कामख्या-गया एक्सप्रेस में लगा एलएचबी कोच
मुंगेर। जमालपुर के रास्ते कामख्या से चलकर गया जाने वाली गया-कामख्या एक्सप्रेस में सफर करने वा
मुंगेर। जमालपुर के रास्ते कामख्या से चलकर गया जाने वाली गया-कामख्या एक्सप्रेस में सफर करने वाले यात्रियों को अब झटका महसूस नहीं होगा। क्योंकि इसमें उच्च सुरक्षा मानक वाले एलएचबी (¨लक हॉफमेन बुश) कोच लगा दिया गया है। सोमवार को अप कामख्या-गया एक्सप्रेस एलएचबी कोच के साथ अपने गंतव्य को गई। इसमें जनरल और स्लीपर क्लास की बोगियां भी बढ़ी है।
एलएचबी कोच का प्रयोग अभी इस रूट से चलने वाली अंग एक्सप्रेस और विक्रमशिला सुपर फास्ट में किया जा रहा है।
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क्या है एलएचबी की खासियत
- एलएचबी कोच पुराने कन्वेशनल कोच से काफी अलग होते हैं। ये उच्च स्तरीय तकनीक से लैस है। इन कोचों में बेहतर एक्जावर का उपयोग किया गया है। जिससे आवाज कम होती है। यानी कि पटरियों पर दौड़ते वक्त अंदर बैठे यात्रियों को ट्रेन के चलने की आवाज बहुत धीमी आती है।
- ये कोच स्टेनलेस स्टील से बने होते हैं। जबकि इंटीरियर डिजाइन एल्यूमीनियम से की जाती है। जिससे कि यह कोच पहले की तुलना में थोड़े हल्के होते हैं।
- इन कोचों में डिस्क ब्रेक कम समय व कम दूरी में अच्छे ढंग से ब्रेक लगा देते है। कोचों में लगे शाक एक्जावर की वजह से झटकों का अनुभव कम होगा।
- सीबीसी कप¨लग से डिब्बे एक-दूसरे पर नहीं चढ़ते।
- एलएचबी डिब्बों में सीबीसी कप¨लग लगाई जाती है।
- सबसे बड़ी खासियत यह है कि अगर ट्रेन डिरेल भी होती है तो कप¨लग के टूटने की आशंका नहीं होती है, जबकि स्क्रू कप¨लग वाले कोचों के डिरेल होने से उसके टूटने का डर बना रहता है।
- कोच की खास चीज कोचों में लगे कंट्रोल्ड डिस्चार्ज टायलेट सिस्टम की वजह से गाड़ी के स्टेशन पर रुकने पर यह ट्रेन के शौचालय के दरवाजों को बंद कर देगी और खड़ी ट्रेन में यात्री शौचालयों का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।
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