Bihar Bhumi Survey: पारिवारिक बंटवारे के लिए रजिस्टर्ड दस्तावेज जरूरी, जमीन मालिक ध्यान से पढ़ लें नियम
बिहार भूमि सर्वेक्षण के दौरान जमीन बदलने के लिए रजिस्टर्ड दस्तावेज होना जरूरी है। मौखिक समझौते मान्य नहीं होंगे। स्व घोषणा के समय जमीन का रकबा चौहद्दी खेसरा की जानकारी जमाबंदी की फोटो कॉपी खतियान का नकल आदि देना अनिवार्य है। नए खतियान में खेसरा नंबर बदला रहेगा और प्लॉट का नक्शा भी मिलेगा। यह जानकारी प्रभारी जिला बंदोबस्त पदाधिकारी कमलेश प्रसाद ने दी है।

जागरण संवाददाता, दरभंगा। पारिवारिक बंटवारे का भी रजिस्टर्ड दस्तावेज जरूरी है। अगर बंटवारा मौखिक हुआ है, तो संयुक्त खतियान बनेगा। सर्वे के दौरान जमीन बदलने (Bihar Bhumi Survey) का मौखिक समझौता मान्य नहीं होगा। उक्त बातें प्रभारी जिला बंदोबस्त पदाधिकारी कमलेश प्रसाद ने कही है।
उन्होंने कहा है कि समझौते का रजिस्टर्ड दस्तावेज जरूरी है। अगर जमीन बदलने का रजिस्टर्ड दस्तावेज है, तब ही संबंधित नाम से खतियान बनेगा। समझौता रजिस्टर्ड नहीं होने की स्थिति में मूल मालिक के नाम से ही खतियान बनाया जाएगा। अगर बंटवारा मौखिक हुआ है, तो संयुक्त खतियान बनेगा।
रैयतों को देने होंगे ये जरूरी डॉक्युमेंट्स
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, स्व घोषणा के समय अपनी जमीन का रकबा, चौहद्दी, खेसरा की जानकारी, जमाबंदी यानी मालगुजारी रसीद की फोटो कॉपी, खतियान का नकल आदि दस्तावेज देना अनिवार्य है। अगर ऑनलाइन रसीद कट रही है तो रसीद भी देनी होगी।
मापी के दौरान जमीन मालिक को रहना होगा मौजूद
अमीन स्थल पर मापी कर नक्शे में प्लॉट को अलग-अलग करेंगे। सर्वे कार्यालय के पास एरियल सर्वे का जो नक्शा है, उसमें बगीचों के पास वाले कई प्लॉट्स को एक दिखाया गया है। ऐसे में सर्वे के दौरान अमीन स्थल पर मापी कर नक्शे में प्लॉट को अलग-अलग करेंगे। इस दौरान जमीन मालिक को जमीन पर रहना जरूरी होगा।
उन्होंने बताया कि जमीन की मापी की जिम्मेदारी रैयतों की निर्धारित की गई है। स्व घोषणा के बाद अमीन जमीन की मापी करेंगे। जमीन मालिक को दखल कब्जा की जानकारी देनी होगी। जमीन पर सही दखल कब्जा मिलने से सही खतियान बनाने में मदद मिलेगी। रैयत को तीन बार अपील का मौका मिलेगा।
नए खतियान में अलग होगा खेसरा नंबर, प्लॉट का नक्शा भी मिलेगा
कागजात की जांच एवं जमीन की मापी के बाद रैयत को खतियान मिलेगा। नए खतियान में खेसरा नंबर बदला रहेगा। प्लॉट का नक्शा भी मिलेगा। किसी तरह की गड़बड़ी की स्थिति में अपील करने का मौका दिया जाएगा। समस्या को ठीक कर अधिकारी प्रपत्र 12 जारी करेंगे। बावजूद, सुधार नहीं होने पर प्रपत्र 14 से अपील किया जा सकता है।
अगर जमीन का मालिक नहीं मिला तो...
- इसके बाद प्रपत्र 21 से अपील करने का मौका दिया जाएगा। ऐसी जमीन जो जोत में हो और उससे संबंधित कोई कागजात नहीं है, ऐसे में जमीन के मूल मालिक की खोज होगी।
- खोज में मूल मालिक के नहीं मिलने पर जमीन बिहार सरकार की घोषित की जा सकती है। ऐसे में सरकारी जमीन हड़पने वाले के पसीने छूट रहे हैं, खासकर जो लाखों-करोड़ों रुपये के मकान निर्माण कर लिए हैं।
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