास में रहने का आदेश दिया है। मामला दीघरा गांव का है जहां बहू अपने सास-ससुर के मकान में रह रही थी।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने एक महत्वपूर्ण फैसले में वैवाहिक विवाद से जुड़े जिले के एक मामले की सुनवाई करते हुए यह स्पष्ट किया है कि वैवाहिक विवाद के बाद पत्नी को पति के साझे मकान पर कब्जा करने का अधिकार नहीं है।
कोर्ट ने आदेश दिया कि पत्नी को पति द्वारा उपलब्ध कराए गए वैकल्पिक आवास में रहना होगा। यह मामला मुजफ्फरपुर के दीघरा गांव से जुड़ा है, जहां एक महिला अपने सास-ससुर के मकान में रह रही थी।
कोर्ट पहुंचे सास-ससुर
सास-ससुर ने इस संबंध में न्यायालय का रुख किया था। हाई कोर्ट ने इस मामले में आदेश जारी करते हुए कहा है कि बहू को चार हफ्ते के भीतर साझा मकान खाली करना होगा और उसे पति द्वारा दिलाए गए वैकल्पिक घर में जाना होगा।
मिठनपुरा थाना के जगदीशपुरी लेन निवासी नैंसी कश्यप की शादी दिसंबर 2020 में हुई थी, लेकिन शादी के कुछ ही दिनों बाद पति-पत्नी के बीच विवाद रहने लगा और वे अलग रहने लगे। 2022 में बहू अपने माता-पिता के घर चली गई थी।
हालांकि, फरवरी 2024 की शाम को वह भारी पुलिस बल और अन्य लोगों के साथ अचानक अपने पति के पैतृक आवास दीघरा गांव पहुंच गई थी, जिसके बाद यह विवाद गहरा गया।
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