चांदनी चौक से बखरी तक बनने वाले फोरलेन निर्माण की मंजूरी मिल गई है। 89 करोड़ 77 लाख रुपये की लागत से बनने वाली इस सड़क से मुजफ्फरपुर शहर और हाईवे को जाम की समस्या से निजात मिलेगी। मार्च में टेंडर पूरा होने के बाद मई में निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। विभाग के कार्यपालक अभियंता ई. गणेश जी ने यह जानकारी दी है।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। शहर और हाईवे को जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए चांदनी चौक से बखरी तक (7.65 किमी) फोरलेन बनाने का कार्य मई से शुरू हो जाएगा। पिछले दिनों राज्य कैबिनेट की बैठक में इसे स्वीकृति प्रदान की गई थी। टू लेन से फोरलेन बनाने में 89 करोड़ 77 लाख रुपये खर्च होंगे।
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पथ निर्माण विभाग-1 को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। स्वीकृति मिलने के बाद विभाग की ओर से डीपीआर बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके बाद इसे स्वीकृति के लिए मुख्यालय भेजा जाएगा। फिर टेंडर की प्रक्रिया होगी। संभावना है कि मार्च में पथ का टेंडर पूरा कर लिया जाएगा।
मई में शुरू होगा फोरलेन का निर्माण
इसके बाद कागजी प्रक्रिया पूरी करने में और निर्माण एजेंसी को पहुंचने एवं सभी सेटअप तैयार करने में करीब एक माह का समय लग जाएगा, इसलिए मई में फोरलेन निर्माण कार्य शुरू करने की बात तय की गई है।
विभाग के कार्यपालक अभियंता ई. गणेश जी ने बताया कि नए वित्तीय वर्ष में काम शुरू होगा और इसकी समाप्ति से पहले इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस पथ में भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
बीच में डिवाइडर और किनारे बनेगा नाला:
- बताया गया कि पूर्व से टू लेन सड़क किनारे पथ निर्माण विभाग की पर्याप्त भूमि है। कुछ जगहों पर अतिक्रमण की समस्या जरूर है। इसे हटाने के लिए प्रशासनिक पदाधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा।
- अंचल अमीन की तैनाती कर भूमि की मापी कर सीमांकन का कार्य किया जाएगा। इससे यह भी पता लगेगा कि वहां पर कितनी भूमि शेष है।
- विभागीय रिकॉर्ड के अनुसार जो आकलन किया गया है, उसमें पाया गया कि अधिग्रहण की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। मापी और सीमांकन के बाद स्पष्ट रिपोर्ट प्राप्त हो जाएगी।
- उक्त मार्ग में सड़क के बीच में डिवाइडर भी बनाया जाएगा। इसके अलावा दोनों किनारे पर बड़े-बड़े नाले का भी निर्माण होगा।
अखाड़ाघाट फोरलेन पुल पर बड़ा अपडेट
दूसरी ओर, बूढ़ी गंडक नदी पर अखाड़ाघाट के समानांतर फोरलेन पुल का निर्माण शुरू हो गया है। निर्माण एजेंसी ने कैंप बना लिया है। मशीनरी और सामग्री की आपूर्ति भी कर ली गई है। 52 करोड़ रुपये से इस नए फोरलेन पुल का निर्माण किया जा रहा है। इसे लेकर कार्यस्थल से अतिक्रमण हटाया गया है। साथ ही एप्रोच पथ की राह में अतिक्रमण कर स्थाई और अस्थाई निर्माण करने वाले परिवारों को भी हटाया गया है।
निर्माण कार्य शुरू होने के बाद बुधवार से पुल निर्माण विभाग ने इसकी मानिटरिंग शुरू कर दी है। वरीय परियोजना अभियंता ई. रूबी रानी ने कार्यस्थल पर पहुंचकर निरीक्षण किया। एजेंसी के कर्मियों से कई बिंदुओं पर जानकारी ली। बताया गया कि नदी में जलस्तर अभी कम है, इसलिए पिलर गारने का कार्य शीघ्र शुरू करने का निर्देश दिया।
वरीय परियोजना अभियंता ने बताया कि दो वर्षों में कार्य पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। विभाग की ओर से इसकी मॉनिटरिंग की जाती है, ताकि निर्माण सामग्री की गुणवत्ता कैसी और किस प्रकार कार्य किया जा रहा है, इसकी सतत निगरानी की जा सके। साथ ही इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भी भेजी जाती है। मॉनिटरिंग करने की स्वीकृति मुख्यालय से मिलने के बाद निरीक्षण किया गया है।
एजेंसी को निर्माण सामग्री का प्रयोग करने में गुणवत्ता का विशेष रूप से ध्यान रखने को कहा गया है। इसके अलावा निर्धारित समय में कार्य पूरा करने का निर्देश दिया गया है।
एप्रोच पथ के निर्माण में बाधा समाप्त:
बताया गया कि एप्रोच पथ निर्माण में सबसे बड़ी अतिक्रमण थी, जो अब समाप्त हो गई है, इसलिए एप्रोच बनाने में अब समस्या उत्पन्न नहीं होगी। इसके लिए करीब एक एकड़ सरकारी भूमि का हस्तांतरण पुल निर्माण विभाग को किया जा चुका है, जबकि शेखपुर में पांच परिवारों से निजी भूमि का अधिग्रहण किया गया है। इसका मुआवजा भी शीघ्र भुगतान कर दिया जाएगा।
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