Bihar Rapid Train: पटना से करीब हुआ नेपाल, नमो भारत ट्रेन के चलने से सुविधा के साथ हो रही समय की बचत
Bihar Rapid Train प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई नमो भारत रैपिड ट्रेन से नेपाल के लोगों को पटना तक की यात्रा में सुविधा होगी। जयनगर से यह ट्रेन 530 घंटे में पटना पहुंचेगी जिससे नेपाल से आने वाले यात्रियों का कुल यात्रा समय लगभग 6 घंटे हो जाएगा। इससे भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों को काफी लाभ होगा।

मो. अली, जयनगर (मधुबनी)। Bihar Rapid Train: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को देश की दूसरी नमो भारत रैपिड ट्रेन चलाकर जहां मधुबनी के लोगों को बड़ी सुविधा दी है। वहीं, अब पटना से नेपाल और करीब हो गया है।
नमो भारत रैपिड सुबह 5 बजे चलकर 10:30 बजे तक पटना पहुंचेगी। बरौनी-मोकामा रुट से चलने वाली नमो भारत रैपिड ट्रेन 265 किमी की दूरी महज 5:30 घंटे में तय करेगी।
जयनगर से नेपाल के जनकपुरधाम तक चलने वाली नेपाली ट्रेन से अभी जयनगर आने में करीब 30 मिनट का वक्त लगता है। यानी 30 मिनट और 5:30 घंटे, कुल छह घंटे में नेपाल के लोग पटना पहुंच जाएंगे।
जयनगर से पहले से दो इंटरसिटी और दो एक्सप्रेस ट्रेन जयनगर से पटना के बीच चलती है। सुबह 3:15 में चलने वाली कमला गंगा एक्सप्रेस पटना पहुंचने में 10 घंटे लेती है। सुबह 5:25 बजे और 10:50 बजे चलने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस करीब 243 किमी दूरी तय करने में लगभग 7:30 घंटे का समय लेती है।
यह दोनों ट्रेन मुजफ्फपुर-हाजीपुर रूट से चलती है। गरीब रथ सप्ताह में दो दिन पटना होकर जाती है। इसमें करीब छह घंटे लगता है। गरीब रथ और कमला गंगा बरौनी-मोकामा रूट से 265 किमी तय करती है।
बता दें कि जयनगर से पटना के बीच चलने वाली नमो भारत रैपिड ट्रेन के डिजाइन को रेलवे ने मैट्रो ट्रेन का रुप दिया है।
इस ट्रेन की अधिकतम स्पीड 160 किमी प्रति घंटा है। लेकिन जयनगर से पटना के बीच इसे 110 किमी प्रति घंटा के स्पीड से परिचालन किया जा रहा है।
16 डिब्बे वाला नमो भारत रैपिड ट्रेन बिहार के लोगों के लिए अजूबा ट्रेन है। ट्रेन और डिब्बे के अधिकांश सिस्टम की ऑपरेटिंग चालक और ट्रेन मैनेजर द्वारा किया जा सकता है।
वर्तमान में जयनगर से चलने वाली ट्रेनों में एलएचबी (लाल रंग) और आईसीएफ (ब्लू, बदामी रंग) के डिब्बे लगे होते हैं। लेकिन नमो भारत रैपिड ट्रेन को नमो भारत रैक के नाम से जाना जाता है। पहले के अन्य ट्रेन की तुलना में इसका बनावट और डिजाइन बहुत अलग है।
ट्रेन का पूरा डिब्बा एसी वातानुकूलित है। चालक और गार्ड अपने कैबिन से डिब्बे में आना जाना कर सकते हैं। ट्रेन के प्रस्थान के लिए सिग्नल मिलते ही चालक द्वारा ऑटोमैटिक दरवाजा के बटन को दबाते ही सभी डिब्बे के दरवाजे बंद हो जाएगें।
डिब्बे के अंदर सीसीटीवी कैमरे के साथ बैठने के लिए आरामदायक सीट लगाए गए हैं। टीवी स्क्रीन से ट्रेन का नाम और नंबर एवं जगह दर्शाया गया है।
क्या कहते हैं नेपाली नागरिक
नेपाल के जनकपुर निवासी राजेश कुमार कर्ण, सुजित झा, सिरहा निवासी सुरेन्द्र कामती, जनकनंदनी गांव निवासी पूजन गोईत एवं राकेश कुमार गोईत समेत अन्य ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बिहार का पहला नमो भारत रैपिड ट्रेन का परिचालन करने से भारत नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र के अलावे नेपाल के लोगों को इसका लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि यह ट्रेन भारत के अन्य जगह से चलाया जा सकता था। लेकिन नेपाल के लोगों का ख्याल रखते हुए नेपाल सीमा से सटे सीमावर्ती जयनगर रेलवे स्टेशन से पटना के बीच चलाया गया। इससे भारत के साथ नेपाल के लोगों को मात्र 6 घंटे में पटना तक की यात्रा कर सकते हैं।
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