Bihar News: 'पत्नी का हक चाहिए तो कबूल करो...', BPM ने खोला अशरफ की करतूतों का काला चिट्ठा
बिहार में शिक्षा विभाग का लिपिक कमाल अशरफ अपने ही विभाग की बीपीएम (ब्लॉक प्रोजेक्ट मैनेजर) को प्रेम जाल में फंसाकर उसपर मतांतरण का दबाव बनाता था। वह हिंदू लड़कियों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करता था। पीड़िता से कहता था कि यदि पत्नी का हक चाहिए तो शादी से पहले मतांतरण जरूरी है। हिंदू रीति-रिवाज को त्यागकर इस्लाम धर्म की व्यवस्था को अपनाना होगा।

संवाद सहयोगी, लखीसराय। हिंदू लड़की भोग की वस्तु है। यदि पत्नी का हक चाहिए तो शादी से पहले मतांतरण जरूरी है। हिंदू रीति रिवाज को त्याग कर मुस्लिम धर्म की व्यवस्था को अपनाना होगा। गो मांस खाना होगा एवं अन्य लोगों से शारीरिक संबंध भी बनाने होंगे। शिक्षा विभाग का लिपिक कमाल अशरफ 16 वर्षीय किशोरी (वर्ष 2024 में बनी शिक्षा विभाग की बीपीएम) को प्रेम जाल में फंसाने के जब वह बालिग हुई और एक बच्चे की मां बनी तो उक्त बातों को लेकर दबाव बनाता था।
उसके साथ अमानवीय व्यवहार करता था। अपने साथी शिक्षक के साथ न सिर्फ शारीरिक संबंध बनाने को कहता था, बल्कि पूजा-पाठ सहित अन्य सनातनी परंपरा का विरोध करते हुए ऐसा करने से मना करता था। विरोध करने पर मारपीट करता था। 12 सितंबर 2024 को पूजा करने के लिए मंदिर जाते देख बेरहमी से पीट दिया जिससे महिला बीपीएम का हाथ एवं पैर भी टूट गया।
लखीसराय के डॉक्टर पंकज के यहां उसने अपना इलाज कराया। शिक्षा विभाग की बीपीएम ने ये बातें अपनी प्राथमिकी एवं पुलिस को दिए बयान में कही है।
अशरफ ने खुद को बताया सुमित कुमार, फिर फंसाया प्रेमजाल में
गौरतलब है कि कमाल अशरफ पब्लिक प्लस टू हाई स्कूल सूर्यगढ़ा में पदस्थापित एवं शिक्षा विभाग के डीपीओ स्थापना में प्रतिनियुक्त लिपिक है। वर्ष 2012 में उक्त लिपिक जनता उच्च विद्यालय अलीनगर में पदस्थापित था। इसी दौरान लिपिक कमाल अशरफ ने खुद को राजस्थान का सुमित कुमार बताकर 16 वर्षीय किशोरी को प्रेमजाल में फंसाया और अपने साथ ले भागा।
किशोरी का बालिग होने तक किया यौन शोषण
इसके बाद बालिग होने तक किशोरी का जमुई, आसनसोल एवं मुंगेर में रखकर यौन शोषण करते रहा। लिपिक कमाल अशरफ ने लड़की के बालिग होने तक उसको खुद के मुस्लिम होने का पता नहीं चलने दिया।
वर्ष 2014 में गर्भवती होने पर लड़की ने कथित सुमित कुमार से गर्भपात कराने की इच्छा जताई, लेकिन उसने लड़की को पूरी तरह अपने कब्जे में करने के उद्देश्य से गर्भपात नहीं कराने दिया।
इतना ही नहीं, गर्भवती होने के साथ-साथ लड़की के बालिग होने पर कथित सुमित उसे लखीसराय न्यायालय लेकर आया और 164 के तहत दर्ज कराए। बयान में उसके साथ शादी करने की बात स्वीकार कराते हुए मामले को रफा-दफा करा दिया गया था। अब उसे न तो पुलिस का और न ही लड़की के स्वजन को भय रहा।
2015 में अशरफ ने बताई अपनी सच्चाई
जनवरी 2015 में वह कुंवारी मां बन गई। इसके बाद शादी का दबाव डालने पर कथित सुमित ने लड़की को अपना असली परिचय देते हुए मतांतरण करने के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। लड़की पूरी तरह से कमाल अशरफ के जाल में फंस चुकी थी।
पीड़िता को हर तरह से किया प्रताड़ित
लिपिक कमाल अशरफ द्वारा कुरान पढ़ने, गो मांस खाने, प्राथमिक विद्यालय मकतब बालगुदर के शिक्षक इब्राहिम अहमद उर्फ शमशाद आलम के साथ शारीरिक संबंध बनाने एवं मतांतरण करने के लिए पीड़िता को हर तरह से प्रताड़ित किया जाने लगा।
हालांकि, तमाम प्रताड़ना सहने के बावजूद पीड़िता ने इस्लाम धर्म नहीं कबूला। अब वह लिपिक कमाल अशरफ एवं उसके सहयोगी को सजा दिलाने के लिए पुलिस की शरण में है।
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