'ऑपरेशन सिंदूर' का बिहार में इफेक्ट, इस कपल का फैसला सुनकर गर्व से चौड़ा हो जाएगा सीना
बिहार के मुजफ्फरपुर में पहलगाम हमले के जवाब में सेना के ऑपरेशन सिंदूर के सम्मान में एक दंपती ने अपनी नवजात बेटी का नाम सिंदूरी रखा। गुड्डू और गीता ने सेना के पराक्रम से प्रभावित होकर यह फैसला लिया। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी बड़ी होकर सेना में देश की सेवा करेगी। इस फैसले की अस्पताल में सराहना हो रही है।

धीरज श्रीवास्तव ‘शानू’, मोतिहारी। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना की ओर से चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को तबाह किए जाने के बाद भारतीय सेना के शौर्य व पराक्रम की जय-जयकार हो रही है।
सेना के शौर्य को देख आम देशवासी जोश और देशभक्ति से लबरेज हैं। ऑपरेशन सिंदूर जन मन में बस गया है। लोगों ने इसे इस तरह से दिल में बसाया है कि इस ऑपरेशन के बाद जन्म लेनेवाले बच्चों का नाम भी इस ऑपरेशन के नाम पर रख रहे हैं।
सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड में गुरुवार को जब सीतामढ़ी के बैरगिनिया निवासी एक महिला ने सुबह 11 बजकर 20 मिनट पर एक बच्ची को जन्म दिया और बच्ची की किलकारी गूंजी तो इस वार्ड में चारों तरफ फैली खुशी की लहर के बीच हर मन में राष्ट्रवाद हिलोरे मारने लगा।
गुड्डू और गीता ने रखा नाम
बच्ची के पिता गुड्डू साह के मन में देशहित और राष्ट्रवाद ऐसा घुल रहा था कि उनके चेहरे का तेज और मन की आवाज से नाम मिला 'सिंदूरी'। उन्होंने कुछ देर अपने स्वजनों और पत्नी से बात की और बच्ची का नाम सिंदूरी रख दिया।
यह जानकारी मिलते ही अस्पताल प्रबंधक कौशल दुबे भी तत्काल वार्ड में पहुंचे और नवजात के माता-पिता को बधाई दी। पिता गुड्डू साह ने बताया कि पहलगाम में जिस तरह आतंकियों ने पत्नियों के सामने उनका सुहाग उजाड़ा, वह अत्यंत दुखदाई था।
सदर अस्पताल में नवजात के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेते अस्पताल प्रबंधक।
ऐसे में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर जिस तरह से आतंकियों को जवाब दिया है, उससे हर हिन्दुस्तानी का मस्तक गर्व से ऊंचा हो गया है। मैंने भारतीय सेना के पराक्रम को देख कर ही अपनी बच्ची का नाम सिंदूरी रखा।
बेटी को सेना में भेजेंगे
मां गीता देवी ने भी भारतीय सेना के पराक्रम की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि आतंकियों ने सिंदूर की कीमत को नहीं समझा। उन्होंने बड़ी संख्या में महिलाओं की मांग का सिंदूर उनकी आंखों के सामने उजाड़ दिया। अब भारत की सेना ने उन्हें सिंदूर की कीमत और अहमियत को अच्छी तरह से समझा दिया है।
नवजात की मां ने कहा कि मौका मिला तो बेटी के बड़ी होने पर उसे भारतीय सेना में सेवा करने के लिए भेजूंगी। दंपती के इस फैसले पर प्रसव वार्ड में कार्यरत सविता कुमारी सहित सभी जीएनएम और अन्य स्टाफ ने खुशी जाहिर की है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।