Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मुजफ्फरपुर के मुशहरी में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल-बेहाल, तीन डॉक्टरों के भरोसे 4 लाख की आबादी

    मुजफ्फरपुर के मुशहरी प्रखंड में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) को अभी तक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) का दर्जा नहीं मिल पाया है। चार लाख से अधिक की आबादी के लिए केवल तीन चिकित्सक उपलब्ध हैं। 2019 में नया भवन बनने के बावजूद सुविधाओं और चिकित्सकों की संख्या में वृद्धि नहीं हो पाई है। तीन चिकित्सकों पर चार लाख आबादी की स्वास्थ्य सेवा की जिम्मेदारी है।

    By Uma Shankar Edited By: Divya Agnihotri Updated: Mon, 21 Apr 2025 11:03 AM (IST)
    Hero Image
    तीन चिकित्सकों पर चार लाख आबादी की स्वास्थ्य सेवा

    संवाद सहयोगी, मुशहरी। स्वास्थ्य विभाग व्यवस्था में सुधार की मुहिम चला रहा है, लेकिन इसका असर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुशहरी में नहीं दिखाई दे रहा है। प्रखंड की आबादी करीब चार लाख 12 हजार है। स्थिति यह है कि यहां पीएचसी में मात्र तीन चिकित्सक ही हैं। इन्हीं के कंधों पर इतनी बड़ी आबादी की स्वास्थ्य सेवा है। इसमें भी एक संविदा पर हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    2019 में हुआ स्वास्थ्य केंद्र के भवन का निर्माण

    स्वास्थ्य विभाग की ओर से मुशहरी में वर्ष 2019 में स्वास्थ्य केंद्र के भवन का निर्माण कराया गया था। पांच साल के अंतराल में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की सुविधाएं मिलने लगीं। इसको अब तक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा सरकार या विभाग नहीं दे सका है।

    इससे यहां चिकित्सकों की संख्या में वृद्धि नहीं हुई और न ही सुविधाएं ही मिलीं। अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र के लिए चिकित्सक प्रतिनियुक्त है, लेकिन विभागीय निर्देशानुसार उनसे पीएचसी में कार्य नहीं लेना है। उनसे आग्रह कर सहमति के आधार ही सेवा ली जा सकती है।

    सीएचसी दर्जा मिलने से होगा सुधार

    अगर सीएचसी की मान्यता मिल जाए तो यहां सात चिकित्सक हो जाएंगे। वर्तमान में पीएचसी में छह बेड की सुविधा है, जो मान्यता मिलने के बाद 30 बेड हो जाएंगे। मैनपावर के साथ विभागीय सभी सुविधाओं में भी वृद्धि हो जाएगी।

    जनप्रतिनिधियों की उदासीनता

    स्वास्थ्य सेवा विस्तार के लिए पंचायती राज के किसी भी जनप्रतिनिधियों ने आवाज नहीं उठाई और न पंचायत समिति या जिला परिषद की बैठक में ही प्रस्ताव पारित किया। सरकार के नीति आयोग ने मुशहरी प्रखंड को आकांक्षी ब्लॉक में शामिल किया, जिसमें स्वास्थ्य सेवा भी एक मानक है।

    जिला प्रशासन ने अन्य सुविधाओं में वृद्धि के लिए काफी काम कराया, लेकिन सीएचसी की मान्यता नहीं मिल सकी। पांच वर्षों मे आधा दर्जन पत्र विभाग को भेजे गए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

    पीएचसी को सीएचसी का दर्जा मिलना जरूरी है। यह कार्य जनहित में अधिक महत्वपूर्ण है। इसके बाद भी अब तक किसी जनप्रतिनिधि ने इस मामले पर ध्यान नहीं दिया है।

    चंदन कुमार, बीडीओपीएचसी को सीएचसी का दर्जा दिलाने के लिए जिलाधिकारी को अनुशंसा पत्र भेज रहा हूं। इसके साथ ही विभागीय मंत्री और एसीएस से मिलकर इसके लिए बात रखेंगे।

    अमर कुमार पासवान, विधायक

    ये भी पढ़ें

    Sarkari Naukri: बिहार के लोगों के लिए खुशखबरी, जल्द होगी 20 हजार पदों पर भर्ती; सरकार ने AG से मांगी मंजूरी

    Muzaffarpur News: मुजफ्फरपुर के थानों में होने जा रहा बड़ा बदलाव, गृह विभाग ने दे मंजूरी