मुजफ्फरपुर जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर 7 और 8 नंबर पर 'खेला', रुस्तम ने कई यात्रियों को बनाया बेवकूफ
मुजफ्फरपुर जंक्शन पर फर्जी टीटीई मो. रुस्तम अली को आरपीएफ ने गिरफ्तार किया। वह पिछले तीन दिनों से यात्रियों से टिकट जांच के नाम पर पैसे वसूल रहा था। उसने मजदूर यात्रियों को निशाना बनाया और 1500 रुपये लेकर नकली टिकट दिखाया। पकड़े जाने पर उसके पास नकद एटीएम कार्ड और रेलवे का फॉल्स आईकार्ड मिला। आरोपित ने अन्य स्टेशनों पर भी वसूली की थी।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। मुजफ्फरपुर जंक्शन पर टिकट जांच के नाम पर यात्रियों से जबरन पैसा वसूलते फर्जी टीटीई को आरपीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। वह पिछले तीन दिनों से यात्रियों को अपना शिकार बना रहा था, जिसके बाद शक होने पर उसकी शिकायत आरपीएफ से की गई। पकड़े गए फर्जी टीटीई के पास से मोबाइल, विभिन्न बैंकों के सात एटीएम, कुछ नकदी, इंडियन रेलवे का फीता लगा हुआ आईकार्ड जैसा प्लास्टिक का रैपर बरामद किया गया है।
पकड़ा गया बदमाश मिठनपुरा थाना क्षेत्र के सब्रा कॉम्प्लेक्स, हाजी कॉलोनी, मिठनपुरा वार्ड-25 का रहने वाला मो. अब्दुल सत्तार का पुत्र मो. रुस्तम अली है। वहीं, आरोपित की गिरफ्तारी के बाद आरपीएफ ने मिठनपुरा थाने की पुलिस के सहयोग से उसके घर पर छापेमारी की, लेकिन कोई आपत्तिजनक सामान बरामद नहीं हो सका।
मजदूर तबके यात्रियों को बनाता था निशाना:
पकड़ा गया आरोपित गले में इंडियन रेलवे का एक फॉल्स आईकार्ड जेब में रखकर मजदूर तबके यात्रियों को डराकर पैसा वसूल रहा था। उसने सात नंबर प्लेटफॉर्म पर मोतिहारी जाने के लिए ट्रेन का इंतजार कर रहे मोतिहारी जिला के मधुबनी थाना क्षेत्र के संवगिया गांव वार्ड-दो के निवासी गोविंद राम को निशाना बनाया।
गोविंद राम सिकंदराबाद में मजदूरी का काम करता है और वह सिकंदराबाद से लौटा था, जहां मुजफ्फरपुर जंक्शन पर मोतिहारी जाने के लिए ट्रेन के इंतजार में खड़ा था। इस बीच आरोपित मो. रुस्तम ने अपने को टीटीई बताकर गोविंद से टिकट दिखाने को कहा।
टिकट दिखाया तो नकली बताकर 1500 रुपये ऐंठ लिया। टिकट भी रख लिया। अधार कार्ड और मोबाइल भी ले लिया। इस बात की जानकारी आरपीएफ इंस्पेक्टर मनीष कुमार, आरपीएफ इंस्पेक्टर भरत प्रसाद को मिली। उन्होंने एसआई गोकुलेश पाठक को फौरन गिरफ्तार करने को कहा। वहां से उसे पोस्ट पर लाया गया।
तीन दिनों में ऐंठ चुका था हजारो रुपये:
पूछताछ में चौंकाने वाली बात सामने आई है। यहां सात नंबर प्लेटफॉर्म पर तीन दिनों से टिकट जांच के नाम पर यात्रियों से हजारों रुपये ऐंठ चुका था। यह भी पता चला है कि वह मुजफ्फरपुर के अलावा मोतिहारी, बेतिया स्टेशन पर भी यही काम कर रहा था। वह ऐसा प्लेटफॉर्म चुनता था, जहां टीटीई कभी नहीं जाता हो।
मुजफ्फरपुर जंक्शन के सात-आठ नंबर प्लेटफार्म पर टीटीई की नगन्यता के कारण ऐसा घटना को अंजाम दिया जा रहा था। उसने यह भी बताया कि राकेश नाम का शख्स इसको दस हजार रुपये महीना पर टिकट जांच के लिए भेजा था। उसकी तलाश में आरपीएफ, जीआरपी जिला पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त रूप से छापेमारी कर रही है।
बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में भी पकड़ा था फर्जी टीटीई:
दस साल पहले भी बिहार संपर्क के स्लीपर कोच में टीटीई का वर्दी पहन कर स्लीपर कोच में टिकट जांच करते एक यात्री ने मोतिहारी के एक युवक को पकड़ कर जीआरपी के हवाले किया गया था। फर्जी टीटीई को बाद में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। ट्रेन में एक यात्री को असली टिकट को नकली बता कर पैसा ऐंठने का प्रयास कर रहा था। उसी दौरान यात्री ने पकड़ कर जीआरपी के हवाले किया।
कमर्शियल विभाग बेखबर:
पकड़ा गया फर्जी टीटी विगत तीन दिनों से मुजफ्फरपुर जंक्शन के प्लेटफॉर्म संख्या सात-आठ पर भोले-भाले यात्रियों से टिकट जांच के नाम पर वसूली कर रहा था, लेकिन कमर्शियल विभाग के किसी रेल कर्मियों को भनक तक नहीं लगी।
मुजफ्फरपुर जंक्शन पर एरिया अधिकारी के अलावा स्टेशन प्रबंधक, सीसीआई, डीसीआई, स्टैटिक टिकट जांच कार्यालय के अलावा काफी संख्या में एक्वायड आदि के टीटीई चेकिंग में रहते हैं। फिर भी किसी को पता नहीं चला।
टिकट चेकिंग कार्यालय में टीटीई की कमी:
स्टैटिक टिकट चेकिंग कार्यालय में पहले 35 टीटीई हुआ करते थे, लेकिन अब घटकर आधे से भी कम 11 हो गया है। इसमें कुछ लोग छूट्टी तो कुछ को शिवरात्रि मेला के लिए मुगलसराय तो कुछ को प्रयागराज भेज दिया गया है। ऐसे में बचे तीन-चार टीटीई के लिए आठों प्लेटफार्म को देखना संभव नहीं है।
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