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    Bihar Jamin Jamabandi: लॉक जमाबंदी पर नीतीश सरकार का अहम फैसला, जमीन मालिकों की सबसे बड़ी टेंशन खत्म

    बिहार में जमीन जामाबंदी को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। नीतीश सरकार ने जमीन मालिकों को बड़ी राहत दी है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सभी समाहर्ताओं को पत्र जारी किया है। अब अंचलाधिकारियों को लॉक जमाबंदी की जांच कर उसे लॉक या अनलॉक करने का अधिकार दिया गया है। इससे जमीन की खरीद-बिक्री में आ रही दिक्कतें दूर होंगी।

    By Prem Shankar Mishra Edited By: Rajat Mourya Updated: Fri, 17 Jan 2025 02:33 PM (IST)
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    लॉक जमाबंदी पर नीतीश सरकार का अहम फैसला

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। राज्य में लॉक जमाबंदी (Bihar Jamin Jamabandi) के कारण रैयतों की परेशानी को देखते हुए नीतीश सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। लॉक जमाबंदी की जांच कर उसे लॉक या अनलॉक करने की शक्ति अंचलाधिकारियों को दे दी गई है।

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    लॉक जमाबंदी की जांच में अगर सरकार की जमीन शामिल होगी तो उसे रद करने की भी अंचलाधिकारी कार्रवाई कर सकेंगे। इस संबंध में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सभी समाहर्ताओं को पत्र जारी किया है। इसमें सभी अंचलाधिकारियों को लॉक जमाबंदी के लिए आवश्यक कार्रवाई को कहा गया है।

    21 लाख खेसरा रोक सूची में शामिल

    विदित हो कि डिजिटाइजेशन के बाद जो जमाबंदी बनी उसमें बड़ी संख्या में उसे लॉक कर दिया गया। इसमें शामिल जमीन की खरीद-बिक्री समेत सभी तरह की गतिविधियां बंद हो गईं। इसमें शामिल खेसरा को रोक सूची में शामिल कर दिया गया। 11 जिलों में करीब 21 लाख खेसरा रोक सूची में शामिल हैं।

    जमीन मालिकों की परेशानी बढ़ी

    • मुजफ्फरपुर में इस तरह के खेसरा की संख्या 1.10 लाख है। इन खेसरा की जमीन की खरीद-बिक्री बंद होने से रैयतों की परेशानी बढ़ गई। इसे देखते हुए डीसीएलआर (भूमि सुधार उप समाहर्ता) को लॉक जमाबंदी की जांच कर उसे लॉक या अनलॉक करने की शक्ति दी गई थी।
    • चकबंदी निदेशक, राकेश कुमार की ओर से जारी पत्र के अनुसार, अभियान चलाकर लॉक जमाबंदी की जांच की जा रही थी। समीक्षा में यह बात सामने आई कि अभियान जारी रहने पर भी प्रक्रिया लंबित है। सही ढंग से इसकी जांच भी नहीं की जा रही है।

    सीओ को मिली लॉक जमाबंदी को अनलॉक करने की पावर

    डीसीएलआर के स्तर से बताया गया कि रैयती भूमि की जमाबंदी के सृजन के साक्ष्य अंचल स्तर से मिलने में कठिनाई हो रही है। इसे देखते हुए विभाग ने पूर्व के पत्र को निरस्त कर दिया। साथ ही लॉक जमाबंदी की जांच की शक्ति डीसीएलआर की जगह सीओ को दे दी गई।

    जमीन मालिक को मिलेगा सुनवाई का अवसर

    जांच में लॉक जमाबंदी में सरकारी जमीन शामिल होने पर संबंधित रैयत को सुनवाई का अवसर दिया जाएगा। गलत जमाबंदी पाए जाने पर उसे रद करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, वहीं सही पाए जाने पर जमाबंदी को अनलॉक करने की भी कार्रवाई की जाएगी।

    इस संबंध में मुशहरी के अंचलाधिकारी महेंद्र शुक्ला ने कहा कि विभाग का आदेश आया है। अंचल स्तर से जांच में प्रक्रिया शीघ्र पूरी हो सकेगी।

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