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    Bihar Teacher Salary: 'प्राण' के चक्कर में फंसे 2400 शिक्षक, नहीं मिल रही सैलरी; कैसे चलेगा घर?

    मुंगेर जिले के 2400 से अधिक शिक्षकों को वेतन भुगतान में देरी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उनके स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या (PRAN) अभी तक तैयार नहीं हुए हैं। शिक्षा विभाग ने सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले विशिष्ट शिक्षकों के लिए PRAN नंबर बनाने की प्रक्रिया शुरू की थी लेकिन अब तक केवल 16 शिक्षकों के ही PRAN नंबर बन पाए हैं।

    By Manish Kumar Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 20 Feb 2025 04:57 PM (IST)
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    सैलरी से वंचित रहेंगे 2400 से अधिक शिक्षक

    जागरण संवाददाता, मुंगेर। नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए शिक्षा विभाग ने सक्षमता परीक्षा का आयोजन किया। अब तक दो चरणों में संपन्न हुई सक्षमता परीक्षा में जिले के 2500 से अधिक नियोजित शिक्षक उत्तीर्ण हुए। अब इन शिक्षकों ने विशिष्ट शिक्षक के रूप में अपना-अपना योगदान दिया है।

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    ऐसे में इन सभी विशिष्ट शिक्षकों को वेतन प्राप्त करने के लिए परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर अथवा स्थायी सेवानिवृति खाता संख्या (प्राण नंबर) का होना आवश्यक है। ऐसे में शिक्षा विभाग ने सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण कर विशिष्ट शिक्षक के रूप में योगदार करने वाले सभी शिक्षकों के प्राण नंबर तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दिया है।

    इस संबंध में डीईओ ने जिले के सभी नौ प्रखंडों के बीईओ को 20 जनवरी को पत्र भेजा था। इसके बाद जिले के 2500 से अधिक विशिष्ट शिक्षकों में से लगभग 2100 शिक्षकों ने प्राण नंबर के लिए आवेदन किया। इसमें से 1100 से अधिक आवेदन को डीईओ कार्यालय के स्थापना शाखा ने अनुमोदित भी किया।

    विडंबना यह कि इस एक माह की अवधि में अब तक महज 16 शिक्षकों का ही प्राण नंबर बन पाया है। इससे शिक्षकों को वेतन भुगतान में समस्या उत्पन्न होगी।

    वेतन भुगतान होगा बाधित

    जनवरी से विशिष्ट शिक्षकों को उनके प्राण नंबर के आधार पर ही वेतन का भुगतान किया जाना है। ऐसे में यदि शिक्षकों का आवेदन अस्वीकृत हो रहा है अथवा उनका प्राण नंबर जल्द तैयार नहीं होगा तो उनको वेतन भुगतान में काफी परेशानी होगी। शिक्षकों का कहना है कि शिक्षक शिक्षा विभाग व कोषागार के बीच पिस रहे हैं।

    वर्तमान समय में वित्तीय वर्ष का अंतिम तिमाही चल रहा है। ऐसे में शिक्षकों को आयकर के अलावा अपने बच्चों के शिक्षण शुल्क सहित अन्य कार्यों में बड़ी राशि का भुगतान करना है। प्राण नंबर नहीं बनने तथा आवेदन के अस्वीकृत हो जाने से वेतन भुगतान में देरी होगी। इससे उनका हर कार्य प्रभावित होगा।

    अस्वीकृत हो रहा आवेदन

    शिक्षकों का कहना है कि उनलोगों ने नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉटजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के पोर्टल पर वांछित सभी दस्तावेज को अपलोड किया है। इसके बावजूद पत्र के अनुसार आवेदन नहीं भरे जाने, बैंक डिटेल गलत होने आदि की बात कह नोडल ऑफिस की ओर से उनके आवेदन को अस्वीकृत कर दिया जा रहा है।

    आवेदन करते समय उनलोगों ने वांछित दस्तावेज जैसे नियुक्ति पत्र, विद्यालय पदस्थापन पत्र अथवा योगदान पत्र (विद्यालय प्रधान के माध्यम से प्रतिहस्ताक्षरित प्रति), आधार संख्या, पैन संख्या, कैंसिल चेक या बैंक पासबुक, पहचान पत्र आदि भी अपलोड किया है।

    प्राण नंबर तैयार करने की प्रक्रिया की निगरानी की जा रही है। इस मामले में कोषागार पदाधिकारी से भी बात हुई है तथा उनसे इसमें सहयोग करने का आग्रह किया गया है। - असगर अली, डीईओ, मुंगेर

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