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    Muzaffarpur: मोतीपुर थानाध्यक्ष को जांच में लापरवाही करना पड़ा भारी, वेतन से हर महीने कटेंगे 10-10 हजार रुपये

    Updated: Sun, 30 Mar 2025 10:09 AM (IST)

    मुजफ्फरपुर की एक अदालत ने किशोरी से दुष्कर्म के मामले में दस साल तक जांच पूरी नहीं करने पर मोतीपुर थानाध्यक्ष और विवेचक के वेतन से हर महीने 10-10 हजार रुपये काटने का आदेश दिया है। आदेश तब तक जारी रहेगा जब तक अंतिम प्रपत्र विशेष अदालत में दाखिल नहीं कर दिया जाता। अदालत ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को इस आदेश का पालन करने का निर्देश दिया है।

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    मोतीपुर थानाध्यक्ष के खिलाफ कोर्ट ने लिया बड़ा एक्शन

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। किशोरी से दुष्कर्म के मामले में दस वर्ष में भी जांच पूरी नहीं करने पर मोतीपुर थानाध्यक्ष व विवेचक के वेतन से 10-10 हजार रुपये प्रतिमाह कटौती करने का आदेश वरीय पुलिस अधीक्षक को दिया गया है। कटौती तब तक जारी रहेगी, जब तक अंतिम प्रपत्र विशेष कोर्ट में दाखिल नहीं कर दिया जाता।

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    यह आदेश अनन्य विशेष कोर्ट (पाक्सो) संख्या-दो ने दिया है। कोर्ट ने वरीय पुलिस अधीक्षक को इस आदेश के अनुपालन की सूचना देने का भी निर्देश दिया है।

    साल 2015 का है मामला

    मोतीपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की नाबालिग छात्रा के पिता ने 16 अक्टूबर 2015 को मोतीपुर थाना में प्राथमिकी कराई थी। इसमें कहा था कि 15 अक्टूबर की सुबह 3.30 बजे उसकी पुत्री शौच के लिए घर से बाहर निकली।

    सुबह पांच बजे तक वापस नहीं आई। उसकी खोजबीन कर ही रहे थे कि पड़ोसी गांव का एक व्यक्ति उसकी पुत्री को अपने साथ लेकर आ गया।

    गांव के युवकों ने अपहरण कर किया दुष्कर्म

    पुत्री ने बताया कि जब वह शौच के लिए निकली थी तो दो बाइक से गांव के अशोक कुमार राय, रविन्द्र कुमार राय, मुकुंद कुमार उर्फ बाबू साहेब व पप्पू कुमार ने उसका मुंह दबा कर अपहरण कर लिया।

    उसे बगल के एक गांव स्थित पॉल्ट्री फार्म में ले जाया गया, जहां अशोक कुमार राय ने दुष्कर्म किया। उसके बाद अन्य आरोपितों के साथ उसे घर पहुंचाने आ रहा था कि सड़क से गुजर रहे बगल के गांव के एक व्यक्ति को संदेह हो गया।

    उसने जब पूछताछ की तो सभी आरोपित उसे छोड़ कर भाग गए। इसके बाद उस व्यक्ति ने किशोरी को घर पहुंचा दिया।

    चौथे आरोपित की जांच नहीं कर पाई पुलिस

    • पुलिस ने इस मामले में 17 अक्टूबर 2015 को अशोक कुमार राय, मुकुंद कुमार उर्फ बाबू साहेब व पप्पू कुमार राय को गिरफ्तार किया। इन तीनों के विरुद्ध दस जनवरी 2016 को विशेष कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया।
    • वहीं इस मामले के एक आरोपित रविन्द्र कुमार राय के विरुद्ध पूरक जांच जारी रखी। पांच वर्ष पहले विशेष कोर्ट ने थानाध्यक्ष से इस मामले की जांच का प्रगति प्रतिवेदन मांगा, उसका कोई उत्तर नहीं दिया गया।

    इस संबंध में थानाध्यक्ष से कारण भी पूछा गया, लेकिन इसका भी कोई उत्तर नहीं मिला। तब विशेष कोर्ट ने इस संबंध में आदेश पारित किया। इस आदेश की प्रति आइजी व वरीय पुलिस अधीक्षक को भेजा गया। इसके बाद भी कोई कदम नहीं उठाया गया।

    इस पर विशेष कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि थानाध्यक्ष व विवेचक की घोर उपेक्षा के कारण यह मामला नौ वर्षों से पूरक जांच के लिए लंबित है।

    विशेष कोर्ट ने आदेश की अवहेलना व पूरक जांच पूरी नहीं करने पर मोतीपुर थानाध्यक्ष व विवेचक के वेतन से प्रतिमाह दस-दस हजार रुपये की कटौती का आदेश दिया है।

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