Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Ara News: आरा में गजब हो गया! 349 एकड़ गंगा की जमीन की कर दी अवैध जमाबंदी, जब ADM को पता चला तो...

    Updated: Fri, 07 Mar 2025 08:50 PM (IST)

    बिहार के आरा में गंगा नदी की 349 एकड़ जमीन को अवैध रूप से गिरवी रखा गया था। यह घोटाला 50 साल पहले 1975-76 में शुरू हुआ था और स्थानीय अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से इसे अंजाम दिया गया था। अब इस मामले का खुलासा हुआ है और जिला प्रशासन ने अवैध जमाबंदी को रद्द करने की अनुशंसा की है।

    Hero Image
    आरा में 349 एकड़ गंगा की जमीन की कर दी अवैध जमाबंदी (जागरण ग्राफिक्स)

    धर्मेंद्र कुमार सिंह, आरा। गंगा नदी को हम पूजते हैं, लेकिन जमीन के सौदागर उसकी जमीन को लूटते हैं। गंगा जब धारा बदलकर अपनी जमीन छोड़ती है, तो उस जमीन की संगठित लूट होती है। भोजपुर में बड़े पैमाने पर गंगा के किनारे की सरकारी जमीन की लूट हुई है। पूरा फर्जीवाड़ा बड़हरा प्रखंड क्षेत्र से जुड़ा हुआ है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस प्रखंड क्षेत्र के सिन्हा मौजा में गंगा नदी का लगभग 349 एकड़ भूभाग, काली मंदिर और अन्य प्रकार की सरकारी जमीन की जमाबंदी (Bihar Jamin Jamabandi) अवैध तरीके से 228 लोगों के नाम पर कर दी गई है। संगठित तरीके से हुआ यह जमीन घोटाला कोई एक दिन में नहीं हुआ, बल्कि 50 वर्ष पहले 1975-76 में इसकी बुनियाद रखी गई।

    रजिस्ट्रर टू में खुलवाई जमाबंंदी

    उस समय स्थानीय पदाधिकारी और कर्मचारियों की मिलीभगत से इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया। तब स्थानीय लोग, कर्मचारी और पदाधिकारी से मिलकर गंगा नदी, काली मंदिर या देवस्थान, पुरानी परती, भीठ, अनाबाद बिहार सरकार एवं अनाबाद सर्वसाधारण किस्म की जमीन को अवैध तरीके से निजी अपने-अपने नाम पर कराते हुए रजिस्टर टू में जमाबंदी भी खुलवा ली।

    अंचलस्तरीय बैठक में हुआ खुलासा

    तब से लेकर इस जमीन पर इन सभी लोगों का कब्जा चला आ रहा है। उस समय से लेकर आज तक किसी कर्मचारी या पदाधिकारी ने इसकी सुधि भी नहीं ली। वर्तमान में इस मामले का उद्भेदन जनवरी में अंचलस्तरीय शनिवारीय बैठक के दौरान हुआ। मौके पर मौजूद स्थानीय अंचलाधिकारी और थाना प्रभारी के समक्ष अजय कुमार सिंह बनाम बबन सिंह के बीच का परिवाद सामने आया।

    अंचलाधिकारी की जांच में क्या पता चला?

    इसमें सिन्हा पंचायत में खाता संख्या 1485 और 1486 से जुड़ा मामला था, जो जमीन सरकारी है। इसी मामले की अंचलाधिकारी ने जांच कराई तो पता चला कि ये सभी जमीन गंगा नदी, देवस्थान तथा अन्य प्रकार के सरकारी किस्म वाली जमीन हैं। जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि सर्वे खतियान के अनुसार, सभी जमीन सरकारी है, जो साधारणत: किसी को भी आवंटित नहीं की जा सकती और न ही जमाबंदी कायम की जा सकती है।

    इस तरह कुल 349 एकड़ जमीन की अवैध जमाबंदी का पता चला। मामले को ध्यान में रखते हुए अंचलाधिकारी ने एडीएम से अवैध जमीन की जमाबंदी रद करने की अनुशंसा कर दी है।

    अंचलाधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि बड़हरा की सिन्हा पंचायत में गंगा नदी, काली स्थान और अनाबाद बिहार सरकार या अन्य सरकारी किस्म से जुड़ी हुई 349 एकड़ से ज्यादा जमीन की जमाबंदी 228 लोगों के नाम पर कर दी गई है। इस आदेश या उससे जुड़े कागजात हल्का कार्यालय में नहीं हैं। सीओ की इस अनुशंसा के बाद सभी जमीन की जमाबंदी रद होना तय माना जा रहा है।

    ये भी पढ़ें- KK Pathak: फिर सुनाई दी केके पाठक की आहट, अधिकारियों में मची खलबली; अगले 72 घंटे बहुत ज्यादा अहम

    ये भी पढ़ें- Bihar Bhumi: लैंड म्यूटेशन में बरती लापरवाही, नीतीश सरकार ने लिया एक्शन; 2 अफसरों पर गिरी गाज