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    Muzaffarpur Metro: मुजफ्फरपुर में 2 और रूटों को मेट्रो से जोड़ने की उठी मांग, CM नीतीश तक पहुंची बात

    Updated: Mon, 06 Jan 2025 04:27 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर मेट्रो परियोजना में मड़वन से मुशहरी तक का रूट शामिल करने की मांग उठी है। इस रूट में शहर की अधिकांश आबादी रहती है और प्रमुख शैक्षणिक संस्थान व्यापारिक और औद्योगिक क्षेत्र भी इसी में स्थित हैं। प्रस्तावित मेट्रो कारिडोर में मड़वन से मुशहरी तक का रूट शामिल हो ताकि शहर की बहुसंख्यक आबादी को मेट्रो का लाभ मिल सके।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। शहर में प्रस्तावित मेट्रो परियोजना में मड़वन से मुशहरी तक के रूट शामिल होने चाहिए।

    शहर का विस्तार पश्चिम में मड़वन से पूरब में मुशहरी प्रखंड कार्यालय तक पहुंच चुका है। इस रूट में ही शहर की अधिकांश आबादी रहती है। बिहार विधान परिषद सदस्य वंशीधर व्रजवासी ने रविवार को समीक्षात्मक बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष यह बातें रखीं।

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    शहर का प्रखंड कार्यालय भी मुशहरी में अवस्थित

    • इसमें उन्होंने कहा है कि शैक्षणिक संस्थान से लेकर प्रमुख व्यापारिक और औद्योगिक क्षेत्र भी इसी रूट में अवस्थित हैं।
    • इस क्षेत्र के लिए कोई विचार नहीं किया गया है। शहर का प्रखंड कार्यालय भी मुशहरी में ही अवस्थित है।
    • इस इलाके में जिले के प्रमुख शैक्षणिक संस्थान है। युवा, व्यापारी, मजदूर व नौकरी पेशा के लोगों का आना-जान काफी है।
    • प्रस्तावित मेट्रो कारिडोर में मड़वन से मुशहरी तक का रूट भी शामिल हो, ताकि शहर की बहुसंख्यक आबादी को मेट्रो का लाभ मिल सके।
    • रेल इंडिया टेक्नीकल एंड इकोनामिक सर्विस (राइट्स) की मेट्रो को लेकर प्रारंभिक रिपोर्ट में जो स्थिति स्पष्ट की गई है उसमें मुजफ्फरपुर में केवल दो कारिडोर है।

    खेत में लौटी हरियाली, दो साल से अटका काम दो दिन में पूरा

    मुख्यमंत्री प्रगति यात्रा को लेकर नरौली में हर विभाग के अधिकारी जगह-जगह डटे रहे। पंचायत भवन से आश्रय स्थल जाने वाले मार्ग में किसान राजकिशोर सिंह स्प्रिंकलर से गेहूं पटवन कर रहे थे। उनके चेहरे पर इस बात की खुशी थी कि अब उनके खेत की हरियाली बरकरार रहेगी।

    उन्होंने कहा कि यह यात्रा न होती तो शायद और विलंब होता। दो साल से स्प्रिंकलर के लिए परेशान थे। बताया कि जिस एजेंसी ने लगाया, उसके लोगों ने बैनर लगा दिया। फोटो भी खींच रहे हैं।

    सीएम नीतीश ने कहा की पहली बार जब मुख्यमंत्री के आने की सूचना मिली तो उनके आवेदन पर सुनवाई होने लगी। दो से तीन दिन में सारी मशीन लग गई। सुबह से पटवन कर रहे हैं। उनके बगल में पटवन करा रहे श्याम किशोर सिंह ने कहा कि वह भी इस मशीन के लिए दो साल से परेशान थे।

    तीन माह पहले लगी थी दो मशीन

    इस संबंध में जिला उद्यान पदाधिकारी तारिक असलम ने बताया कि सीएम की यात्रा से पहले सड़क किनारे आठ स्प्रिंकलर लगी है। उस पंचायत में तीन माह पहले दो मशीन लगी थी।

    उन्होंने बताया कि आवेदन के बाद किसान को एजेंसी का चयन करना पड़ता है। उनको 25 प्रतिशत राशि देनी होती है। सरकार 75 प्रतिशत सहयोग करती है।

    किसान अपना हिस्सा समय पर दे दें तो विलंब नहीं हो। वैसे आवेदन करने के बाद एक माह के अंदर स्प्रिंकलर लग जानी चाहिए। कहा कि दो साल का समय कैसे लगा, इस संबंध में किसान से बातचीत करेंगे।

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