डीजल शेड को बचाने के लिए हर कुर्बानी देगी मेंस यूनियन ओपन लाइन
- रेल निजीकरण को लेकर गहरी साजिश कर रही है केंद्र सरकार केंद्रीय महामंत्री संवा
- रेल निजीकरण को लेकर गहरी साजिश कर रही है केंद्र सरकार : केंद्रीय महामंत्री संवाद सहयोगी, जमालपुर (मुंगेर) : रेल के निजीकरण को लेकर केंद्र सरकार गहरी साजिश कर रही है। धीरे धीरे भारतीय रेल को पूंजीपतियों के हाथ में सौंप देने की नीति पर सरकार आगे बढ़ रही है। लेकिन, सरकार की इस नीति का हरसंभव विरोध किया जाएगा। यह बातें डीजल शेड कारखाना में यूनियन नेता व कर्मचारियों को संबोधित करते हुए ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन के केंद्रीय महामंत्री एसके बंधोपाध्याय ने कही।
केंद्रीय महामंत्री ने कहा कि आज भारतीय रेल में तीन लाख पद रिक्त हैं। इन पदों को भरने के लिए केंद्र सरकार कोई पहल नहीं कर रही है। उल्टे तीन लाख अन्य पदों को रिक्त करने की साजिश की जा रही है। केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अमित घोष ने कहा कि भारतीय रेल में 12 लाख रेलकर्मी कार्यरत है। रेल को निजीकरण की ओर धकेलने के लिए केंद्र सरकार छह लाख रेल कर्मियों को 55 वर्ष या 30 वर्ष तक नौकरी कर लेने वाले रेलकर्मी को हटाने की नीति के आधार पर हटाना चाहती है। केंद्र सरकार ऐसा इसलिए कर रही है कि अगर भारतीय रेल में मात्र छह लाख कर्मचारी बचेंगे तो रेल का निजीकरण आसानी से हो सकेगा। कर्मियों की संख्या कम होगी, तो यूनियन के आंदोलन का कोई असर नहीं होगा। इसलिए हम लोगों को संगठित होकर रेल व रेल कर्मियों को बचाने के लिए संघर्ष करने की आवश्यकता है। केंद्रीय उपाध्यक्ष सत्यजीत कुमार व ओपन लाइन यूनियन के शाखा सचिव केडी यादव ने कहा कि आज डीजल शेड कारखाने का अस्तित्व खतरे में है। इस कारखाना को जीवित करने के लिए यहां ईएमयू मरम्मत कार्य का लोड देना होगा। तभी डीजल शेड का अस्तित्व बच सकेगा। शाखा सचिव केडी यादव ने कहा कि ओपन लाइन शाखा डीजल शेड के अस्तित्व को बचाने के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार है। मौके पर रंजन कुमार सिंह, एसडी मंडल, सीडी प्रसाद, प्रमोद प्रसाद रंजन, मनीष कुमार, गोपाल प्रसाद, राज बिहारी, राजेश, एके गांगुली, नीतू, सबीर प्रसाद यादव, नवल भारती, नागेश्वर मराठी, अरविद कुमार सहित कई मौजूद थे।