Bihar: पढ़ाई पूरी कर लोन लौटाना भूले, 734 पर सर्टिफिकेट केस दर्ज; नीतीश सरकार लेगी एक्शन
बिहार में छात्र ऋण कार्ड योजना के तहत ऋण की किस्त जमा नहीं करने वाले 734 लाभार्थियों पर प्रमाण पत्र केस दर्ज किया गया है। सरकार इनसे करोड़ों रुपये की वसूली करना चाहती है। इन सभी ने योजना के तहत राशि लेकर पढ़ाई पूरी की लेकिन ऋण जमा करने के लिए दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया। अब सरकार ने इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। स्टूडेंटस क्रेडिट कार्ड योजना (Bihar Student Credit Card Yojana) के तहत ऋण (लोन) की किस्त जमा नहीं करने वाले 734 लाभुकों पर सर्टिफिकेट केस किया गया है। सभी के विरुद्ध वारंट जारी करने की प्रकिया शुरू कर दी गई है।
ऐसे ऋणियों पर सरकार का करोड़ों रुपये बकाया है। इन सभी ने योजना के तहत राशि लेकर पढ़ाई पूरी की, किंतु सरकार की ओर से ऋण जमा करने के लिए गाइडलाइन का पालन नहीं किया। न किस्त की राशि जमा की और न ही विभाग को अपनी अद्यतन स्थिति से अवगत कराया।
हद तो यह है कि नोटिस भेजे जाने के बाद भी अधिकतर ने न तो विभाग से संपर्क किया और न ही अपनी स्थिति से अवगत कराया। इसके बाद विभाग ने ऐसे लाभुकों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई शुरू की।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार, जिले के करीब 1928 लाभुकों ने ऋण की राशि जमा करने में लापरवाही बरती। नोटिस के बाद 269 ने शपथपत्र देकर विभाग को अपनी स्थिति से अवगत कराया और मोहलत ली। 86 लाभुकों ने योजना के तहत लिए गए ऋण की राशि जमा कर दी। 734 लाभुकों ने न तो शपथपत्र देकर मोहलत ली और न ही राशि जमा की।
शिक्षा के लिए मिलता है चार लाख तक का लोन
- योजना के तहत इंटर के बाद स्नातक, स्नातकोत्तर के साथ ही मेडिकल, इंजीनियरिंग, आईटीआई, बीएड, लॉ समेत सभी व्यावसायिक और तकनीकी शिक्षा के लिए चार लाख रुपये तक का ऋण दिया जाता है।
- पढ़ाई पूरी करने के बाद ऋण की राशि 84 किस्तों में देनी होती है। इसके लिए विस्तृत गाइडलाइन है, जिसके अनुसार मोहलत भी दी जाती है। जिले में अब तक 15 हजार 115 को योजना का लाभ दिया जा चुका है।
क्या कहते हैं अधिकारी?
इंटर के बाद स्नातक, स्नातकोत्तर के साथ ही व्यावसायिक व तकनीकी शिक्षा के लिए योजना से राशि दी गई थी। जिन लाभुकों ने पढ़ाई पूरी होने के बाद गाइडलाइन के अनुसार न तो ऋण की किस्त जमा की और न ही इस संबंध में विभाग से कोई संपर्क किया, उनके विरुद्ध सर्टिफिकेट केस दायर किया गया है। नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। - मनोज कुमार प्रधान, प्रबंधक, जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र, सिकंदरपुर
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