Bihar Crime News: झाड़-फूंक के चक्कर में गई सफाईकर्मी की जान, पत्थर से कूचकर की गई निर्मम हत्या
नगर परिषद जमालपुर में तैनात सफाईकर्मी विलास की पत्थर से कूचकर हत्या कर दी गई तथा उसका शव खेत में फेंक दिया गया। पहचान छिपाने की नीयत से उसके सिर को पत्थर से पूरी तरह कुचल दिया गया था। शव की पहचान जेब से मिले आधार कार्ड की छाया प्रति से हुई। विलास झाड़-फूंक भी करता था। अंदेशा है कि इसी चक्कर में उसकी हत्या की गई।

जागरण संवाददाता, मुंगेर: नगर परिषद जमालपुर में तैनात सफाईकर्मी विलास की पत्थर से कूचकर हत्या कर दी गई तथा उसका शव खेत में फेंक दिया गया।
पहचान छिपाने की नीयत से उसके सिर को पत्थर से पूरी तरह कुचल दिया गया था। शव की पहचान जेब से मिले आधार कार्ड की छाया प्रति से हुई।
विलास भागलपुर के इशाकचक के रहने वाले चंडी मल्लिक का बेटा था और वह झाड़-फूंक भी करता था। अंदेशा है कि इसी चक्कर में उसकी हत्या की गई।
क्या बोले स्थानीय थानाध्यक्ष
घटना की सूचना मिलते ही नया रामनगर थानाध्यक्ष कौशल कुमार और ईस्ट कॉलोनी थानाध्यक्ष विजय यादवेंदु घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस मामले की पड़ताल कर रही है।
नया रामनगर थानाध्यक्ष ने बताया कि सफाईकर्मी की हत्या बुधवार को हुई है। घटनास्थल के पास विलास को एतवारी के साथ देखा गया था।
सफाईकर्मी विलास झाड़-फूंक भी करता था। एतवारी की पुत्री की तबीयत खराब थी। विलास झाड़-फूंक करने पहुंचा था।
जमालपुर नगर परिषद में सफाई कर्मी था मृतक
पुलिस घटना के बाद जब एतवारी के घर पहुंची तब वह फरार हो गया था। एतवारी घटनास्थल से कुछ दूरी पर झोपड़ी में परिवार के साथ रहता है।
विलास जमालपुर नगर परिषद कार्यालय में स्थायी सफाई कर्मी है। चार सितंबर के बाद वह काम पर नहीं आया।
चार सितंबर के बाद से विलास का कोई अता-पता नहीं
नगर परिषद कार्यालय के अनुसार, उसकी ड्यूटी कभी वार्ड की सफाई तो कभी ट्रैक्टर से कूड़ा की ढुलाई में लगाई जाती थी। विलास अपने पास मोबाइल फोन नहीं रखता था।
नगर परिषद के सफाई निरीक्षक सत्यनारायण मंडल ने बताया कि चार सितंबर के बाद से विलास का कोई अता-पता नहीं था।
28 साल पुराने गबन के मामले में तत्कालीन टेलीकॉम GM समेत 3 को सजा
जागरण संवाददाता, पटना: गबन के एक मामले में सीबीआइ के विशेष जज अविनाश कुमार की अदालत ने गया (दक्षिण) टेलीकाम के तत्कालीन महाप्रबंधक (जीएम) सहित तीन अभियुक्तों को मंगलवार को सजा सुनाई।
अदालत ने तत्कालीन जीएम बृजभूषण राय, तत्कालीन जिला अभियंता रमापति चखैयार और नालंदा टेलीकॉम के प्रोपराइटर परवेज अहमद को पांच-पांच वर्ष कैद व जुर्माने की सजा सुनाई है।
विदित हो कि सीबीआइ ने 29 जनवरी, 1996 को मामला दर्ज किया था। इस मामले में अभियुक्तों ने अपने पद का दुरुपयोग कर नियमावली का उल्लंघन करते हुए बिना टेंडर के नालंदा टेलीकाम को टेलीफोन उपकरणों की मरम्मत का काम देकर 15 लाख 53 हजार 10 रुपये की सरकार को क्षति पहुंचाई थी। इस मामले में सीबीआइ ने कुल 29 लोगों से गवाही करवाई।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।