Bihar News: बिहार में टला बड़ा रेल हादसा, बेपटरी हुई मालगाड़ी; बगल की दीवार टूटी
जमालपुर रेल कारखाने में बड़ा हादसा होते-होते टल गया। मालगाड़ी शंटिंग के दोरान एक वैगन ट्रैक से उतर गया और दीवार से जा टकराया। वैगन की टक्कर की वजह से दीवार टूट गई। गनीमत रही की उस दौरान कोई ट्रेन वहां से नहीं गुजर रही थी। हादसे के बाद ट्रेनों का परिचालन बंद करते मलबा हटाने का काम किया जा रहा है।

जागरण संवाददाता, मुंगेर। जमालपुर रेल कारखाने की चहारदिवारी टूटकर अप रेलवे ट्रैक पर गिर गई। घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर राहत और बचाव टीम पहुंच गई है। दीवार के गिरे मलबे को रेलवे ट्रैक से हटाया जा रहा है। अप मार्ग पर ट्रेनों का आवगमन बंद कर दिया गया है।
मालगाड़ी शंटिंग के दौरान हादसा
गनीमत रही कि जिस समय ये हादसा हुआ उस वक्त वहां से कोई ट्रेन नहीं गुजर रही थी। बताया जाता है कारखाने के अंदर मालगाड़ी शंटिंग के लिए जा रही थी। मालगाड़ी आगे पीछे करने के दौरान एक वैगन ट्रैक से उतर गया और दीवार से जा टकराया।
रेलवे ट्रैक से मलबा हटाने का काम जारी।
खगड़िया: 17 में मात्र पांच बांध-तटबंध के प्रस्ताव को मिली स्वीकृति
खगड़िया ‘डुब्बा जिला’ के नाम से विख्यात है। यहां बाढ़ से सुरक्षा को लेकर बांध-तटबंधों की लंबी श्रृंखला है। सबसे लंबा गंगा पर बना तटबंध, गोगरी-नारायणपुर तटबंध है, इसकी लंबाई 50 किलोमीटर से अधिक है।
यह खगड़िया जिले के गोगरी, परबत्ता प्रखंड समेत भागलपुर जिले के नारायणपुर के एक हिस्से को भी सुरक्षित करता है।
बीते वर्ष इस तटबंध पर कई जगहों पानी का दबाव रहा। तटबंध के कई बिंदु संवेदनशील-अतिसंवेदनशील हैं। इधर गंगा और बूढ़ी गंडक की बाढ़ से सुरक्षा को लेकर, वर्ष 2025 बाढ़ पूर्व कराए जाने वाले कटाव निरोधक कार्य को लेकर बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल-एक, खगड़िया, की ओर से 17 प्रस्ताव भेजे गए थे, जिसमें तकनीकी समिति से 16 प्रस्तावों को स्वीकृति मिली।
वहीं, योजना समीक्षा समिति से मात्र पांच प्रस्ताव को ही स्वीकृति मिल सकी। गोगरी-नारायणपुर तटबंध के तीन और बूढ़ी गंडक तटबंध के दो स्थलों पर मिली स्वीकृति गंगा में तीन और बूढ़ी गंडक में दो जगहों पर बाढ़ पूर्व कटाव निरोधक कार्य को लेकर स्वीकृति प्रदान की गई है। ऐसे में, आगे बाढ़-बरसात के मौसम में बड़ी परेशानी आ सकती है।
गंगा की बाढ़ से सुरक्षा को लेकर बनाए गए नया गांव रिंग बांध पर भी बाढ़ पूर्व कटाव निरोधक कार्य को लेकर स्वीकृति नहीं मिल सकी है। मालूम हो कि वर्ष 2024 में बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवातीय तूफान का असर यहां भी देखने को मिला था। नया गांव रिंग बांध पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। साढ़े तीन किलोमीटर लंबे बांध का लगभग ढाई किलोमीटर हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ था।
उस समय बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल-एक, खगड़िया, की ओर से दिन-रात फ्लड फाइटिंग कार्य चलाकर बांध को बचाया गया था। क्षतिग्रस्त हिस्से की पूरी तरह से मरम्मत नहीं हो पाई है।
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