Updated: Wed, 18 Dec 2024 01:54 PM (IST)
डीएम सुब्रत कुमार सेन ने दाखिल खारिज के 85 प्रतिशत से कम निष्पादन करने वाले सीओ और राजस्व कर्मचारियों की छुट्टी रद कर दी है। उन्हें 10 दिनों के अंदर 9 ...और पढ़ें
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। दाखिल खारिज का 85 प्रतिशत से कम निष्पादन करने वाले सीओ और राजस्व कर्मचारियों की छुट्टी रद कर दी गई है। डीएम सुब्रत कुमार सेन ने उक्त आदेश जारी किया।
यह तब तक लागू रहेगा, जब तक वे 90 प्रतिशत से अधिक आवेदनों का निष्पादन नहीं कर लेते। सरकार की विकासात्मक और जनकल्याणकारी योजनाओं की मंगलवार को समाहरणालय सभागार में डीएम ने समीक्षा की।
उन्होंने 10 दिनों के अंदर सभी सीओ को 90 प्रतिशत आवेदनों के निष्पादन करने का लक्ष्य दिया है। अगर निर्धारित समय के अंदर लक्ष्य प्राप्ति नहीं हुई तो आगे की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी। 80 प्रतिशत से कम प्रदर्शन वाले अंचलाधिकारी एवं राजस्व पदाधिकारी से स्पष्टीकरण करने को कहा।
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शुक्रवार को कार्य के प्रगति की पुनः समीक्षा करने की बात कही। समीक्षा में पाया गया कि मोतीपुर 76 प्रतिशत, बोचहां 78 प्रतिशत, औराई 80.31 प्रतिशत, कटरा 81 प्रतिशत, मीनापुर 81 प्रतिशत, सकरा 82 प्रतिशत, बंदरा 82 प्रतिशत, साहेबगंज 88 प्रतिशत और मुशहरी अंचल में दाखिल खारिज के 79 प्रतिशत आवेदन निष्पादित किए गए।
सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले मड़वन 95 प्रतिशत और पारू 95 प्रतिशत है। जिलाधिकारी ने डीसीएलआर एवं एसडीओ को अंचलों का निरीक्षण कर नियमित समीक्षा करने को कहा।
परिमार्जन में 50 प्रतिशत से भी कम निष्पादन
परिमार्जन के मामलों की समीक्षा करते हुए पाया गया कि साहेबगंज अंचल में सबसे कम महज 30 प्रतिशत सबसे कम निष्पादन हुआ है।
कांटी 33 प्रतिशत, गायघाट 36 प्रतिशत, सकरा 40 प्रतिशत, मीनापुर 41 प्रतिशत, मुशहरी 41 प्रतिशत, कटरा 42 प्रतिशत, कुढ़नी 43 प्रतिशत, बंदरा 43 प्रतिशत, बोचहां 44 प्रतिशत, मोतीपुर 44 प्रतिशत, औराई 44 प्रतिशत, पारू 72 प्रतिशत है। जिलाधिकारी ने सुधार लाने की चेतावनी दी।
भूमि मापी की समीक्षा करते हुए डीएम ने अंचलों में पदस्थापित अमीन को प्रतिदिन की मापी का दायित्व निर्धारित कर लंबित मापी के मामलों का शीघ्र निष्पादन करने का निर्देश दिया तथा एसडीओ एवं डीसीएलआर को मानिटरिंग करने को कहा।
स्पांसरशिप योजना के तहत 105 लाभुकों की स्वीकृति
- स्पांसरशिपर योजना के तहत जिलाधिकारी द्वारा मंगलवार को 105 लाभुकों की स्वीकृति प्रदान किया गया। इसमें प्रत्येक लाभुक को प्रतिमाह तीन साल तक चार हजार रुपये दिए जाते हैं।
- इस योजना के तहत अनाथ बच्चे, विधवा की बेटा/बेटी, वैसे बच्चे जिनके माता-पिता जानलेवा गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, वैसे बच्चे जिनके माता-पिता दोनों शारीरिक मानसिक रूप से अक्षम हैं, तलाकशुदा परित्यकता महिला के बच्चों को, इस योजना के तहत राशि अभिभावक एवं बच्चा के संयुक्त खाते में जाता है।
- आवेदन करने के लिए अभिभावकों को जिला बाल संरक्षण इकाई में जाकर स्वयं आवेदन भर कर जमा करना है। बैठक में नगर आयुक्त समेत अन्य मौजूद रहे।
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