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    Bihar Bhumi: भूमि सर्वे के बीच दाखिल-खारिज को लेकर आ गया नया आदेश, जमीन मालिकों की सबसे बड़ी टेंशन दूर

    Updated: Wed, 05 Mar 2025 08:11 PM (IST)

    दाखिल खारिज में लिपिकीय या गणितीय त्रुटियों के कारण होने वाली परेशानियों का अब त्वरित समाधान होगा। बिहार के मुजफ्फरपुर में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है जिससे रैयतों को चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इस पहल के तहत डीसीएलआर कोर्ट में जाने वाले मामलों को कम किया जाएगा और रैयतों को मानवीय भूलों के कारण होने वाली परेशानियों से मुक्ति मिलेगी।

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    भूमि सर्वे के बीच दाखिल-खारिज को लेकर आ गया नया आदेश (जागरण ग्राफिक्स)

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। दाखिल खारिज (Bihar Jamin Dakhil Kharij) में लिपिकीय अथवा गणितीय भूल वाले वादों का अब त्वरित निष्पादन होगा। इसके लिए रैयतों को चक्कर नहीं काटना पड़ेगा। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से अहम निर्णय लिया गया है।

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    विभाग के सचिव ने सभी समाहर्ताओं काे इससे अवगत कराया है। इसके आलोक में समाहर्ता सुब्रत कुमार सेन ने डीसीएलआर पूर्वी और पश्चिमी को आदेश जारी कर विभागीय निर्देशों से अवगत कराया है और इसका शत प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है।

    DCLR कोर्ट में जा रहे मामले, परेशान हो रहे रैयत

    बताया गया कि प्राय: ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें लिपिकीय अथवा गणितीय भूल के कारण अंचलाधिकारी के स्तर से दाखिल खारिज के मामले में अस्वीकृत कर दिया जाता है। इस कारण मामला डीसीएलआर के काेर्ट में चला जाता है और रैयतों को इस मानवीय भूल के कारण परेशान होना पड़ता है।

    ऐसे मामलों में अब सुनवाई की प्रथम तिथि को ही डीसीएलआर संबंधित सीओ को आदेश पारित करने के लिए प्राधिकृत करेंगे और सीओ के स्तर से ही इसमें सुधार किया जा सकेगा। इसके लिए रैयतों को आवश्यक कागजात और साक्ष्य प्रस्तुत करने होंगे।

    राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से भी ऐसे मामले को मानवीय भूल की श्रेणी में रखा गया है। ऐसे मामले में वाद को सुनवाई के लिए अधिक समय तक लंबित रहने को उचित नहीं बताया गया है।

    समाहर्ता ने जारी किया नया आदेश

    समाहर्ता ने जारी आदेश में बताया कि आवेदक द्वारा संगत दस्तावेज नहीं लगाने अथवा इसके अपठनीय होने या ऑनलाइन जमाबंदी में रकबा घटने के कारण अस्वीकृत कर दिया जाता है।

    अगर संबंधित आवेदक के द्वारा अपील वाद में वस्तुस्थिति को स्पष्ट किया गया हो तो डीसीएलआर प्रथम तिथि को सीओ को वाद का हस्तांतरण कर अंतिम आदेश पारित करने के लिए प्राधिकृत करेंगे।

    सदन में पूछे गए प्रश्नों का जवाब गंभीरता और जवाबदेही के साथ दें: संजय सरावगी

    दूसरी ओर, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने विभागीय अधिकारियों से कहा है कि जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों द्वारा विधानमंडल में लोकहित से संबंधित पूछे गए प्रश्नों का जवाब वे पूरी गंभीरता और जवाबदेही के साथ दें। जवाब में पूरी स्पष्टता होनी चाहिए, ताकि सदस्यों को पूरी जानकारी मिल सके। जवाब तथ्यों पर आधारित और सटीक होना चाहिए।

    वे मंगलवार को अपने कक्ष में विधानसभा और विधान परिषद में दोनों सदनों से संबंधित लंबित प्रश्नों की समीक्षा कर रहे थे। बुधवार को विधान परिषद और गुरुवार को विधानसभा में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे। राजस्व मंत्री ने जिलों से समाहर्ता स्तर से आए प्रतिवेदनों पर पर भी चर्चा की।

    उन्होंने कहा कि अगर जवाब अगर स्पष्ट नहीं है तो पूरक प्रश्नों का जवाब देने और उसके साथ साक्ष्य संलग्न कर विभाग में भेजें। सरकारी जमीन पर अतिक्रमण, बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त और अभियान बसेरा से संबंधित सवाल मुख्य रूप से शामिल हैं। अभियान ऑपरेशन बसेरा- 2 के तहत सुयोग्य श्रेणी के भूमिहीन लोगों को पांच डिसमिल तक वास की भूमि सरकार द्वारा मुफ्त में दी जाती है।

    समीक्षा बैठक में विभाग के विशेष सचिव अरुण कुमार सिंह, संयुक्त सचिव आजीव वत्सराज, अवर सचिव अरविंद कुमार सहित विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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