Bihar: भूमि सर्वे के साथ-साथ अब होगा हवाई सर्वे, बिहार के इस शहर में तैयारियां शुरू; जानिए खास बातें
बिहार में भूमि सर्वेक्षण के साथ-साथ अब हवाई सर्वेक्षण भी शुरू हो रहा है। तारापुर सहित छह नगर पंचायतों को इस योजना में शामिल किया गया है। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य शहरी भूमि रिकॉर्ड के लिए एक सटीक और व्यापक भू-स्थानिक डेटाबेस तैयार करना है। हवाई सर्वेक्षण से शहरी विकास में गति आएगी और आदालती मामलों कानूनी दस्तावेजीकरण और ऐतिहासिक भूमि डेटा विश्लेषण में सहायता मिलेगी।

संवाद सहयोगी, तारापुर (मुंगेर)। केंद्र के भूमि संसाधन विभाग के सौजन्य से नक्शा योजना के तहत सिटी सर्वे प्रोग्राम का शुभारंभ हुआ। मध्यप्रदेश के रायसेन से इसका देशव्यापी शुभारंभ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया। बिहार की छह नगर पंचायत इस योजना में शामिल हैं। इसमें तारापुर भी शामिल है।
ऑनलाइन बैठक में अनुमंडल सभागार में अधिकारियों नगर पंचायत के मुख्य पार्षद अंचल कार्यालय के राजस्व कर्मी, सर्वे की टीम, नगर पंचायत के वार्ड पार्षद थे। कार्यक्रम का उद्देश्य शहरी भूमि रिकॉर्ड्स के लिए एक सटीक और व्यापक भू-स्थानिक डाटाबेस तैयार करना है।
नक्शा सर्वे कार्यक्रम में उपस्थित पदाधिकारी। फोटो- जागरण
हवाई सर्वे से क्या फायदा मिलेगा?
यह कार्यक्रम हवाई और जमीनी सर्वेक्षणों को उन्नत जीआईएस तकनीक के साथ जोड़कर भूमि प्रशासन को बेहतर बनाएगा। नक्शा कार्यक्रम की प्रमुख विशेषताओं में शहरी क्षेत्रों के लिए भू-स्थानिक मैपिंग करना, आधुनिक भूमि सर्वेक्षण तकनीकों का प्रयोग करना है।
शहरी विकास में आएगी गति
इससे आदलती मामलों, कानूनी दस्तावेजीकरण और ऐतिहासिक भूमि डाटा विश्लेषण में सहायता मिलेगी। त्वरित और अधिक प्रभावी शहरी योजना में सटीक भूमि डेटा से बेहतर जोनिंग, बुनियादी ढांचे के विकास और शहरी विस्तार में न्यूनतम देरी होगी।
परिवहन योजना आवासीय परियोजनाओं और सतत शहरी विकास में सहायता मिलेगी। जिला बंदोबस्त पदाधिकारी सुनील कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी राकेश कुमार रंजन, कार्यपालक पदाधिकारी नितेश कुमार ने भी जानकारियां दी।
तीन चरणों में पूरा होगा हवाई सर्वे
सुनील कुमार ने कहा की यह काम तीन चरणाें में होगा। पहले ड्रोन के माध्यम से हवाई सर्वेक्षण कर क्षेत्र का फोटो लिया जाएगा। सर्वे टीम प्राप्त नक्शा को लेकर स्थल पर जाकर सत्यापन करेगी। नक्शा पोर्टल मोबाइल पर अपलोड कर लोगों से प्राप्त आपत्ति का निराकरण होगा। फिर डिजिटल कार्ड मिलेगा, जिसमें ब्योरा दर्ज होगा।
सर्वे ऑफ इंडिया के तकनीकी पदाधिकारी आर.डी साह ने कहा कि 2020 से देश में गांव की मैपिंग की जा रही है। अभी वैसे शहरों में सर्वे हो रहा है, जिसकी आबादी दो लाख से कम है।
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