Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar Bhumi: भूमि सर्वे के बीच कैंसिल होगी 349 एकड़ जमीन की जमाबंदी! पकड़ में आया बड़ा 'खेल'

    भोजपुर जिले में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे का बड़ा मामला सामने आया है। बड़हरा प्रखंड क्षेत्र में मां गंगा और मां काली की जमीन रेवड़ियों की तरह लोगों में बांटी गई। 228 लोगों ने 349 एकड़ से ज्यादा की जमीन की अपने-अपने नाम से अवैध जमाबंदी करा ली। अब इस मामले की जांच शुरू हो गई है और जमाबंदी रद करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

    By dharmendra kumar singh Edited By: Rajat Mourya Updated: Tue, 11 Mar 2025 03:27 PM (IST)
    Hero Image
    भूमि सर्वे के बीच कैंसिल होगी 349 एकड़ जमीन की जमाबंदी! आरा में सामने आया बड़ा 'खेल'

    धर्मेंद्र कुमार सिंह, आरा। भोजपुर जिले के बड़हरा प्रखंड क्षेत्र में मां गंगा और मां काली की जमीन रेवड़ियों की तरह लोगों में बांटी गई। जिस समय यह जमीन सरकारी बाबू की कृपा से कौड़ियों की भाव में बंट रही थी उस समय 228 लोगों ने 349 एकड़ से ज्यादा की जमीन की अपने-अपने नाम से अवैध जमाबंदी करा ली।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इन 228 लोगों में 87 ऐसे भाग्यशाली लोग थे जिन्होंने सबसे ज्यादा नौ एकड़ से लेकर एक एकड़ तक की जमीन अपने नाम पर अवैध जमाबंदी कराने में कामयाबी पा ली थी। केवल इन्ही 87 लोगों ने लगभग 150 एकड़ से भी ज्यादा जमीन पर बाबुओं के माध्यम से अवैध जमाबंदी करा अपना कब्जा जमा लिया।

    228 लोगों ने लिया लूट में हिस्सा

    50 वर्ष पहले 1975-76 में जब जमीन की जमाबंदी पदाधिकारी और कर्मचारियों की कृपा से हो रही थी, उस समय आधा दर्जन से ज्यादा गांव के 228 लोगों ने इस लूट में जमकर हिस्सा लिया। भाग ले भी क्यों नहीं कौड़ियों के भाव जो मिल रही थी गंगा और मां काली की कीमती जमीन।

    बड़े लोग तो बड़े लोग, छोटे लोगों ने भी अपनी-अपनी औकात के अनुसार एक एकड़ से कम जमीन लेकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। एक एकड़ से नौ एकड़ तक की जमीन में शामिल लोगों की संख्या पर नजर डाले तो नौ एकड़ केवल एक भाग्यशाली व्यक्ति को मिला था।

    इसके बाद सात एकड़ तीन लोग, छह एकड़ एक व्यक्ति, पांच एकड़ चार व्यक्ति, चार एकड़ सात व्यक्ति, तीन एकड़ पांच व्यक्ति, दो एकड़ 18 व्यक्ति और एक एकड़ या उससे ज्यादा 28 व्यक्तियों को मिला था। उसके बाद अन्य लोगों को डिसमिल में ही जमीन मिली जिसमें सबसे कम पांच डिसमिल की रकबा वाला भी जमीन शामिल था। लूट की इस छूट में पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं ने भी कंधे से कंधा मिलाकर अपने नाम अवैध जमाबंदी करा ली थी।

    जानिए: इन छह गांव के लोगों के नाम पर हुई अवैध जमाबंदी

    गंगा मैया और मां काली समेत अन्य किस्म की सरकारी जमीन की अवैध जमाबंदी अपने नाम से करवाने के मामले में छह गांव के लोग शामिल थे। इसमें सबसे ज्यादा कवल छपरा और सिन्हा के निवासी शामिल हैं। इनके बाद नूरपुर, चैन छपरा, लक्ष्मीपुर, और मरहा गांव तथा टोला के निवासी शामिल हैं।

    इन्हीं छह गांव के लगभग 228 लोगों ने लगभग 349 एकड़ की जमीन पर अवैध जमाबंदी कर वर्षों से फसल की कटाई और उसका उपयोग कर रहे हैं। तत्कालीन अंचलाधिकारी के द्वारा सरकारी जमीन होने के कारण जमाबंदी रद करने की अनुशंसा एडीएम से किए जाने के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है।

    जमाबंदी रद की गेंद एडीएम के पाले में

    सर्वे में जमीन गंगा मैया व मां काली समेत बिहार सरकार के होने की सबूत मिलने के बाद तात्कालिन सीओ ने जमाबंदी रद करने की अनुशंसा भोजपुर एडीएम से कर दी। अब पूरा मामला एडीएम के पाले में है।

    वे चाहे तो इसकी जमाबंदी सीधे रद भी कर सकते हैं और चाहे तो इस मामले में जिन लोगों के नाम पर जमाबंदी कायम है उन्होंने नोटिस देकर उनका पक्ष भी ले सकते हैं। इसके बाद उनका फैसला आ सकता हैं।

    ये भी पढ़ें- Ara News: आरा में गजब हो गया! 349 एकड़ गंगा की जमीन की कर दी अवैध जमाबंदी, जब ADM को पता चला तो...

    ये भी पढ़ें- Bihar Bhumi: भूमि सर्वे के बीच दाखिल-खारिज को लेकर आ गया नया आदेश, जमीन मालिकों की सबसे बड़ी टेंशन दूर