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    अयोध्या से 7 साल बाद बेनीपट्टी पहुंचेगी भगवान श्रीराम की बरात, परोसा जाएगा मिथिला का फेमस भोजन; ऐसी है तैयारी

    Updated: Tue, 26 Nov 2024 05:31 PM (IST)

    अयोध्या से सात साल बाद एक दिसम्बर को बेनीपट्टी में भगवान श्रीराम की बरात पहुंचेगी। बरात में शामिल पाहुनों को मिथिलांचल के प्रसिद्ध भोजन परोसा जाएगा। बेनीपट्टी में बरात का भव्य स्वागत किया जाएगा और बरातियों को पाग दोपटा से सम्मानित किया जाएगा। बरात का नास्ता व भोजन भव्य रूप से कराया जाएगा। तैयारी को लेकर एक टीम भी तैयार की गई है।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    संवाद सूत्र, बेनीपट्टी। अयोध्या से सात साल बाद एक दिसम्बर को बेनीपट्टी में भगवान श्रीराम की बरात पहुंचेगी। मिथिलांचल के प्रसिद्ध भोजन अयोध्या से आये भगवान श्रीराम की बरात में शामिल पाहुन के बीच परोसा जाएगा।

    बेनीपट्टी बाजार के विश्वम्भरनाथ महादेव मंदिर परिसर में तैयारी समिति की बैठक विश्व हिन्दू परिषद के प्रखंड अध्यक्ष संतोष कुमार झा की अध्यक्षता में हुई। जिसमें 25 सदस्यीय कमिटी का गठन किया गया है।

    बेनीपट्टी के बाइपास रोड स्थित मिथिलांचल प्राइड पब्लिक स्कूल में बारात के लिये रात्रि विश्राम ठहराव स्थल बनाया गया है। दरभंगा जिला के अहिल्या स्थान से एक दिसम्बर को अयोध्या से आ रही श्रीराम की बरात बेनीपट्टी प्रवेश करेगी।

    बेनीपट्टी में प्रवेश करने के बाद भगवान श्रीराम की बरात में शामिल पाहुन को बाजार में पुष्प वर्षा की जाएगी। बरातियों का मिथिला की परंपरा के अनुसार भव्य स्वागत किया जाएगा।

    बेनीपट्टी ठहराव स्थल पर पहुंचने पर आरती के साथ बरात का होगा स्वागत

    भगवान श्रीराम बरात को बेनीपट्टी में रात्रि विश्राम स्थल पर पहुंचने के साथ ही बरात में आये पाहुन को आरती के साथ स्वागत की जाएगी। फिर मिथिला के परंपरा के अनुसार बरातियों को पाग दोपटा से सम्मानित किया जाएगा।

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    भगवान श्रीराम के मिथिला में ससुराल रहने के कारण अयोध्या से आने वाले बरात भगवान श्रीराम की बरात को मां जानकी धरती मिथिला में भव्य रूप से स्वागत की जाएगी।

    बरातियों के स्वागत में तौरणद्वार बनाया जाएगा, सड़कों पर रंगोली सजायी जाएगी, मंगल टीका लगाकर बरातियों की आरती उतारी जाएगी। फिर फूल माला पहनाकर अभिनंदन होगा।

    अयोध्या से आये भगवान श्रीराम की बरात में शामिल पाहुनों के बीच मिथिला के परंपरा के तहत विभिन्न व्यंजन परोसे जाएंगे। मिथिला के प्रसिद्ध तिलकोर, खम्हाउरक के तरूआ व चूड़ा दही एवं मखान का खीर व विभिन्न प्रकार के मिठाई का स्वाद चखाया जाएगा।

    रात में भगवान श्रीराम की बरात का नास्ता व भोजन भव्य रूप से कराया जाएगा। दो दिसम्बर की सुबह बरात बासोपट्टी होते हुए हरलाखी प्रखंड के विशौल के लिए प्रस्थान करेगी।

    बैठक में विभिन्न संगठनों ने लिया भाग

    बैठक में विश्व हिन्दू परिषद उत्तर बिहार के प्रदेश संघ मंत्री अरविन्द कुमार, धर्मयात्रा महासंघ के प्रांत मंत्री दिगम्बर तिवारी, एकल अभियान के संच प्रमुख अशोक कुमार सिंह, विश्व हिन्दू परिषद के जिला उपाध्यक्ष रतीश मिश्र, विश्व हिन्दू परिषद के प्रखंड अध्यक्ष संतोष कुमार झा, स्वयं सेवक यातायात प्रधान अभिषेक कुमार गोल्डेन, मोहन ठाकुर, मोहन गिरी, जिला समरस्ता प्रमुख सहदेव, रामबाबू साह, नरेश यादव, खंड सेवा प्रमुख श्याम शंकर झा, पंकज झा, तिरपुरारी ठाकुर, विश्व हिन्दू परिषद जिला उपाध्यक्ष अरूण, दिगम्बर राकेश, राजेश कुमार, केशव, महेश कुमार, मिथिलेश झा, भाजपा के प्रदेश कार्य समिति सदस्य रंधीर ठाकुर, ब्रहभूषण दास सहित अन्य लोगों ने विचार प्रकट किया।

    पौराणिक व ऐतिहासिक रामायणकाल से जुड़ा है बेनीपट्टी अनुमंडल क्षेत्र 

    बेनीपट्टी अनुमंडल का पौराणिक व ऐतिहासिक एवं धार्मिक यह भू भाग रामायणकाल से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि धनुष यज्ञ जनकपुर नेपाल में जाने के दौरान विश्वमित्र के साथ भगवान श्रीराम, लक्ष्मण ने सिद्धपीठ उच्चैठ भगवती स्थान में मां देवी दुर्गा की पूजा अचर्ना की थी। उच्चैठ भवगती की पूजा के बाद भगवान श्रीराम अपने गुरु के साथ जनकपुर नेपाल के लिए प्रस्थान हुए।

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