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    Bihar Bhumi: रेवेन्यू ऑफिसर और सीओ पर रोज लगेगा 500 रुपये का जुर्माना, लैंड म्यूटेशन की डेडलाइन फिक्स

    मुजफ्फरपुर में दाखिल खारिज के 5500 से अधिक आवेदन समय सीमा बीत जाने के बाद भी लंबित हैं। जिलाधिकारी ने इस पर नाराजगी व्यक्त की है। छह अंचलों की स्थिति खराब पाई गई है। डीएम ने 25 अप्रैल तक 90% आवेदनों का निष्पादन करने का आदेश दिया है अन्यथा जुर्माना लगाया जाएगा। वित्तीय वर्ष में 135392 आवेदन प्राप्त हुए थे जिनमें से कई अभी भी लंबित हैं।

    By babul deep Edited By: Rajat Mourya Updated: Fri, 18 Apr 2025 06:30 AM (IST)
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    तय समय खत्म, दाखिल खारिज के 55 सौ से अधिक आवेदन लंबित

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। दाखिल खारिज (Bihar Land Mutation) के 5544 आवेदनों को समय सीमा पार होने के बाद भी अंचलों ने लंबित रखा है। इसपर जिलाधिकारी ने नारागजी जताई है। दरअसल, पिछले दिनों उन्होंने समीक्षा की तो पाया कि आवेदनों के निष्पादन का कुल औसत 87.77 है। जबकि छह अंचल ऐसे हैं, जिनकी स्थिति बेहद खराब है।

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    इसमें बोचहां, मुशहरी, कांटी, कुढ़नी, सरैया और मीनापुर शामिल है। डीएम ने 25 अप्रैल तक का अल्टीमेटम संबंधित अंचलाधिकारियों को दिया है। अगर निर्धारित समय के अंदर 90 प्रतिशत आवेदनों का निष्पादन नहीं किया गया तो प्रतिदिन के हिसाब से पांच-पांच सौ रुपये राजस्व कर्मचारी और सीओ पर लगाया जाएगा।

    डीसीएलआर करेंगे मॉनिटरिंग

    इसकी जवाबदेही डीसीएलआर को सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि न सिर्फ वे नियमित रूप से मानिटरिंग करेंगे बल्कि जुर्माना की राशि की वसूली करना भी सुनिश्चित करेंगे। बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 की समीक्षा में पाया गया कि दाखिल खारिज के कुल एक लाख 35 हजार 392 आवेदन प्राप्त हुए।

    इसमें से एक लाख 18 हजार 840 आवेदनों का निष्पादन किया गया। जबकि 32 हजार 738 आवेदनों को अस्वीकृत कर दिया गया। इसके अलावा 16 हजार से अधिक आवेदन निष्पादन के अभाव में लंबित हैं। इसमें से 5544 आवेदन समय सीमा पार होने के बाद लंबित है।

    डीएम ने कार्यशैली में सुधार करते हुए निष्पादन का प्रतिशत बढ़ाने का निर्देश दिया। आंकड़ों पर गौर करें तो बोचहां 82.49 प्रतिशत, मुशहरी 83.22 प्रतिशत, कांटी 83.34 प्रतिशत, कुढ़नी 85.31 प्रतिशत, सरैया 85.31 प्रतिशत और मीनापुर अंचल के द्वारा 85.71 प्रतिशत ही आवेदनों का निष्पादन किया गया।

    जिले से लेकर मुख्यालय तक निगरानी, फिर भी 15 दिन में वसूली शून्य

    दूसरी ओर, नीलामवाद के लंबित मामलों का निष्पादन करने के लिए जिला से लेकर मुख्यालय से निगरानी की जा रही है। लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं। जिले में नीलामपत्र पदाधिकारियों की संख्या बढ़ाकर 90 कर दी गई। इसके बावजूद भी निष्पादन की गति बहुत धीमी है। पिछले 15 दिनों में वसूली शून्य है।

    इसपर जिला नीलामपत्र पदाधिकारी ने चिंता जताई है। उन्होंने सभी नीलामपत्र पदाधिकारियों को पत्र भेजकर लंबित वादों के निष्पादन को लेकर गंभीरता बरतने को कहा है। साथ ही रुचि लेकर लंबित मामलों का निष्पादन करने का निर्देश दिया है। इसके लिए उन्होने अब मॉनिटरिंग में सख्ती बढ़ा दी है।

    सभी नीलामपत्र पदाधिकारियों को प्रतिदिन अपडेट रिपोर्ट देने को कहा है। इसमें वसूली की स्थिति, नोटिस भेजने की स्थिति समेत अन्य बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है, ताकि यह पता लग सके कि किस पदाधिकारी के स्तर से कार्रवाई को लेकर गंभीरता बरती जा रही है।

    विदित हो कि जिले में 42 हजार से अधिक नीलामवाद के मामले लंबित हैं। पिछले दिनों 16 हजार से अधिक वादों का हस्तांतरण नए नीलामपत्र पदाधिकारियों को किया गया था। इसके बावजूद भी निष्पादन की गति तेज नहीं हो सकी, जबकि मुख्य सचिव ने भी इसपर संज्ञान लिया था और सभी जिलों को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादन करने का निर्देश दिया था।

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