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    Jamalpur Election Result 2025: जीत का था सपना, जमानत भी नहीं बचा सके जदयू के बागी पूर्व मंत्री शैलेश

    Updated: Mon, 17 Nov 2025 02:44 PM (IST)

    मुंगेर जिले में इस बार तारापुर, मुंगेर और जमालपुर तीनों सीटों पर एनडीए के नए चेहरों को जीत मिली। कई दिग्गज नेताओं को हार का सामना करना पड़ा, और 39 में से 33 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। जमालपुर में जदयू के बागी शैलेश कुमार भी अपनी जमानत नहीं बचा पाए, उन्हें सिर्फ 7.6% वोट मिले। एनडीए की जीत से साफ है कि जनता ने नए विकल्पों को चुना है।

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    मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ जदयू के बागी पूर्व मंत्री शैलेश (फाइल फोटो)

    रजनीश, मुंगेर। इस बार मुंगेर जिले की तीनों सीटों तारापुर, मुंगेर और जमालपुर में नया राजनीतिक अध्याय लिख दिया। जिले की जनता ने एकजुट होकर एनडीए के नए चेहरों पर भरोसा जताया और भारी मतों से उन्हें जिताकर विधानसभा तक भेजा। वहीं, अपने-अपने क्षेत्रों में मजबूत पकड़ का दावा कर रहे कई दिग्गज नेताओं को जनता ने करारा झटका दिया।

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    स्थिति यह रही कि जीत-हार वाले छह प्रत्याशियों को छोड़कर कुल 39 में से 33 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। सबसे ज्यादा चर्चा जमालपुर से जदयू से बागी होकर चुनाव लड़ रहे पूर्व मंत्री शैलेश कुमार की रही। नामांकन दाखिल करने के बाद से ही वे जीत का बिगुल फूंकते दिखे थे और लगातार जनता के बीच जोरदार कैंपेन कर रहे थे, लेकिन नतीजे आने के बाद हर किसी को हैरानी हुई कि शैलेश न तो जीत की राह पकड़ सके और न ही अपनी जमानत बचा पाए।

    जमालपुर की जनता ने जिस भरोसे को वे समझ बैठे थे, उसने इस बार पूरी तरह से उनसे किनारा कर लिया। जमानत बचाने के लिए 16.66% वोट की जरूरत थी, उन्हें सिर्फ 7.6% मिला। जमालपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल 201422 वोट पड़े।

    चुनाव आयोग के नियम के मुताबिक, जमानत बचाने के लिए प्रत्याशी को कुल पड़े मतों का कम से कम 1/6 यानी 16.66% वोट हासिल करना जरूरी होता है। इस हिसाब से किसी भी उम्मीदवार को कम से कम 33556 वोट लाना था। लेकिन, पूर्व मंत्री शैलेश कुमार को महज 7.6 प्रतिशत वोट ही मिले।

    जनता ने जिस तरह से बागी नेता को नकारा, उससे उनके राजनीतिक भविष्य पर भी कई सवाल खड़े हो गए हैं। जमालपुर सीट पर कुल 15 प्रत्याशी मैदान में थे, जिनमें से केवल दो ही अपनी जमानत बचा सके। बाकी 13 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई, जिनमें शैलेश कुमार भी शामिल रहे।

    पूर्व आईपीएस शिवदीप डब्लू लांडे और पूर्व आइएएस ललनजी भी हारे, जमानत तक नहीं बचा सके। दोनों ने चुनाव में उतरकर नए विकल्प के रूप में खुद को पेश करने की कोशिश की, लेकिन जनता का समर्थन उन्हें नसीब नहीं हुआ। दोनों उम्मीदवार जमानत बचाने के लिए जरूरी वोटों के आधे आंकड़े तक भी नहीं पहुंच सके। जनता ने साफ संकेत दे दिया कि लोकप्रियता इंटरनेट मीडिया या चर्चाओं से नहीं, जमीनी पकड़ से तय होती है।

    तारापुर में 11 उम्मीदवारों की जमानत जब्त

    तारापुर विधानसभा क्षेत्र में भी स्थिति कुछ अलग नहीं रही। यहां कुल 13 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। इस सीट पर कुल 215758 वोट पड़े। जमानत बचाने के लिए किसी भी प्रत्याशी को कमसे कम 35945 वोट की जरूरत थी। लेकिन, नतीजों ने दिखाया कि मुकाबला पूरी तरह दो प्रमुख दलों के बीच सिमट गया।

    कुल 13 प्रत्याशियों में से सिर्फ दो को छोड़कर 11 प्रत्याशियों को जमानत भी गंवानी पड़ी। तारापुर में एनडीए प्रत्याशी पर जनता ने खुलकर भरोसा जताया और महागठबंधन को भी अच्छा वोट मिला। यहां जनसुराज से लेकर अन्य निर्दलियों की स्थिति काफी दयनीय रहा।

    मुंगेर में भी बुरा हाल, मोनाजिर सहित नौ की जब्त

    मुंगेर विधानसभा में भी जमानत जब्ती का स्यापा बना रहा। यहां कुल 211307 मतदाताओं ने मतदान किया। जमानत बचाने के लिए 35203 वोट की जरूरत थी। इस सीट पर कुल 11 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे थे, लेकिन नौ ने अपनी जमानत भी नहीं बचा सके। मुंगेर से एआईएमआईएम की टिकट पर मैदान में उतरे पूर्व मंत्री मोनाजिर हसन को जनता ने पूरी तरह नकार दिया। वे न सिर्फ जीत की दौड़ से बाहर हो गए, बल्कि अपनी जमानत भी गंवा बैठे।

    मुंगेर सीट पर मुकाबला पूरी तरह से दो दलों तक सिमटा रहा और अन्य सभी उम्मीदवारों की राजनीतिक जमीन खिसकती दिखी। जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर एनडीए प्रत्याशियों की जीत ने यह साफ कर दिया कि जनता ने पुरानी राजनीति को पीछे छोड़कर नए विकल्पों की ओर रूख किया है। एनडीए की ओर से लाए गए युवा और नए चेहरे जनता को पसंद आए और भारी मतों से उन्होंने जीत दर्ज की। जनता ने साफ संदेश दिया कि जो नेता जमीनी स्तर पर उनके साथ खड़ा रहा, वही उनका प्रतिनिधित्व करेगा।

    जिले की राजनीति में बड़ा बदलाव

    मुंगेर जिले में इस बार का चुनाव परिणाम कई कारणों से यादगार बन गया। पहली बार इतने बड़े स्तर पर उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई।

    तीनों सीटों पर एनडीए के पक्ष में स्पष्ट जनादेश मिला। बड़े-बड़े दिग्गज नेताओं की हार ने राजनीतिक हलकों में नई चर्चा छेड़ दी। निर्दलीय और नई पार्टियों के उम्मीदवारों को जनता ने बड़े पैमाने पर नकार दिया।

    नोट : चुनाव आयोग के मुताबिक, जब कोई उम्मीदवार सीट पर पड़े कुल वोटों का 1/6 यानी 16.66% वोट हासिल नहीं कर पाता तो उसकी जमानत जब्त कर ली जाती है।

    मुंगेर में किनको मिला कितना वोट

    • कुमार प्रणय- 108028
    • अविनाश कुमार विद्धार्थी- 89278
    • मोनाजिर हसन- 3598
    • संतोष कुमार मंडल-2035
    • संजय कुमार सिंह- 1809
    • रणवीर सिंन्हा- 1039
    • राज केसरी- 917
    • राकेश कुमार- 530
    • विकास कुमार आर्य-400
    • जमुनी लाला श्रीवास्तव-323
    • कृष्णा मंडल- 275
    • नोटा-3075

    तारापुर में किनको कितना मत

    • सम्राट चौधरी- 122480
    • अरुण कुमार- 76637
    • संतोष कुमार सिंह- 3898
    • राकेश कुमार- 2667
    • सुधीर सिंह- 1574
    • शंभु शंकर- 1284
    • भारत मंडल- 1143
    • बुलबुल कुमारी- 848
    • आशीष मंडल- 692
    • राहुल कुमार सिंह- 590
    • सुखदेव यादव- 387
    • प्रियंका चौहान- 369
    • दीपक कुमार- 282
    • नोटा- 2907

    जमालपुर में किनको कितना मत

    • नचिकेता- 96683
    • नरेंद्र कुमार - 60455
    • शिवदीप डब्लू लांडे- 15655
    • शैलेश कुमार- 14218
    • ललन जी- 3863
    • गोपाल कुमार- 1425
    • कपिलदेव दास- 1307
    • राजेश कुमार झा- 1059
    • रवि कुमार-955
    • हर्षवर्घन सिंह- 894
    • शिव कुमार पासवान- 850
    • मृत्यंजय कुमार सिंह-787
    • निर्मलजीत -549
    • जानी कुमार- 472
    • अशोक कुमार-458
    • नोटा- 1766

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