BAD TOUCH विवाद के बीच भोजपुरी अभिनेत्री आम्रपाली ने कलाकारों को दी विशेष सीख, बिहार सरकार के सामने रखी यह मांग
भोजपुरी अभिनेत्री आम्रपाली दूबे ने भोजपुरी गानों में अश्लीलता पर चिंता जताते हुए इसके विरोध का आह्वान किया। उन्होंने अश्लील गीतकारों और कलाकारों के बहिष्कार की बात कही। उन्होंने बिहार सरकार से भोजपुरी फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक मदद की मांग की और कहा कि रीमिक्स संस्कृति का भोजपुरी सिनेमा पर कोई खास असर नहीं है।

अमरेन्द्र तिवारी, मुजफ्फरपुर। भोजपुरी सिनेमा जगत और इसके बाहर भी बैड टच विवाद चर्चा का विषय बना हुआ है। पवन सिंह और अंजलि राघव का मामला सामने आने के बाद इसको लेकर खूब बातें हो रही हैं। इस बीच अभिनेत्री अभिनेत्री आम्रपाली दुबे ने भी अपनी बात रखी है।
टच तो टच है
दैनिक जागरण डांडिया में प्रस्तुति देने मुजफ्फरपुर पहुंचीं भोजपुरी अभिनेत्री ने कहा कि टच न अच्छा होता है और न बुरा। टच तो टच होता है। हमारे कलाकार भाइयों को इससे बचना चाहिए।
महिलाओं का हमेशा सम्मान हो
कहा, महिलाओं का हमेशा सम्मान करना चाहिए। हम नहीं करेंगे तो क्या विदेशी करेंगे? एकन अनुशासन को हमेशा कायम रखने की उन्होंने सलाह दी। कहा, अपने परफार्मेंस के दौरान इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
जागरण डांडिया के दौरान प्रस्तुति देतीं आम्रपाली दुबे। जागरण
विवाद से बचें
इस तरह की चीजों के बाद उपजे विवाद की वजह से केवल नुकसान ही होता है। सभी पक्ष का नुकसान। समाज में कलाकारों को लेकर फिल्म इंडस्ट्री को लेकर गलत अवधारण बनती है।
अश्लील गीतों का विरोध हो
भोजपुरी गीतों में अश्लील शब्दों के प्रयोग पर रोक लगानी है तो हमें एकजुट होकर उसका विरोध करना होगा। अश्लील गीत लिखने वाले, गाने वाले और फिल्म स्टार की फिल्मों का बहिष्कार करना चाहिए।
कई कलाकार हद पार कर रहे
अभिनेत्री आम्रपाली दुबे ने विशेष बातचीत में अश्लीलता का विरोध किया। उन्होंने कहा कि लाइक और शेयर के चक्कर में कई कलाकार हद पार कर चुके हैं। जो शब्द गाली हैं, उन्हें गीत बनाकर पब्लिक के सामने परोसा जा रहा है।
बिहार सरकार सहायता दे
कलाकार समाज को भी सोचना चाहिए कि वे क्या कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भोजपुरी गीत जन्म से लेकर शादी और अन्य संस्कारों तक गाए जाते हैं। बिहार सरकार से मांग की कि वह उत्तर प्रदेश सरकार की तरह भोजपुरी फिल्मों और गीतों को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक सहायता दे।
सेंसर बोर्ड का गठन होना चाहिए
साथ ही राज्य स्तर पर भोजपुरी फिल्मों के लिए सेंसर बोर्ड का गठन होना चाहिए। दैनिक जागरण के आयोजन की प्रशंसा करते हुए आम्रपाली ने कहा कि यह अखबार सिर्फ पत्र नहीं बल्कि मित्र है।
रिमिक्स का भोजपुरी सिनेमा पर असर नहीं
आम्रपाली ने कहा कि हिंदी गीतों में जिस तरह रिमिक्स का चलन है, उसका भोजपुरी फिल्म उद्योग पर कोई प्रभाव नहीं है। पहले की तुलना में अब काफी बदलाव आया है। धार्मिक और सांस्कृतिक थीम पर फिल्में बन रहीं और हिट भी हो रही हैं।
सजग हों कलाकार
उन्होंने कहा कि पहले पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ स्टेज शो होते थे। अब उनकी फिर से मांग बढ़ी है। इस माहौल को बनाए रखना हम सब कलाकारों का कर्तव्य है। मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, शिवहर और सीतामढ़ी उनके लिए घर जैसा है। जनता अच्छे कलाकारों को बहुत सम्मान देती है।
पवन सिंह और अंजलि राघव का विवाद
प्रसिद्ध भोजपुरी गायक पवन सिंह और अंजलि राघव का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें पवन सिंह अंजलि की कमर को छूते दिखे। इस वीडियो ने इंटरनेट पर बहस छेड़ दी और पवन सिंह की आलोचना हुई। बाद में पवन सिंह ने माफी मांग ली थी।
भोजपुरी इंडस्ट्री पर प्रभाव
अंजलि राघव ने इस विवाद के बाद भोजपुरी इंडस्ट्री छोड़ने का फैसला किया है। यह विवाद भोजपुरी इंडस्ट्री में एक बड़ा मुद्दा बन गया है और इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं ।
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