लालू के खास रघुनाथ झा के बेटे को तेजस्वी यादव ने इस वजह से दिखाया राजद से बाहर का रास्ता
शिवहर के पूर्व विधायक अजीत कुमार झा को पार्टी से छह साल के लिए निष्काषित किए जाने के बाद गरमाई सियासत। इसे सीतामढ़ी के पूर्व सांसद सीताराम यादव के पार्टी छोड़की जाने के बाद राजद की ओर से किए जा रहे डैमेज कंट्रोल का हिस्सा माना जा रहा।

शिवहर, [नीरज]। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 संपन्न होने के बाद एकबार फिर से शिवहर और सीतामढ़ी की सियासत में गर्माहट आ गई है। हालांकि यह राजद की गतिविधियों के कारण है। यहां के पूर्व विधायक सह राजद नेता अजीत कुमार झा समेत तीन नेताओं को राजद द्वारा छह साल के लिए पार्टी से निकाले जाने के बाद शिवहर की सियासत में उबाल महसूस किया जा रहा है। हालांकि, अजीत कुमार झा और उनके पुत्र नवनीत कुमार झा विधानसभा चुनाव के दौरान ही राजद को गुुडबाय कह चुके थे। ऐसे में अजीत कुमार झा के खिलाफ की गई कार्रवाई का कोई मतलब नहींं है। लेकिन, राजनीति के जानकारों की मानेंं तो अजीत कुमार झा के खिलाफ की गई कार्रवाई राजद के डैमेज कंट्रोल का हिस्सा है। वजह, सीतामढ़ी के कद्दावर नेता माने जाने वाले पूर्व सांसद सह पूर्व मंत्री सीताराम यादव का दो दिन पूर्व ही राजद छोड़ भाजपा का दामन थामना है।सीताराम यादव के पार्टी छोड़ने के चलते राजद द्वारा शिवहर में अजीत कुमार झा समेत तीन के खिलाफ कार्रवाई की गई। ताकि, जनता और कार्यकर्ता का मनोबल बना रहे। शिवहर और सीतामढ़ी की सियासत का असर एक-दूसरे पर पड़ता रहा है। जबकि, शिवहर की सियासत से न केवल बिहार बल्कि देश की सियासत भी प्रभावित होती रही है।
टिकट बंटवारे के साथ ही शिवहर राजद में पड़ी थी फूट
शिवहर में विधानसभा चुनाव की अधिसूचना के साथ ही राजद में बिखराव आ गया था। चेतन आनंद को प्रत्याशी बनाए जाने का जबरदस्त विरोध हुआ था। पार्टी में बड़ी फूट पड़ी थी। जिलाध्यक्ष ठाकुर धर्मेंद्र सिंह और उपाध्यक्ष श्रीनारायण सिंह समेत दर्जनों नेताओं ने इस्तीफा दे दिया था। जबकि, अजीत कुमार झा बीमार होने की वजह से अपने पुत्र नवनीत कुमार झा के लिए टिकट की दावेदारी कर रहे थे। लेकिन, पार्टी ने नवनीत की बजाए चेतन को तरजीह दी। लिहाजा, नवनीत कुमार झा ने राजद की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। वहीं शिवहर में सीएम नीतीश कुमार की जनसभा में जदयू की सदस्यता हासिल की थी। विधानसभा चुनाव में अजीत कुमार झा व उनके पुत्र नवनीत कुमार झा ने राजद प्रत्याशी का विरोध किया था। दोनों के राजद से अलग होने के बाद संगठन कमजोर हो गया था। आनन-फानन में पार्टी ने मो. इश्तियाक अली खां को जिलाध्यक्ष बनाकर संगठन को मजबूत करने की पहल की थी। तमाम विरोध के बावजूद राजद ने न केवल शिवहर बल्कि पड़ोस की बेलसंड सीट भी अपने नाम कर लिया था।
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पंडित रघुनाथ झा की तीसरी पीढ़ी राजनीति में
शिवहर की सियासत में पंडित रघुनाथ झा की तीसरी पीढ़ी सक्रिय है। इस बार उनके पौत्र नवनीत कुमार झा के रूप में तीसरी पीढ़ी शिवहर सीट से किस्मत आजमाने की तैयारी में थी। शिवहर को जिला बनाने समेत इसके विकास में पंडित रघुनाथ झा का अहम योगदान रहा है। रघुनाथ झा को शिवहर का निर्माता भी कहा जाता है। पंडित जी ने शिवहर सीट से लगातार छह बार जीत का रिकार्ड बनाया। इतना ही नहीं राष्ट्रीय जनता दल के गठन में पंडित रघुनाथ झा ने अहम भूमिका अदा की थी। बाद में उनके पुत्र अजीत कुमार झा ने भी विधानसभा में शिवहर का प्रतिनिधित्व किया। इसबार अजीत कुमार झा के पुत्र नवनीत कुमार झा का टिकट राजद से पक्काा माना जा रहा था।लेकिन, ऐन वक्त पर पार्टी ने नवनीत को दरकिनार कर दिया। इसके बाद नवनीत ने बगावती तेवर दिखा चुनौती पेश की थी। लेकिन जदयू प्रत्याशी मो. शरफुद्दीन का चौतरफा विरोध हो रहा था और भाजपा भी गठबंधन धर्म निभाने के लिए तैयार नही थी। इसका फायदा चेतन को मिला। नवनीत बताते हैं कि राजद में ईमानदार कार्यकर्ताओं के लिए कोई जगह नहीं है। जिस पार्टी को उनकी तीन पीढ़ियों ने सींचा था। उसे ही जगह नही दी गई है। कहा कि उनके पिता समेत तीन नेताओं के खिलाफ की गई कार्रवाई हास्यास्पद है। यह राजद नेताओं का हताशा ही है। अजीत कुमार झा बताते हैं कि वह चुनाव के दौरान ही राजद छोड़ चुके थे। कहा कि आने वाले समय में राजद में बड़ी फूट होनी तय है।
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