Bihar Land: दाखिल-खारिज की मांगी जानकारी तो भड़क उठे सीओ साहब, फोन पर जमकर दी गालियां; बाद में देनी पड़ी सफाई
बिहार में आए दिन जमीन विवाद के मामले सामने आते हैं। बोचहां सीओ ने दाखिल-खारिज की जानकारी मांगने पर एक व्यक्ति को फोन पर जमकर गालियां दीं। इस घटना का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। सीओ का कहना है कि व्यक्ति लगातार गलत तरीके से दाखिल-खारिज का दबाव बना रहा था। अब मामले की जांच चल रही है।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। सरकार की मंशा है कि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का अनुपालन करते हुए आवेदनों या वादों का निष्पादन किया जाए।
इसके लिए अंचल से लेकर मुख्यालय स्तर तक पदाधिकारियों को बार-बार निर्देशित भी किया जाता है, मगर स्थिति इसके उलट है। अंचलों में तो हालत और बदतर है।
सर्वाधिक शिकायतें यहां जमीन के दाखिल-खारिज के आवेदन को लेकर आता है। बोचहां अंचल से दाखिल-खारिज के आवेदन को लेकर नए तरीके के विवाद का आडियो सामने आया है।
प्रसारित ऑडियो में मोबाइल से दाखिल-खारिज के आवेदन को लेकर बोचहां सीओ से एक व्यक्ति बात कर रहा है। इसमें वह कह रहा है कि चार माह से दाखिल-खारिज का आवेदन पड़ा है। इसपर आपत्ति दी गई थी।
75 दिनों में आवेदन पर लिया जाना था निर्णय
- 75 दिनों में आवेदन पर निर्णय ले लिया जाना चाहिए था। दूसरी ओर से बोचहां सीओ की ओर से कहा गया कि मामले की सुनवाई हो गई है।
- इसपर बताया गया कि सुनवाई हो गई है। जो कागजात मांगे गए थे वह दे दिए गए। इसके बाद बोचहां सीओ ने कागजात के साथ तत्काल बोचहां थाना पर आकर मिलने की बात कही।
- इसपर जैसे ही फोन करने वाले व्यक्ति ने कहा कि कितनी बार आकर मिलें, सीओ ने मोबाइल पर ही गाली-गलौच कर दी। प्रसारित आडियो में जिस तरह की गाली दी जा रही है वह एक अधिकारी से उम्मीद नहीं की जा सकती।
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इ स मामले में बोचहां सीओ विश्वजीत सिंह ने कहा कि एक व्यक्ति दाखिल-खारिज के आवेदन को अस्वीकृत करने के लिए लगातार दबाव बना रहा है। -
यह केस उसके पास नहीं, आरओ का है। उसे यही बात स्पष्ट करने के लिए थाना पर बुलाया था। इसके बाद उसने अभद्र तरीके से बोलना शुरू किया।
राजस्व कर्मचारियों की हड़ताल से भूमि धारक व किसान परेशान
इन दिनों किसान व भूूमिधारक राजस्वकर्मचारियों के अनिश्चित कालीन हड़ताल से परेशान हैं। हड़ताल के दौरान न ही कोई प्रमाण पत्र बन रहा है, न ही परिमार्जन सहित भूमि संबंधित कोई काम ही हो रहा है।
दूसरी ओर हड़ताल के बावजूद इन दिनों सर्वे करने वाले अमीन आदि अचानक सक्रिय हो गए हैं। अपने हल्का में पहुंच कर मार्च अंत तक सर्वे के कागजात जमा कराने के लिए किसान व भूमिधारकों पर दबाव बना रहे हैं।
लोग बेहाल हैं। सरकार हड़ताल पर गए राजस्वकर्मचारियों के हड़ताल समाप्त कराने की पहल नहीं कर रही है। ऐसे में लोगों में सरकार के साथ ही अचानक सर्वे के समय अनिश्चित कालीन हड़ताल पर गए कर्मियों पर आक्रोशित है।
दर्जनों लोगों ने इनकी जगह दूसरा विकल्प आरंभ करते हुए लंबित कार्यों को पूरा करने की मांग जिला पदाधिकारी सहित वरीय अधिकारियों से की है।
बगहा एक सीओ नर्मदा श्रीवास्तव व बगहा दो निखिल कुमार न बताया कि राजस्व कर्मचारियों की हड़ताल जारी है। सरकार की ओर से कोई आदेश नहीं आया है।
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