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    Lakhisarai News: शिक्षा विभाग का बड़ा एक्शन, रद की भ्रष्टाचार के आरोपी क्लर्कों की प्रतिनियुक्ति

    By Jagran NewsEdited By: Divya Agnihotri
    Updated: Sun, 06 Apr 2025 09:28 AM (IST)

    बिहार के लखीसराय जिले में शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच दो लिपिकों (क्लर्क) की प्रतिनियुक्ति रद्द कर दी गई है। इन लिपिकों पर विभिन्न विद्यालयों में बिना काम कराए ठेकेदारों से मोटी कमीशन लेकर अग्रिम भुगतान करने का प्रयास करने का आरोप है। जिलाधिकारी ने भुगतान पर रोक लगा दी है। ऐसे में देखना होगा कि अब आगे इन पर क्या कार्रवाई होती है।

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    शिक्षा विभाग ने जांच के बिना हटाए दो प्रतिनियुक्त लिपिक

    मनोज कुमार सिंह, लखीसराय। जिले के विभिन्न विद्यालयों में भवन मरम्मत, चहारदीवारी निर्माण सहित अन्य कार्य कराए बिना करोड़ों की राशि की निकासी के प्रयास में फंसे शिक्षा विभाग ने जांच से पहले ही अपने कार्यालय में प्रतिनियुक्त दो लिपिक का प्रतिनियोजन रद कर दिया है।

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    ठेकेदारों से कमीशन लेने का आरोप

    विभिन्न विद्यालयों में बिना काम कराए ठेकेदारों से मोटा कमीशन लेकर अग्रिम भुगतान करने के प्रयास में उक्त दोनों लिपिक, अभियंता एवं पदाधिकारी की संयुक्त सांठ-गांठ सामने आ रही है। जिलाधिकारी मिथिलेश मिश्र ने जब भुगतान पर रोक लगा दी तो अब खुद के फंसते गर्दन को बचाने में हर कोई लग गया है।

    डीएम के एक्शन पर टिकी निगाहें

    अब सबकी निगाहें डीएम पर टिकी है कि वे सिर्फ राशि निकासी पर रोक लगाकर फाइल बंद करेंगे या फिर इस लूट के प्रयास में शामिल कर्मियों एवं अधिकारियों के खिलाफ जांच करके कार्रवाई भी करेंगे। फिलहाल दो लिपिक मुहम्मद कमाल अशरफ (स्थापना) एवं नीरज कुमार (लेखा योजना) को डीपीओ ने हटा दिया है।

    दोनों लिपिकों की प्रतिनियुक्ति रद

    मुहम्मद कमाल अशरफ एवं नीरज कुमार पब्लिक हाई सूर्यगढ़ा के लिपिक हैं। स्थापना में विभागीय लिपिक रहने के बाद भी अधिकारी ने लंबे समय से इनकी प्रतिनियुक्ति अपने कार्यालय में कर रखी थी। डीपीओ स्थापना सह अतिरिक्त प्रभार योजना लेखा संजय कुमार ने दोनों लिपिक की प्रतिनियुक्ति रद करने की पुष्टि की है।

    लिपिक ने ही लिखी थी फर्जी निकासी की पठकथा

    सरकारी विद्यालयों में असैनिक कार्य की आड़ में भ्रष्टाचार के हुए खेल में स्थापना कार्यालय में प्रतिनियुक्त लिपिक मुहम्मद कमाल अशरफ, योजना लेखा में प्रतिनियुक्त लिपिक नीरज कुमार एवं सौरभ कुमार ही मास्टर माइंड हैं।

    उक्त तीनों लिपिक ने ही इस भ्रष्टाचार की पठकथा लिखी, जिसमें योजना लेखा के सहायक अभियंता सह प्रभारी कार्यपालक अभियंता सुबोध कुमार,कनीय अभियंता अभयदेव पाल, बंटी कुमार, देव कुमार आदि ने मिलीभगत की।

    इसमें विद्यालयों में चहारदीवारी, किचन निर्माण, कमरे से मार्बल पत्थर लगाने, विद्युतीकरण, बोरिंग आदि कार्य का भौतिक सत्यापन किए कार्य को पूर्ण दिखाकर बिल विपत्र जमा कर रखा था।

    उधर डीपीओ स्थापना संजय कुमार ने बताया कि तकनीकी पदाधिकारियों के बिल विपत्र जमा होने पर पहले जिला शिक्षा पदाधिकारी के यहां सुपुर्द किया जाता है। उसके बाद लेख योजना एवं स्थापना कार्यालय आता है। उसे जांच कर पुनः जिला शिक्षा पदाधिकारी के यहां जाने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होती है।

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