Muzaffarpur Crime News: बिहार में देर है; अंधेर नहीं, 37 साल बाद गोलीबारी के मामले में मिला न्याय
बिहार में देर है अंधेर नहीं... यह बात हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि 37 वर्ष पहले के गोलीबारी के मामले में अब दोषियों को सजा हुई है। घटना को लेकर दो पक्षों ने अलग-अलग मामले दर्ज कराए थे। मामले में एक पक्ष के पांच दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। वहीं दूसरे पक्ष के तीन लोगों को सात साल कारावास की सजा सुनाई गई है।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर : बरूराज थाना क्षेत्र के विशुनपुर होरिल गांव में 37 वर्ष पहले दो पक्षों में गोलीबारी के अलग-अलग मामले दर्ज कराए गए थे।
37 वर्ष पहले के मामलों में अब अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-प्रथम नमिता सिंह के कोर्ट ने दोनों पक्षों के आठ दोषियों का गुरुवार को सजा सुनाई है।
एक पक्ष के पांच दोषियों को आजीवन कारावास की सजा
इसमें हत्या के मामले में एक पक्ष के पांच दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। आजीवन कारावास की सजा पाने वालों में जितेंद्र तिवारी, बजरंगी तिवारी, कमलेश्वर तिवारी, अशोक चौधरी व शिवचंद्र चौधरी शामिल हैं। सभी दोषियों को 35-35 हजार रुपये जुर्माना भी देना होगा।
दूसरे पक्ष के तीन दोषियों को सात साल कारावास की सजा
वहीं, गोली मारकर जानलेवा हमले के दूसरे पक्ष के दोषियों उमेश चौधरी, रमेश चौधरी व वीरेंद्र चौधरी को सात साल कारावास की सजा सुनाई गई है। इनको 26-26 हजार रुपये जुर्माना देना होगा।
हत्या के मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक बच्चा पाठक व जानलेवा हमले के मामले में अपर लोक अभियोजक डॉ. संगीता शाही ने कोर्ट के समक्ष साक्ष्य पेश किए।
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दोनों पक्षों में हुई थी गोलीबारी
37 साल पहले बरूराज थाना के विशुनपुर होरिल गांव में भूमि विवाद में विनोद चौधरी की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इस संबंध में उसके पिता बैजनाथ चौधरी ने 27 जुलाई 1986 को बरूराज थाना में जितेंद्र तिवारी, कमलेश्वर चौधरी, शिवचंद्र चौधरी, अशोक चौधरी व बजरंगी तिवारी को आरोपित बनाया था।
वहीं, दूसरे पक्ष के रामचन्द्र चौधरी ने जानलेवा हमला करने व गोली मारने का आरोप लगाते हुए विरेन्द्र चौधरी, रमेश चौधरी, उमेश चौधरी समेत 12 को नामजद आरोपित बनाया था।
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