Bihar News: महाकुंभ पर बयान देकर मुश्किल में फंसे मल्लिकार्जुन खरगे, मुंगेर कोर्ट में शिकायत
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि भाजपा नेता कैमरों के लिए संगम में डुबकी लगाने के लिए एक-दूसरे से होड़ कर रहे हैं। खरगे के इस बयान पर सदर बाजार जमालपुर निवासी मनीष कुमार ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायतकर्ता ने कहा कि सनातन के विरुद्ध ऐसी टिप्पणियां शर्मनाक हैं।
जागरण संवाददाता, मुंगेर। मध्य प्रदेश के महू में आयोजित कार्यक्रम के दौरान महाकुंभ मेले पर दिए बयान को लेकर मुंगेर व्यवहार न्यायालय में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ शिकायत दी गई है।
यह शिकायत सदर बाजार जमालपुर निवासी मनीष कुमार ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में दाखिल किया है।
इसमें कहा गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 27 जनवरी 2025 को मध्य प्रदेश राज्य के महू में जो कि भीम राव आंबेडकर की जन्म भूमि है, भारतीय सनातन धर्म के महाकुंभ व आस्था पर अभद्र भाषा का प्रयोग किया है।
सनातन धर्म को कर रहे बदनाम
कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बयान से प्रतीत होता है कि उन्होंने सनातन धर्म को विश्व स्तर पर बदनाम करने का पूर्ण प्रयास किया है।
शिकायतकर्ता मनीष कुमार ने कहा कि एक ओर जहां विश्व के अन्य देशों के लोग सनातन धर्म के इस कुंभ स्नान में भाग लेने आ रहे हैं तथा सनातन धर्म की गुणवत्ता को वैज्ञानिकता पर स्वीकार कर रहे हैं।
इसके साथ ही देश की विविधता को एकता में बदलने की परम्परा की व्याख्या कर रहे हैं। वहीं खरगे ने सनातन धर्म की एकता और संस्कृति पर कुठाराघात वाले शब्दों का प्रयोग किया है जो कि पूर्णतः कानून सम्मत नहीं है और घोर देश विरोधी है।
खरगे ने दिया था यह बयान
ज्ञात हो कि कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे ने कहा था कि "गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी दूर नहीं होगी। इससे क्या पेट में खाना मिलता है और क्या युवाओं को रोजगार मिल रहा है। भाजपा नेताओं में महाकुंभ में डुबकी लगाने की होड़ लगी है। जब तक अच्छा फोटो नहीं आ जाए तब तक वे डुबकी लगाते रहते हैं।
शिकायतकर्ता मनीष ने कहा कि भारतीय ऋषियों और मनीषियों द्वारा बृहस्पति ग्रह के चक्रों को ध्यान में रखते हुए अभिजीत योग की उपस्थिति में भारत में कुंभ स्नान और पूजा-पाठ की परंपरा है।
मनीष ने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे ने जिन शब्दों का प्रयोग किया है, वह वास्तव में अपराधी चरित्र को दर्शाता है, जो कि विविधता में एकता जैसे अनुशासित व सांस्कृतिक एकता को विखंडित करने का प्रयास है, जिससे मैं और संपूर्ण सनातन समाज आहत हुआ है।
शिकायतकर्ता मनीष कुमार की ओर से यह वाद अधिवक्ता निर्मल कुमार ने दायर किया है।
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