मुजफ्फरपुर में 120 करोड़ की लागत से बनेगी नई सड़क, दरभंगा NH से मिलेगी डायरेक्ट कनेक्टिविटी
चंदवारा में फेज दो के तहत भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू हो गई है। पुल निर्माण निगम ने अधिग्रहण के लिए जिला भू-अर्जन कार्यालय को अधियाचना भेजी है। छह सदस्यीय कमेटी भूमि का वर्गीकरण और दर निर्धारण करेगी। 2.9 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जाएगी जिससे चंदवारा और दरभंगा एनएच के बीच सीधी कनेक्टिविटी होगी। इस योजना से यातायात में सुधार होगा और जाम से राहत मिलेगी।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। चंदवारा में फेज दो के तहत भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पुल निर्माण निगम लिमिटेड की ओर से अधिग्रहण को लेकर जिला भू-अर्जन कार्यालय को अधियाचना भेजी गई है। मौजावार ब्योरा उपलब्ध कराया गया है। इसी अनुसार, भू-अर्जन कार्यालय की ओर से इसका अवलोकन कर आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
विभाग की ओर से भूमि अधिग्रहण पर खर्च होने वाली अनुमानित राशि का प्राक्कलन भी तैयार करने का अनुरोध किया गया है। इसके आलोक में अब जिला अवर निबंधक से अधिग्रहण की जाने वाली भूमि का एमवीआर तैयार कराया जाएगा।
6 सदस्यीय कमेटी करेगी मॉनिटरिंग
इसके बाद छह सदस्यीय कमेटी का गठन कर भूमि की किस्म, वर्गीकरण और दर निर्धारण किया जाएगा। इस दौरान रैयतों से दावा आपत्ति भी प्राप्त किया जाएगा। सभी बिंदुओं पर कार्य पूरा करते हुए अधिग्रहण पर खर्च होने वाली राशि का पूरा ब्योरा पुल निर्माण विभाग को समर्पित किया जाएगा।
इसे मुख्यालय को स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद राशि का आवंटन कर दिया जाएगा। जिला भू-अर्जन कार्यालय की ओर से रैयतों को मुआवजा भुगतान किया जाएगा।
2.9 किलोमीटर लंबी सड़क का होगा निर्माण
विदित हो कि चंदवारा में फेज दो के तहत करीब 120 करोड़ रुपये से 2.9 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया जाएगा। इस सड़क के बनने से शहर की सीधी कनेक्टिविटी दरभंगा एनएच से हो जाएगी। चंदवारा पुल भी बनकर तैयार है। नई सड़क पुल होते हुए एनएच तक पहुंचेगी।
इसके अलावा पुल का एप्रोच पथ भी बनाया जा रहा है, जो जेल रोड से होकर बखरी में मिलेगी। इन दोनों योजनाओं के पूर्ण होने के बाद दरभंगा जाने के लिए जीरोमाइल और अखाड़ाघाट में जाम के झाम में फंसने से निजात मिल जाएगा।
प्रशासन का एक और अहम फैसला, हर 10 हजार सोलर लाइट पर स्थापित होगा सर्विस सेंटर
राज्य स्तर पर लगाए जा रहे सोलर लाइट की उच्च स्तरीय मॉनिटरिंग की जाएगी। इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रत्येक 10 हजार सोलर लाइट पर एक-एक सर्विस सेंटर स्थापित किया जाएगा। दरअसल, पिछले दिनों मुख्य सचिव ने सोलर लाइट लगाने और इसके क्रियान्वयन की समीक्षा की थी। इस दौरान उन्होंने पाया कि खराब लाइट की मरम्मत समय से नहीं की जा रही है। विभाग तक भी लगातार इसकी शिकायत पहुंच रही है।
उन्होंने इसपर संज्ञान लेते हुए कहा कि सर्विस सेंटर स्थापित करने का निर्देश दिया और इसके क्रियान्वयन की जवाबदेही जिला पंचायती राज पदाधिकारियों को सौंपी गई। इसके अलावा जहां भी सोलर लाइट लगाए गए हैं, उसके पाल पर दो-दो वॉट्सऐप नंबर लिखें, ताकि लाइट खराब होने पर ग्रामीण भी इसकी सूचना अथवा शिकायत एजेंसी और प्रशासनिक पदाधिकारियों से कर सकें।
उन्होंने जून तक हर हाल में सभी वार्डों में शत प्रतिशत सोलर लगाने का कार्य पूरा करने की डेडलाइन निर्धारित की है। इसे लेकर सभी डीडीसी और पंचायती राज पदाधिकारियों को साप्ताहिक भ्रमण करने को कहा है, ताकि योजना का क्रियान्वयन ससमय पूरा हो सके।
- इसके अलावा, जहां सोलर लाइट लगाए गए हैं, उस स्थल का भी भ्रमण कर वहां पर वस्तुस्थिति का जायजा लेंगे, ताकि पता लग सके कि यह चालू अवस्था में है अथवा खराब है।
- एजेंसी शेड्यूल मेंटेनेंस कर रही है या नहीं, इसकी भी जांच करने को कहा है। अगर इसमें किसी प्रकार की लापरवाही पता लगनी है तो एजेंसी पर जुर्माना लगाने का निर्देश दिया है।
- विदित हो कि राज्य में 11 लाख 73 हजार लाइट लगाने का लक्ष्य निर्धारित है। जबकि अब तक करीब छह लाख सोलर लाइट लगाने का कार्य पूरा हो चुका है।
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